(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1467/2009
प्रबंध निदेशक (मैनेजिंग डायरेक्टर) इण्टरनेशनल ट्रैक्टर्स लि0 तथा एक अन्य
बनाम
मो0 फारूख खान पुत्र स्व0 श्री रिफाकत खान तथा दो अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 22.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-157/2006, मो0 फारूख खान तथा दो अन्य बनाम प्रबंधक निदेशक इण्टरनेशनल ट्रैक्टर्स लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, रामपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29.07.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए ट्रैक्टर का एक पार्ट बदलने का आदेश पारित किया है ताकि ट्रैक्टर समुचित रूप से अपना कार्य सम्पादित कर सके।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्वारा अंकन 3,30,000/-रू0 का ऋण प्राप्त कर एक ट्रैक्टर क्रय किया गया, लेकिन
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क्रय करने के पश्चात ही ट्रैक्टर आवाज करने लगा तथा उचित रूप से कार्य करना बंद कर दिया और अनेक त्रुटियां उत्पन्न हो गई। ऐसा वारण्टी अवधि के दौरान हुआ।
4. विपक्षीगण ने लिखित कथन में ट्रैक्टर विक्रय करना स्वीकार किया, परन्तु शेष आरोपों से इंकार किया गया। दिनांक 22.6.2006 को ट्रैक्टर में उत्पन्न त्रुटियों की शिकायत दर्ज कराई गई और पाया गया कि Differential housing Cracked हुआ था, जो भुगतान करने पर लगाया जा सकता था, क्योंकि वारण्टी अवधि समाप्त हो चुकी थी। परिवादी धन वापस लेने के लिए घर गया, परन्तु कभी भी वह वापस नहीं आया। उसको एक नोटिस भेजा गया, इसके बाद दिनांक 7.7.2006 को ट्रैक्टर वापस लेने आया।
5. पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि ट्रैक्टर का एक पार्ट खराब हुआ है, जिसे दुरूस्त करने का आदेश पारित किया गया।
6. अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि एक बार ट्रैक्टर गैराज को सौंपने के बाद परिवादी स्वंय ट्रैक्टर को लेने नहीं आया और नोटिस देने के बाद ट्रैक्टर को लेने आया। वारण्टी अवधि में ट्रैक्टर खराब नहीं हुआ। विद्वान जिला आयोग ने केवल कल्पना एवं संभावनाओं पर अपना निर्णय/आदेश आधारित किया है।
7. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्वारा सोनालिका III ट्रैक्टर DC क्रय किया गया था, जिस पर एक वर्ष की वारण्टी या 1000 घण्टे काम करने की वारण्टी थी। अनेक्जर 1 से इस तथ्य की पुष्टि होती है कि ट्रैक्टर की वारण्टी अवधि एक वर्ष या 1000 घण्टा थी। मई 2005 में ट्रैक्टर क्रय करने के पश्चात ट्रैक्टर में त्रुटि की कोई शिकायत
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अपीलार्थीगण से की गई हो, ऐसा जाहिर नहीं होता। इस बीच ट्रैक्टर में कोई मरम्मत भी नहीं कराई गई और ट्रैक्टर में कमी की वास्तविक शिकायत की गई, जो वारण्टी अवधि से बाहर थी, इसलिए वारण्टी अवधि से बाहर ट्रैक्टर की नि:शुल्क मरम्मत करने का कोई दायित्व अपीलार्थीगण कंपनी पर नहीं है।
8. वारण्टी अवधि समाप्त होने के पश्चात नि:शुल्क ट्रैक्टर के पार्ट परिवर्तित करने का कोई दायित्व अपीलार्थीगण पर नहीं है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधिसम्मत नहीं है, जो अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
9. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29.07.2009 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद खारिज किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2