Uttar Pradesh

StateCommission

A/644/2021

Oriental Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Mitwa Fashion Sarees - Opp.Party(s)

Vaibhav Raj

15 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/644/2021
( Date of Filing : 14 Dec 2021 )
(Arisen out of Order Dated 07/10/2021 in Case No. C/2020/21 of District Shamli)
 
1. Oriental Insurance Co. Ltd
Office IInd Floor 43 Hajratganj Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Mitwa Fashion Sarees
Nehru Market Shamli Prop. Charanpal S/o Sri Prem Chandra R/o Jain Mohalla ShamliShamli
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 15 Mar 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-644/2021

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्‍या 21/2020 में पारित आदेश दिनांक 07.10.2021 के विरूद्ध)

दि ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड, रीजनल आफिस, द्वितीय तल, 43 हजरतगंज, लखनऊ द्वारा मैनेजर

                      ........................अपीलार्थी/विपक्षीगण  

बनाम

मितवा फैशन साड़ीज, नेहरू मार्केट शामली प्रो0 चरणपाल पुत्र                 श्री प्रेम चन्‍द्र निवासी- जैन मोहल्‍ला शामली, जिला शामली

                             ...................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य। 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री वैभव राज, 

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : अश्‍वनी कुमार द्विवेदी,

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 15.03.2023

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्‍या-21/2020 मितवा फैशन साड़ीज बनाम शाखा प्रबन्‍धक, दि ओरिएण्‍टल इन्‍श्‍योरेन्‍स कम्‍पनी लिमिटेड आदि में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.10.2021 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है।

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा प्रश्‍नगत आदेश के द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

''विपक्षी सं0 1, 2 व 4 परिवादी की हुई उपरोक्‍त क्षति के सम्‍बन्‍ध में बीमा पॉलिसी में शेष बीमित धनराशि अंकन-15,00,000/-रू0 दिनांक-25.10.2019 से 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से भुगतान की तिथि तक देय होगा, क्‍योंकि     दिनांक-25.10.2019 को विपक्षी सं0  1,  2  व  4  द्वारा  बीमित

 

 

-2-

धनराशि में से अंकन-10,00,000/-रू0 का भुगतान किया गया है। परिवादी को हुई आर्थिक, मानसिक व व्‍यापारिक क्षतिपूर्ति हेतु           अंकन-50,000/-रू0 तथा वाद व्‍यय हेतु अंकन-3,000/-रू0 विपक्षी सं0 1, 2 व 4 संयुक्‍त या एकाकी रूप से परिवादी को भुगतान हेतु निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्‍दर जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग शामली में जमा करेगा। चूक होने पर समस्‍त धनराशि पर 12 प्रतिशत दण्‍डात्‍मक ब्‍याज निर्णय की दिनांक के 30 दिन के उपरान्‍त भुगतान की तिथि तक विपक्षी सं0 1, 2 व 4 संयुक्‍त रूप से देय होगा। पत्रावली कालावधि पश्‍चात् दाखिल दफ्तर हो।''

हमारे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता      श्री वैभव राज एवं प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री अश्‍वनी कुमार द्विवेदी को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा अपनी दुकान मितवा फैशन साड़ीज हेतु विपक्षी ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड से बीमा पॉलिसी SHOP KEEPERS INSURANCE POLICY SCHEDULE ली गयी, जिसकी बीमा पालिसी सं0-253902/48/2020/1070 है, जिसका प्रीमियम 9203/-रू0 अदा किया गया तथा बीमा की वैधता दिनांक 28.06.2019 से मध्‍यरात्रि दिनांक 27.06.2020 तक थी। विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा दुकान में रखे माल तथा फर्नीचर आदि का कुल मूल्‍यांकन 25,00,000/-रू0 करते हुए बीमा पालिसी जारी की गयी थी।

     परिवादी का कथन है कि दिनांक 19.07.2019 को प्रात: लगभग 02 बजकर 40 मिनट पर परिवादी की दुकान पर             शार्ट-सर्किट के कारण आग लग गयी, जिसकी सूचना मिलने पर परिवादी द्वारा आग लगने की सूचना अग्निशमन फायर स्‍टेशन शामली को दी गयी तथा अग्निशमन स्‍टाफ द्वारा लगभग 03 घण्‍टे के बाद आग पर काबू पाया गया। अग्निशमन अधिकारी द्वारा दिनांक 25.07.2019 को की गयी जांच रिपोर्ट में परिवादी की दुकान मितवा फैशन साड़ीज में घटित अग्निकाण्‍ड में 27,30,000/-रू0 की क्षति होना पाया गया।

 

 

 

 

-3-

परिवादी का कथन है कि परिवादी द्वारा उक्‍त घटना की सूचना विपक्षीगण को दी गयी, जिनके द्वारा घटना स्‍थल का निरीक्षण कर बीमित धनराशि 25,00,000/-रू0 देने का आश्‍वासन दिया गया, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी के खाते में 25,00,000/-रू0 के स्‍थान पर मात्र 10,00,000/-रू0 आर0टी0जी0एस0 के माध्‍यम से जमा कराये तथा शेष 15,00,000/-रू0 देने से इन्‍कार कर दिया, जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की                  गयी।

     विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी संख्‍या-1, 2 व 4 अर्थात् बीमा कम्‍पनी द्वारा लिखित कथन दाखिल किया गया तथा मुख्‍य रूप से कथन किया गया कि विपक्षीगण द्वारा सर्वेयर की रिपोर्ट स्‍वीकार करते हुए परिवादी को अंकन 10,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति देकर अन्तिम समझौता करते हुए डिस्‍चार्ज बाउचर पर परिवादी द्वारा हस्‍ताक्षर कर क्षतिपूर्ति धनराशि स्‍वीकार कर ली गयी है, जिस कारण परिवादी को कोई धनराशि देय नहीं है। परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

     विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त यह पाया गया कि‍ परिवादी क्‍लेम की धनराशि लेते समय व्‍यापार तथा बैंक के ऋण के कारण भारी वित्‍तीय दबाव में था तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी पर दबाव बनाकर मनमाने तरीके से 10,00,000/-रू0 का भुगतान किया गया। परिवादी पर विपक्षीगण द्वारा बनाये गये आर्थिक व मानसिक दबाव के कारण परिवादी स्‍वतंत्र तरीके से निर्णय लेने में सक्षम नहीं था, जिस कारण विपक्षीगण द्वारा फुल एण्‍ड फाईनल सेटेलमेन्‍ट फार्म पर परिवादी का हस्‍ताक्षर करा लेना विधिसम्‍मत नहीं है तथा यह कि विपक्षी संख्‍या-1, 2 व 4 द्वारा सर्वेयर की गलत रिपोर्ट के आधार पर तथा मनमाने रूप से व आर्थिक दबाव बनाकर परिवादी को शेष बीमित धनराशि 15,00,000/-रू0 का भुगतान न कर सेवा में कमी की गयी है। तदनुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा प्रश्‍नगत आदेश पारित किया गया।

 

 

-4-

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुनने के उपरान्‍त तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त हमारे विचार से प्रस्‍तुत अपील में कोई बल नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, वह पूर्णत: सुसंगत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं प्रतीत होती है।

अतएव, प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग को 01 माह में विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)            (विकास सक्‍सेना)       

              अध्‍यक्ष                             सदस्‍य      

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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