(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2861/2013
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या-470/2012 में पारित आदेश दिनांक 05.06.2013 के विरूद्ध)
मैसर्स सुपरटेक लिमिटेड, सुपरटेक हाउस, बी-28-29, सेक्टर-58, नोयडा, द्वारा डायरेक्टर।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
मोहम्मद आसिफ पुत्र मोहम्मद अख्तर, निवासी 3/15, सेक्टर-2, राजेन्द्र नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सर्वेश कुमार शर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक कुमार सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 17.12.2020
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-470/2012, मोहम्मद आसिफ बनाम सुपरटेक लि0 व अन्य में पारित आदेश दिनांक 05.06.2013 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। इस आदेश द्वारा समझौते के आधार पर परिवाद निर्णीत किया गया है, जिसे अपीलार्थी द्वारा चुनौती दी गई है।
2. दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
3. प्रश्नगत आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग द्वारा समझौता नामा पक्षकारों को पढ़कर, सुनाने, समझाने तथा तस्दीक करने का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
-2-
इसी प्रकार इस समझौता नामे के आधार पर निर्णय पारित नहीं किया गया है और परिवाद को निस्तारित नहीं किया गया है, अपितु यह उल्लेख किया गया है कि परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से मंजूर किया जावे। इस वाक्यांश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि जैसे किसी अन्य प्राधिकारी से परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करने का अनुरोध किया गया हो। अत: इस समझौते नामे के आधार पर पारित किया गया आदेश विधि विरूद्ध है, अपास्त होने योग्य है। अपील तदनुसार स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील इस सीमा तक स्वीकार की जाती है कि प्रश्नगत आदेश अपास्त किया जाता है। यह प्रकरण विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग को इस आशय से प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह सर्वप्रथम समझौता नामे की वैधता पर अपना निष्कर्ष दे, समझौता नामा के वैधता पर निष्कर्ष देने के पश्चात् परिवाद को समझौते के अनुसार निस्तारित किया जाए और यदि यह पाया जाता है कि यथार्थ में पक्षकार के मध्य कोई समझौता नहीं हुआ है तब साक्ष्य का अवसर देने के पश्चात् गुणदोष पर पत्रावली प्राप्त होने से 03 माह के अन्दर इस परिवाद का निस्तारण किया जाए।
5. उभय पक्ष दिनांक 15.01.2021 को विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग के समक्ष उपस्थित हों।
6. कार्यालय को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवाद संख्या-470/2012 की मूल पत्रावली संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को तुरन्त प्रेषित करे।
7. उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2