जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्रीमति सरेाज ष्षर्मा पत्नी स्व. श्री बनवारी लाल जी ष्षमा्र, उम्र- 55 वर्ष, जाति- ब्रंाह्मण, निवासी- मकान नं. 9/15, मिठ्ठनलाल का चैक पुरानी मण्डी, अजमेर ।
- प्रार्थिया
बनाम
1. प्रबन्धक, मोहन वाॅच एण्ड मोबाईल, षाॅप नं. 99-100, अजमेर टाॅवर के सामने, कचहरी रोड, अजमेर ।
2. प्रबन्धक, सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्रोनिक्स प्रा.लि., ए-25, ग्राउण्ड फलोर, फ्रण्ट टाॅवर, मोहन काॅ-आपरेटिव इण्डस्ट्रीयल एस्टेट, नई दिल्ली-110044
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 166/2016
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री रमेष चन्द वर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थिया
2.श्री विजय स्वामी, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.2
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 30.09.2016
1. प्रार्थिया द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अप्रार्थी संख्या 1 से दिनंाक 21.2.2015 को सैमसंग गैलेक्सी कोर प्राईम 360 रू. 9800/- में जरिए बिल संख्या 7448 के क्रय किया । जिसकी एक वर्ष की वारण्टी दी गई थी । परिवाद की चरण संख्या 3 में वर्णित खराबियां आने पर उसने अप्रार्थी संख्या 1 को उक्त सैट दिखाया और उसकी सलाहनुसार उसने कम्पनी के सर्विस सेन्टर पर दिनंाक 31.8.2015 को उक्त सैट दुरूस्ती हेतु दिया । जिसे बिना ठीक करे ही उसे लौटा दिया । उसने अप्रार्थीगण को दिनंाक 11.9.2015 को नोटिस भी दिया । किन्तु नोटिस प्राप्ति के बावजूद भी अप्रार्थीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की । प्रार्थिया ने अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थिया ने स्वयं का ष्षपथप. पेष किया है ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व दिनांक 19.5.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. अप्रार्थी संख्या 2 ने जवाब प्रस्तुत कर बताया कि मोबाईल के संबंध में केवल सर्विस व पाटर््स की ही वारण्टी दी जाती है । उत्पाद बदलने या कीमत लौटाए जाने की कोई वारण्टी नहीं दी जाती । प्रष्नगत हैण्ड सैट प्रार्थिया की स्वयं की लापरीवाही(लिक्टिवड डेमेज) की वजह से खराब हुआ है ।
अप्रार्थी का यह भी कथन है कि प्रार्थिया ने प्रष्नगत हैण्ड सेट के संदर्भ में दिनंाक 31.8.2015 को तथाकथित षिकायत के संबंध में न तो षिकायत नम्बर का अपने परिवाद में उल्लेख किया है और ना ही जाॅबषीट का उल्लेख किया है । विभिन्न न्यायिक दृष्टान्तों का हवाला देते हुए परिवाद खारिज होने योग्य बताया । जवाब के समर्थन में श्री अनिन्दया बोस, अधिकृत प्रतिनिधि का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
4. प्रार्थिया पक्ष का तर्क रहा है कि उसके द्वारा प्रष्नगत मोबाईल खरीदने के एक वर्ष के अन्दर अन्दर वारण्टी/गारण्टी अवधि में सेट के बन्द हो जाने के बाद अप्रार्थी के सर्विस सेन्टर पर ले जाकर दिखाया जाने पर उसमें आई खराबी को ठीक कर लौटाने का आष्वासन दिया गया । किन्तु काफी समय गुजरने के बाद बिना ठीक कर जो सैट लौटाया गया है, वह उचित नहीं है । ऐसा करते हुए सेवा में कमी का परिचय दिया गया है । परिवाद स्वीकार की जानी चाहिए ।
5. अप्रार्थी संख्या 2 के विद्वान अधिवक्ता ने परिवाद को बिना किसी आधार के प्रस्तुत किए जाने के कारण खारिज होने योग्य बताया । नई दिल्ली के क्षेत्राधिकार में आने के कारण इस मंच को परिवाद सुनवाई के योय नहीं होना बताते हुए तर्क दिया है कि किसी प्रकार की जाॅब सीट का उल्लेख नहीं किया गया है यह भी बताया गया कि उक्त सैट की जांच उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 13(1)(सी ) के अन्तर्गत समुचित संस्थान से करवाया जाना आवष्यक है । विनिष्चय प्प्प्;2000द्ध ब्च्श्र 544 ;छब्द्ध डण्श्रण् ।इतंीपउ टे ।दरंस ।हमदबपमेए ;1999द्ध;1द्धब्च्त् 20;छब्द्ध डे टपकमवबवद प्दजमतदंजपवदंसए प् ;2006द्धब्च्श्र 92;छब्द्ध ैीपअ च्तंेींक च्ंचमत प्दकनेजतपमे टे ैमदपवत डंबीपदंतम ब्वण्ए 2015;1द्धब्च्त् 518;छब्द्ध म्ेबवतज ज्तंबजवत स्जक टे त्ंरमदकतं ैपदही पर अवलम्ब लिया है ।
6. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ विनिष्चयों में प्रतिपादित सिद्वान्तों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
7. हस्तगत प्रकरण को लोक अदालत के माध्यम से उभय पक्षकारान को समझाने के प्रयत्न भी किए गए । किन्तु पक्षकारों के मध्य किसी प्रकार का निष्चयात्मक अभिमत / स्वीकारोक्ति बनना नहीं पाए जाने पर मामले में गुणावगुण के आधार पर मामले का निर्णय पारित किया जा रहा है।
8. स्वीकृत रूप से प्रार्थिया ने प्रष्नगत मोबाईल दिनंाक 21.2.2015 को अप्रार्थी संख्या 1 से क्रय किया है तथा संलग्न वारण्टी कार्ड के अनुसार इसकी वारणटी अवधि खरीद की तिथि दिनंाक 21.2.2015 से एक वर्ष की अर्थात 20.2.2016 तक थी । सैट खराब होने पर दिनंाक 31.8.2015 को अप्रार्थी संख्या 1 को दिखाया गया व उसके निर्देषानुसार इसे कम्पनी के सर्विस सेन्टर पर दिनांक 31.8.2015 को दिखाया गया , जैसा कि अप्रार्थी कम्पनी के सर्विस सेन्टर की जाॅब षीट से स्पष्ट है । इसमें उक्त सैट का डेड होना बताया गया है । प्रार्थिया का कथन है कि बार बार सम्पर्क किए जाने के बाद उसे सैट बिना ठीक किए लौटा दिया गया है व इसमें तकनीकी त्रुटि आना बताया गया हेै । कहा जा सकता है कि तत्समय उक्त सैट में किसी प्रकार की यान्त्रिक खराबी आई थी जो वारण्टी अवधि के अन्दर दुरूस्त होने योग्य था, क्योंकि यह खराबी दूर नहीं की गई है । इन हालात में अप्रार्थीगण ने सेवा मे ंकमी व दोषपूर्ण व्यवहार का परिचय दिया है ।
9. समस्त तथ्य एवं परिस्थितियों के प्रकाष में प्रार्थिया को एक मुष्त क्षतिपूर्ति के रूप में सैट की कीमत दिलवाए जाने से न्याय के उद्देष्यों की पूति हो जाएगी । एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
10. (1) प्रार्थिया अप्रार्थीगण से संयुक्त रूप से अथवा पृथक पृथक रूप से मोबाईल सेट की क्रय राषि रू. 9800/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) क्रम संख्या 1 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण संयुक्त रूप से अथवा पृथक पृथक रूप से प्रार्थिया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 30.09.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष