Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/167

N I A Co - Complainant(s)

Versus

Mohan Lal Sethi - Opp.Party(s)

Rajesh Nath & Zafar Aziz

14 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/167
( Date of Filing : 23 Jan 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I A Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohan Lal Sethi
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Sep 2024
Final Order / Judgement

( मौखिक )

‘’राष्‍ट्रीय लोक अदालत दिनांकित 14-09-2024 ’’

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :167/2012

 

दि न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 बनाम श्री मोहन लाल सेठी 

दिनांक : 14-09-2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील अत्‍यन्‍त पुरानी है और वर्ष 2012 से सुनवाई हेतु लम्बित है अत: प्रस्‍तुत अपील  आज आयोजित “राष्‍ट्रीय लोक अदालत-2024” के माध्‍यम से सुनवाई हेतु इस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है।

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री जफर अजीज उपस्थित आए जब कि प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री नंद कुमार उपस्थित आए।

     परिवाद संख्‍या-388/2007 श्री मोहन लाल सेठी बनाम चेयरमैन कम मैनेजिंग डाइरेक्‍टर, दि न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कं0लि0 व दो अन्‍य  में जिला आयोग, द्धितीय, आगरा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 02-11-2011 के विरूद्ध प्रस्‍तुत अपील परिवाद के विपक्षी दि न्‍यू इण्डिया इं0कं0लि0 की ओर से उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय  के सम्‍मुख योजित की गयी है।

    

 

 

 

-2-

     आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्धारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित निर्णय एवं आदेश पारित किया है:-

     ‘’ परिवादी स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि आदेश की दिनांक से 30 दिन के अन्‍दर 1,16,495/-रू0 09 प्रतिशत ब्‍याज सहित वाद प्रस्‍तुत करने की दिनांक से ता-अदायगी तक व 2000/-रू0 परिवाद व्‍यय इसी अवधि में अदा करें।‘’

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है। उनकी ओर से सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गयी है अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्‍त किया जावे।

     प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के अनुसार है और जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है। अत: अपील निरस्‍त करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जावे। 

 

 

 

 

-3-

     मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया तथा  पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

     उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुनने तथा जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त विधि अनुसार  निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु कोई उचित आधार नहीं है किन्‍तु विद्धान जिला आयोग द्वारा जो 1,16,495/-रू0 पर 09 प्रतिशत की दर से ब्‍याज की देयता निर्धारित की गयी है उसे वाद के तथ्‍यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए 09 प्रतिशत के स्‍थान पर 07 प्रतिशत किया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है। तदनसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए ब्‍याज का प्रतिशत 09 प्रतिशत के स्‍थान पर 07 प्रतिशत किया जाता है। निर्णय के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।

     इस निर्णय एवं आदेश का अनुपालन निर्णय से 45 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित किया जावेगा।

 

 

 

-4-

 

अपील योजित करते समय अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार अर्जित ब्‍याज सहित  जिला आयोग को विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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