जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
रामनारायण जी चैहान पुत्र स्व. श्री लालाराम जी उम्र बालिग, जाति-माली, निवासी- हथाई के पास, धोलाभाटा, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
’’ मोहन ब्रास बैण्ड कम्पनी ’’ जरिए मास्टर राजेष कुमार एवं प्रोपराईटर स्व. मोहन लाल, आफिस- जनकपुरी के सामने, गंज, अजमेर, निवासी- बाबूगढ के नीचे कमला बावडी के पास, कोली मौहल्ला, गंज, अजमेर ।
अप्रार्थी
परिवाद संख्या 71/2013
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. विजेन्द्र कुमार मेहता सदस्य
3. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री षांति प्रकाष षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 27.11.2014
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने अपने पुत्र की षादी के अवसर पर दिनांक 23.11.2012 व 24.11.2012 के लिए बैण्ड मय घोडी, जनरेटर सहित अप्रार्थी से रू. 22500/- में बुक किया और दिनांक 1.8.2012 को उसने रू. 12,500/- अग्रिम अदा किए । जिसकी रसीद अप्रार्थी द्वारा जारी की गई । अप्रार्थी तयषुदा दिनांक को बैण्ड बजाने हेतु उपस्थित नहीं हुआ तो उसने येन केन प्रकारेण प्रयास करके दो अलग अलग जगहों के लिए क्रमषः रूपा ब्रास बैण्ड रू. 15,000/- में परिवादी के घर से बारात निकासी स्थल तक तथा दूसरा बैण्ड न्यू सूरज ब्रास बैण्ड रू. 21,000/- में बोर्ड आफिस से सिविल लाईन भोपेां का बाडा विवाह समारोह स्थल तक के लिए बुक करते हुए अपने पुत्र की षादी का कार्य सम्पन्न किया ।
प्रार्थी का कथन है कि अप्रार्थी के उक्त कृत्य के कारण उसकी पत्नी श्रीमति सुन्दर देवी को गहरा मानसिक आघात पहुंचा जिस कारण वह दो दिन तक सदमें में रही तथा उसका दिनांक 27.11.2012 को कमलेष मेमोरियल अस्पताल में इलाज करवाया जिस पर राषि रू. 50,000/- खर्च हो गए । उसने अप्रार्थी को दिनांक 15.12.2012 को अधिवक्ता के जरिए नोटिस भी दिया । परिवाद प्रस्तुत कर प्रार्थी ने उसमें वर्णित अनुतोष की मांग की है ।
2. अप्रार्थी की ओर से कोई जवाब पेष नही ंहुआ है और ना ही उसकी ओर से कोई उपस्थित है । अतः उसके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. हमने प्रार्थी पक्ष की बहस सुनी एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।
4. प्रार्थी ने रू. 22500/- में अप्रार्थी का बैण्ड अपने पुत्र के विवाह हेतु बुक कराया, के संबंध में अप्रार्थी द्वारा राषि प्राप्त करने संबंधी रसीद पेष हुई है जिसके अनुसार रू. 10,000/- अग्रिम दिए गए और रू. 2500/- और अप्रार्थी को दिए इस तरह से प्रार्थी ने अप्रार्थी को रू. 12500/- का भुगतान कर दिया था किन्तु अप्रार्थी तयअनुसार षादी की तिथियों को बैण्ड लेकर नहीं आया इसलिए प्रार्थी को दो बैण्ड क्रमषः रूपा ब्रास बैण्ड रू. 15,000/- में परिवादी के घर से बारात निकासी स्थल तक तथा दूसरा बैण्ड न्यू सूरज ब्रास बैण्ड रू. 21,000/- में बोर्ड आफिस से सिविल लाईन भोपेां का बाडा विवाह समारोह स्थल तक के लिए किया , के संबंध में दोनो बैण्डो के बिल प्रस्तुत हुए है । इस प्रकार अप्रार्थी द्वारा बुकिंग के अनुसार नही ंआने से, चूंकि प्रार्थी को उसके पुत्र के विवाह का मामला था, दो अलग अलग बैण्ड करने पडें जिनकी राषि रू. 15,000/- व रू. 21,000/- कुल राषि रू. 36,000/- खर्च करनी पडी । प्रार्थी के इन कथनों का खण्डन अप्रार्थी की ओर से किसी भी तरह से नहीं हुआ है एवं प्रार्थी ने अपने कथनों के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र व जो दो बैण्ड दूसरे किए उनके बिल आदि से की है । अतः प्रार्थी के कथनों को नहीं मानने का कोई कारण हमारे समक्ष नहीं है । प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी को बैण्ड जो बुक करवाया गया, के पैटे रू. 12500/- अग्रिम भी दिए गए थे जो भी अप्रार्थी ने प्रार्थी को वापस नहीं लौटाए । अतः प्रार्थी अप्रार्थी से रू. 12500/- अग्रिम अदा की गई राषि तथा अप्रार्थी द्वारा बुकिंग के अनुसार समय पर नहीं आने से प्रार्थी को दूसरे दो बैण्ड करने पडे उनकी राषि क्रमष रू. 15,000/- व रू. 21,000/- कुल राषि रू. 48500/- प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है ।
5. जहां तक अप्रार्थी द्वारा बैण्ड समय पर नही भेजने से प्रार्थी की पत्नी को सदमा लगा तथा उसका इलाज कराना पडा जिसमें रू. 50,000/- खर्च हुए , के संबंध में हमारी विवेचना है कि प्रार्थी की पत्नी को सदमा बैण्ड समय पर नहीं आने से लगा ऐसा डिस्चार्ज टिकिट को देखने से नहीं पाया जाता है और ना ही किसी डाक्टर की ऐसी कोई साक्ष्य पत्रावली पर है । अतः प्रार्थी यह राषि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है एवं प्रार्थी का परिवाद निम्नतरह से स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
6. (1) प्रार्थी अप्रार्थी से बैण्ड पैटै अग्रिम अदा की गई राषि रू. 12500/- व दूसरे दो बैण्डों हेतु अदा की गई राषि क्रमष रू. 15,000/- व रू. 21000/- कुल रू. 48500/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 3000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र.सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी से इस राषि पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(विजेन्द्र कुमार मेहता) (श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
7. आदेष दिनांक 27.11.2014 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्य सदस्या अध्यक्ष