Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/1579

Union Of India - Complainant(s)

Versus

Mohan Tyagi - Opp.Party(s)

U K Bajpai

26 Dec 2008

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/1579
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Union Of India
a
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

(राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ)

                                    सुरक्षित

अपील संख्‍या 1579/2001

(जिला मंच सहारनपुर द्वारा परिवाद सं0 197/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 02/07/2001 के विरूद्ध)

                                                     

1- यूनियन आफ इंडिया द्वारा जनरल मैनेजर नार्दन रेलवे न्‍यू दिल्‍ली।

2- डिवीजनल रेलवे मैनेजर, अम्‍बाला।

3- चीफ क्‍लेम आफिसर नार्दन रेलवे न्‍यू दिल्‍ली।

                                                      …अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

 

बनाम

मोहन त्‍यागी पुत्र माधो राम त्‍यागी निवासी- ग्राम बालूमाजरा, तहसील व पोस्‍ट जदौडाबंद जिला सहारनपुर, उत्‍तर प्रदेश।

.........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:

       1. मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठा0 न्‍यायिक सदस्‍य।

  2. मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित  : विद्वान अधिवक्‍ता श्री यू0के0 बाजपेयी।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित       : कोई नहीं।

दिनांक :  31-12-2014

मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठा0 न्‍यायिक सदस्‍य द्वारा उदघोषित ।

निर्णय

      अपीलार्थी ने प्रस्‍तुत अपील विद्वान जिला मंच सहारनपुर द्वारा परिवाद सं0 197/1997 मोहन त्‍यागी बनाम जनरल मैनेजर, नार्दन रेलवे में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02/07/2001 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की है, जिसमें कि विद्वान जिला पीठ ने निम्‍नलिखित निर्णय/आदेश पारित किया है:-

      ‘’ प्रार्थना पत्र आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि इस निर्णय की प्रति प्राप्ति से एक माह के अंदर वह प्रार्थी को 8200/ रूपये की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करे। इस अवधि में अदायगी न होने पर इस राशि पर इस निर्णय की तिथि से अंतिम अदायगी की तिथि तक 12 प्रतिशत की दर से साधारण वार्षिक ब्‍याज भी विपक्षीगण द्वारा प्रार्थी को देय होगा।‘’

     संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी दिनांक 02/12/96 को सदभावना एक्‍सप्रेस गाड़ी से रूड़की से सहारनपुर आ रहा था जब उक्‍त गाड़ी बलियाखेड़ी स्‍टेशन से आगे सहारनपुर की ओर आयी तो परिवादी के पास वाली खिड़की का शीशा अचानक अंगूठे पर, जो खिड़की पर था गिर गया और परिवादी के अंगूठे का हिस्‍सा कटकर खिड़की के बाहर गिर गया। परिवादी सहारनपुर स्‍टेशन पर उतरकर तुरन्‍त सरकारी अस्‍पताल रिक्‍शा से गया और उपचार करवाया।

2

दिनांक 02/12/96 को ही परिवादी द्वारा इस घटना के संबंध में एक शिकायत रेलवे  स्‍टेशन मास्‍टर सहारनपुर को तथा एक शिकायत पत्र जी0आर0पी0 सहारनपुर के थानाध्‍यक्ष को प्रेषित की गई। परिवादी के उपचार में 4000/ रूपये व्‍यय हुए और अंगूठा कटने के कारण उसकी कार्यक्षमता 80 प्रतिशत कम हो गई क्‍योंकि वह व्‍यवसाय से टाइपिस्‍ट है और इस कार्य से उसे 3500/ रूपये प्रतिमाह वेतन मिलता था तथा वह वेतन के अतिरिक्‍त 1200/ रूपये प्रतिमाह टाईपिंग के कार्य से कमाता था। विपक्षीगण की लापरवाही व सेवा में कमी के कारण उसका अंगूठा कटा जिससे कार्यक्षमता कम होने के कारण वह चार लाख रूपये क्षतिपूर्ति की धनराशि, 4000/ रूपये उपचार में हुए व्‍यय की राशि, मानसिक व शारीरिक कष्‍ट के लिए 40,000/ रूपये क्षतिपूर्ति की राशि एवं अन्‍य 3000/ रूपये वाद व्‍यय विपक्षीगण से दिलाया जाय।

     विपक्षीगण की ओर से उत्‍तर पत्र जिला पीठ के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया जिसमें इस तथ्‍य को अस्‍वीकार किया गया कि परिवादी की मासिक आय टाइपिंग के कार्य से 4700/ रूप्‍ये है। इस तथ्‍य को भी अस्‍वीकार किया गया कि दिनांक 02/12/96 को परिवादी सदभावना एक्‍सप्रेस से रूड़की से सहारनपुर यात्रा कर रहा था या खिड़की का शीशा गिरने के कारण उसके हाथ का अंगूठा कट गया। विपक्षी/अपीलार्थी के अनुसार रेलवे विभाग द्वारा यात्री डिब्‍बे के रख- रखाव में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी और न ही परिवादी के साथ ऐसी कोई दुर्घटना हुई। दिनांक 02/12/96 को गाड़ी के गार्ड या स्‍टेशन मास्‍टर के पास इस आशय की कोई रिपोर्ट परिवादी द्वारा तुरन्‍त नहीं करवाई गई और न ही रेलवे स्‍टेशन पर उपलब्‍ध चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था का कोई लाभ परिवादी द्वारा उठाया गया।

     अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री यू0के0 बाजपेयी के तर्कों को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

     अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्वान जिला मंच ने परिवादी/प्रत्‍यर्थी को अत्‍यधिक मु0 8,200/ रूपये की क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का आदेश दिया गया है जिसका कि कोई औचित्‍य नहीं है।

     प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।

    

3

     अपीलार्थीगण को परिवादी/प्रत्‍यर्थी को मु0 8200/ रूपये की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाये जाने का आदेश प‍ारित किया गया है, जो कि अत्‍यधिक प्रतीत होता है, क्‍योंकि परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा मु0 4000/ रूपये धनराशि उपचार में हुए व्‍यय के लिए मांगी गई थी और सरकारी अस्‍पताल में उपचार कराया गया था, किन्‍तु इस संबंध में कोई साक्ष्‍य पेश नहीं किया गया है। अत: ऐसी परिस्थिति में हम यह समीचीन पाते है कि अपीलार्थीगण, परिवादी/प्रत्‍यर्थी को मु0 8200/ रूपये के स्‍थान पर मु0 6200/ रूपये की राशि अपील के निर्णय/आदेश की तिथि से एक माह के अंदर अदा करे, अन्‍यथा उपरोक्‍त धनराशि पर भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज देय होगा। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है एवं विद्वान जिला पीठ द्वारा दिया गया निर्णय/आदेश निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

          अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02/07/2001 को संशोधित करते हुए यह आदेशित किया जाता है कि अपीलार्थीगण, परिवादी को मु0 82,00/ रूपये के स्‍थान पर मु0 62,00/ रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में अपील के निर्णय/आदेश की तिथि से एक माह के अंदर अदा करे, अन्‍यथा भुगतान की तिथि तक उपरोक्‍त धनराशि पर 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज देय होगा।

                   उभय पक्ष अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

         उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध कराई जाय।

 

 

                                 

                                                                    (अशोक कुमार चौधरी)

                                                                     पीठा0 सदस्‍य

 

                                                                    

                                                                                 

                                                                                (बाल कुमारी)

सुभाष चन्‍द्र आशु0                                                                    सदस्‍य

कोर्ट नं0 3

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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