Rajasthan

Jaipur-I

CC/690/2012

NANDKISHOR SAHU - Complainant(s)

Versus

MOHAN RESTORENT - Opp.Party(s)

SAKIL KHAN

28 Jul 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/690/2012
 
1. NANDKISHOR SAHU
2282/03, RANA COLONY, SASHTRI NAGAR, JAIPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. MOHAN RESTORENT
14MOTILAL ATAL ROAD, OPP. NEELAM HOTEL, JAIPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Seema sharma MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Complainant:SAKIL KHAN, Advocate
For the Opp. Party: ABHISHEK BHADARI, Advocate
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री कैलाश चन्द्र शर्मा - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 690/2012
नन्दकिशोर साहू पुत्र श्री भॅंवरलाल साहू, उम्र 32 वर्ष, जाति साहू, निवासी Û
                                              परिवादी
               ं     बनाम

मोहन रेस्टोरेंट, पता -14, मोतीलाल अलट रोड, नीलम होटल के सामने, जयपुर जरिए मालिक/प्रोपराईटर/ मैनेजर/ अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता Û
              विपक्षी

अधिवक्तागण :-
श्री शकील खान - परिवादी
श्री रामलाल शर्मा - विपक्षी

                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 14.06.12

                       आदेश     दिनांक: 15.01.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 11.06.2012 को विपक्षी से पाॅच थाली ट्रे एवं दो ठंपससमल ब्राण्ड की पानी की एक लीटर वाली बोतल क्रय की जिस पर विपक्षी ने कुल 371/- रूपए का बिल जारी किया जिसका उसने भुगतान किया । परिवादी का कथन है कि विपक्षी ने पानी की बोतल पर वैट के 4.50 रूपए जोड़कर बिल में प्राप्त किए और कुल बिल 370.50 पैसे का बना था उसके स्थान पर 371/- रूपए प्राप्त कर लिए गए । इस प्रकार परिवादी का कथन है कि विपक्षी ने कुुल 5/- रूपए अधिक वसूल कर अनुचित व्यापार प्रथा अपनाई है । परिवादी ने 5/- रूपए अधिक वसूली गई राशि, शारीरिक व मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के 50,000/- रूपए, हर्जाना 25000/- रूपए, परिवाद व्यय एवं अधिवक्ता फीस 6500/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया गया है ।
विपक्षी की ओर से इस आशय का जवाब प्रस्तुत किया गया है कि मिनरल वाटर की बोतल 15/- रूपए में दी गई है जिसमें सर्विस चार्जेज शामिल है ऐसी स्थिति में विपक्षी द्वारा कोई गलत चार्ज परिवादी से नहीं लिए गए हैं । होटल के नियमानुसार वैट लिया गया है जो होटल द्वारा राज्य सरकार में जमा किया जाता है। विपक्षी का कथन है कि उनके द्वारा कोई अनुचित व्यापार व सेवादेाष कारित नहीं किया गया है अत: परिवाद पत्र खारिज किया जावे ।
 मंच द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी ने विपक्षी पर यह आक्षेप लगाया है कि उससे वैट के बाबत 4.50 रूपए बिल में जोड़कर प्राप्त कर लिए गए और कुल बिल 370 /- रूपए 50 पैसे का बना था उसके स्थान पर 371/- रूपए वसूल किए गए हैं । इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से जो बिल प्रदर्श-1 प्रस्तुत किया गया है उसमें बोतल का मूल्य 15/- रूपए ही अंकित है उसके अलावा टैक्स के रूप में स्पष्ट रूप से 4.50 रूपए अंकित है । परिवादी ने यह टैक्स राशि वापिस चाही है लेकिन टैक्स राज्य सरकार में जमा होता है ऐसी स्थिति में यह राशि वापिस दिलवाया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है । परिवादी ने ऐसी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की है कि 15/- रूपए बोतल की कीमत में टैक्स भी शामिल था ।  परिवादी का यह आक्षेप है कि बिल कुल 370/- रूपए 50 पैसे का बना था उसके स्थान पर 371/- रूपए वसूल किए हैं । परिवादी का यह आक्षेप प्रदर्श-1 से साबित है कि बिल कुल 370/- रूपए 50 पैसे का बना था उसके स्थान पर 371/- रूपए परिवादी से वसूल कर लिए गए और इस प्रकार परिवादी से 50 पैसे अधिक वसूल किए गए हैं जो सेवादेाष की श्रेणी में आता है। 
अत: प्रस्तुत प्रकरण के सभी तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए हम विपक्षी से परिवादी को अधिक वसूल की गई राशि 50 पैसे वापिस दिलवाया जाना उचित समझते हैं ।
आदेश
अत:  इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि  विपक्षी परिवादी को अधिक वसूल की गई राशि 50 पैसे अक्षरे पचास पैसे वापिस लौटाएगा । इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप के लिए उसे 500/- रूपए अक्षरे पांच सौ रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगा। उक्त समस्त राशि विपक्षी जरिए रेखांकित चैक परिवादी के निवास स्थान के पते पर जरिए रजिस्टर्ड डाक एक माह की अवधि में प्रेषित करेगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
निर्णय आज दिनांक 15.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।


( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)    (कैलाश चन्द्र शर्मा)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष     

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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