Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/3206

Executive Engineer, Electricity - Complainant(s)

Versus

Mohan Lal - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

25 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/3206
( Date of Filing : 01 Dec 2003 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Executive Engineer, Electricity
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohan Lal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Jan 2023
Final Order / Judgement

 ‘’ विशिष्‍ट लोक अदालत ‘’

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश, लखनऊ।

मौखिक

अपील सं0-3206/2003

 

एक्‍जक्‍यूटिव इंजीनियर, इलैक्ट्रिसिटी बनाम मोहनलाल

 

दिनांक :- 25-01-2023.

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित।

 

निर्णय

 

प्रस्‍तुत अपील विगत 20 वर्षों से लम्बित है तथा आज ‘’ विशिष्‍ट लोक अदालत ‘’ के सम्‍मुख सूचीबद्ध है।

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग, एटा द्धारा परिवाद सं0-41/2000 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-05- 2001 के विरूद्ध योजित की गई है। विद्वान जिला आयोग द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया :-

‘’ परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को यह निर्देश दिया जाता है कि वह आज की तारीख से तीस दिन के अन्‍दर परिवादी को वसूली हेतु दिनांक 27-11-99 को दिये गये नोटिस की धनराशि मु0 32946.00 रूपया समाप्‍त करे। परिवादी को विपक्षी उक्‍त अवधि में 250/- रू0 वाद व्‍यय के भुगतान करे। विपक्षी विभाग को यह अधिकार होगा कि यदि उसकी राय में इस आदेश से विभाग को कोई आर्थिक क्षति हो रही है तो वह उस क्षति को दोषी कर्मचारी/अधिकारी के वेतन से वसूल कर ले। ‘’ 

मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा को विस्‍तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों/अभिलेखों     तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया

 

 

 

 

-2-

गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में मेरे दृष्टिकोण से किसी प्रकार की कोई विधिक त्रुटि तथा अनियमितता नहीं है और न ही अपीलार्थी द्वारा उल्लिखित की जा सकी। तदनुसार अपील निरस्‍त की जाती है। यहॉं यह तथ्‍य उल्लिखित किया जाना आवश्‍यक है कि प्रस्‍तुत अपील में इस न्‍यायालय द्वारा अपीलार्थी के पक्ष में कोई अन्‍तरिम आदेश पारित नहीं किया गया है।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड करें।  

 

 

                                         (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

                                                 अध्‍यक्ष

                                                                 प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1,  

कोर्ट नं0-1.   

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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