राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण संख्या-24/2016
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, मेरठ द्वारा परिवाद संख्या 68/2013 में पारित आदेश दिनांक 29.01.2016 के विरूद्ध)
Cholamandalam MS General Insurance Company Ltd, Regional Office, 2nd floor, 4 Marry Gold, Shah Najaf Road, Sapru Marg, Lucknow through its Assistant General Manager ....................पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम
Mohammad Hasan son of Mohd. Hussain, resident of Mohalla Shekhan, Chowk Bazar Main Market P.O. Sherkot, District Bijnore, Uttar Pradesh, at present care of Dr. Mohd. Yasin Ansari, H.No. 378/11, Shashtri Nagar Meerut. ................प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री तरूण कुमार मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 09.08.2016
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
वर्तमान पुनरीक्षण याचिका धारा-17 (1) (बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, मेरठ द्वारा परिवाद संख्या-68/2013 मौ0 हसन बनाम चोलामण्डलम एम.एस. जनरल इन्श्योरेंस कं0 लि0 में पारित आदेश दिनांक 29.01.2016 के विरूद्ध उपरोक्त परिवाद के विपक्षी चोलामण्डलम एम.एस. जनरल इन्श्योरेंस कं0 लि0 की ओर से प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्त परिवाद के विपक्षी, जो वर्तमान में पुनरीक्षणकर्ता है, की ओर से परिवाद में पारित आदेश दिनांक 22.01.2014 को अपास्त करते हुए लिखित कथन प्रस्तुत करने की अनुमति हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
हमने पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश का अवलोकन किया है।
राजीव हितेन्द्र पाठक व अन्य बनाम अच्युत काशी नाथ कारेकर व
-2-
एक अन्य IV (2011) CPJ 35 (SC) और न्यू इण्डिया एश्योरेंस कं0लि0 बनाम हिली मल्टीपरपज कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 1 (2016) CPJ 1 (SC) में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त के प्रकाश में जिला फोरम द्वारा पारित आदेश त्रुटिपूर्ण या अवैधानिक नहीं कहा जा सकता है। अत: प्रश्नगत आदेश में हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है।
माननीय राष्ट्रीय आयोग ने, अपील संख्या-257/16 रूद्र बिल्डवेल कंस्ट्रक्शंस प्रा0लि0 व अन्य बनाम धर्मपाल में पारित निर्णय और आदेश दिनांक 26.05.2016 में, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्यू इण्डिया एश्योरेंस कं0लि0 बनाम हिली मल्टीपरपज कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 के उपरोक्त वाद में प्रतिपादित सिद्धान्त का अनुसरण किया है, परन्तु यह कहा है कि लिखित कथन प्रस्तुत करने में विफल रहने पर भी यदि विपक्षी परिवाद की अग्रिम कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहता है तो उसे विधि के अनुसार अनुमति दी जा सकती है।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर वर्तमान पुनरीक्षण याचिका निरस्त की जाती है। माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा उपरोक्त वाद रूद्र बिल्डवेल कंस्ट्रक्शंस प्रा0लि0 व अन्य बनाम धर्मपाल के निर्णय में प्रतिपादित सिद्धान्त के प्रकाश में पुनरीक्षणकर्ता जिला फोरम के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने हेतु स्वतंत्र है। यदि ऐसा कोई प्रार्थना पत्र जिला फोरम के समक्ष उसके द्वारा प्रस्तुत किया जाता है तो जिला फोरम माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा उपरोक्त वाद में प्रतिपादित सिद्धान्त के आधार पर विधि के अनुसार आदेश पारित करेगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1