(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1468/2011
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन
बनाम
मो0 नासिर हुसैन पुत्र स्व0 मो0 आयूब
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक : 20.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-81/2010, मो0 नासिर हुसैन बनाम अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड में विद्वान जिला आयोग, गाजीपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04.01.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री मोहन अग्रवाल को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. प्रश्नगत निर्णय/आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि 18 वर्ष की अवधि तक विद्युत बिल प्रेषित नहीं किए गए तथा 18 वर्ष पश्चात जून 2010 में अंकन 2,83,411/-रू0 का बिल प्रेषित कर दिया गया, इसी आधार पर बिल को निरस्त करने का आदेश विद्वान जिला आयोग ने पारित किया, परन्तु चूंकि स्वंय परिवादी ने स्वीकार किया है कि 5 हार्स पावर का विद्युत मोटर कनेक्शन प्राप्त किया था, जिसका संचालन वर्ष 1992 तक किया गया, इसके पश्चात विद्युत कनेक्शन विच्छेदित करने के लिए अनुरोध किया गया तथा वांछित शुल्क भी जमा किया गया और पूर्व का बकाया भी जमा कर दिया गया था। अपीलार्थी की ओर से भी वर्ष
-2-
1992 तक का बकाया होने का कोई कथन नहीं किया गया। अत: अपीलार्थी अधिकतम 06 माह तक ही न्यूनतम शुल्क वसूल कर सकता है। अत: यह आदेश तदनुसार परिवर्तित होने योग्य है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
3. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04.01.2011 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी द्वारा सूची 8 सी एवं 9 सी से जमा धनराशि के पश्चात केवल 06 माह की अवधि तक ही न्यूनतम विद्युत शुल्क विद्युत विभाग वसूल कर सकता है। इसी प्रकार क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 5000/-रू0 जो अधिरोपित की गई है, उसे अपास्त किया जाता है। शेष निर्णय/पुष्ट किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2