Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/54/2015

JAI PRAKASH SINGH - Complainant(s)

Versus

MISHRA ELEC. - Opp.Party(s)

PARAS NATH TIWARI

24 Mar 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 54 सन् 2015

प्रस्तुति दिनांक 17.03.2015

                                                                                               निर्णय दिनांक 24.03.2022

जयप्रकाश सिंह उम्र 60 वर्ष पुत्र स्वo राजनरायन सिंह साकिन- लोहरा, परगना- अतरौलिया, तहसील- बूढ़नपुर, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)      

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

    मिश्रा इलेक्ट्रॉनिक्स सिनेमा रोड परमेश्वरपुर अतरौलिया आजमगढ़    (उoप्रo) द्वारा डीलर/प्रोपराइटर।      

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने दिनांक 02.04.2008 को गोदरेज कम्पनी का एक फ्रिज तथा ओनिडा कम्पनी की एक वॉशिंग मशीन क्रय किया तथा इसके मूल्य के रूप में क्रमशः मुo 8,650/- तथा मुo 5,500/- रुपया विपक्षी को दिया। विपक्षी द्वारा क्रय किए गए सामानों के सन्दर्भ में वारण्टी पीरियड 5 साल की दी गयी थी। वारण्टी पीरियड में मशीनों में दो बार खराबी आने पर विपक्षी द्वारा उसकी मरम्मत किया गया परन्तु खराबी का स्थायी समाधान नहीं हो पाने के कारण वारण्टी पीरियड में ही मार्च 2013 के अन्तिम सप्ताह में दोनों मशीने विपक्षी को खराबी दूर करने के लिए दे दी गयी। जिसने मशीनों को अपने प्रतिष्ठान पर रख लिया तथा आश्वासन दिया कि कम्पनी के इंजीनियर के आने पर गड़बड़ी ठीक करके मशीने वापस कर दी जाएंगी। विपक्षी से कई बार मशीनों के सन्दर्भ में जानकारी ली गयी तो उन्होंने जून 2013 में मशीनों को ठीक हो जाना बताया तथा उनकी दुकान से ले जाने के लिए कहा तो परिवादी उनके दुकान पर उक्त मशीनों को लेने गया और चेक किया तो पता चला कि मशीनों में पूर्व की कमी दूर नहीं थी। विपक्षी से बताने पर विपक्षी ने कहा कि मशीनों के अभी रहने दीजिए कम्पनी से बात करके पुनः उनके इंजीनियर के आने पर कमी दूर हो जाने पर ले जाना। परिवादी जून 2013 से अबतक अनेकों बार इस सन्दर्भ में विपक्षी से सम्पर्क किया तो उन्होंने किसी न किसी बहाने मशीन को ठीक करने का आश्वासन दिया, परन्तु अब उनके द्वारा यह कहा जा रहा है कि परिवादी मुo 4,000/- रुपया अदा करेगा तो उसकी मशीनों की गड़बड़ी ठीक कर उसे दिया जाएगा। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी की वॉशिंग मशीन व फ्रिज ठीक करके परिवादी को दे अन्यथा उसके लिए लिया गया मूल्य रुपया 14,150/- अप्रैल 2008 से अंतिम भुगतान तक 18% ब्याज के साथ वापस करे। साथ ही विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को मानसिक परेशानी व वादखर्च के मद में 15,000/- रुपए भी परिवादी को अदा करे।  

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 कैस मेमो की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/2 वारण्टी कागज की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

कागज संख्या 10क² विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि सन्दर्भित फ्रिज व वॉशिंग मशीन में वारण्टी पीरियड में जब भी विपक्षी के यहाँ किसी गड़बड़ी हेतु सूचना दी गयी तब तब विपक्षी द्वारा निर्माता कम्पनी के इंजीनियर व सर्विस सेन्टर को सूचित करने हेतु सुझाव दिया गया तथा उसके द्वारा भी कम्पनी को सूचित किया गया। इस सन्दर्भ में विपक्षी ने याची का बहूत सहयोग किया। वारण्टी पीरियड के बाद मशीनों में आयी किसी भी खराबी को ठीक करने या करवाने के लिए मुफ्त में विपक्षी कतई उत्तरदाई नहीं है। विपक्षी को परिवादी ने अनावश्यक पक्षकार मुकदमा बनाया है, क्योंकि गारण्टी-वारण्टी की सभी शर्तों का पालन करने हेतु कम्पनी तथा उसका सर्विस सेन्टर ही जिम्मेदार है, जिन्हें परिवादी ने पक्षकार मुकदमा नहीं बनाया है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता अनुपस्थित रहे। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपना बहस सुनाया, उनकी बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। कागज संख्या 6/1 के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि दोनों मशीनें दिनांक 02.04.2008 में क्रय की गयी थीं। वारण्टी में कम्प्रेशन के लिए पांच साल की वारण्टी तथा अन्य पार्ट्स (बल्ब, ग्लास एण्ड ऐड ऑन प्लास्टिक पार्ट्स) के लिए एक साल की वारण्टी दी गयी थी। यहाँ परिवादी ने सन् 2008 में मशीनों को क्रय किया था और सन् 2015 में दावा दाखिल किया है। अतः उसने लगभग सात साल बाद दावा दाखिल किया। परिवादी अपने परिवाद पत्र के पैरा 03 में यह कहा है कि मार्च 2013 विपक्षी को मशीनों की खराबी दूर करने कि लिए दी गयी थी। इसका मतलब याची ने दोनों मशीने क्रय करने के लगभग सात साल बाद उसको बनाने के लिए विपक्षी को दिया था, जबकि उस समय वारण्टी पीरियड समाप्त हो गयी थी। यहाँ यह भी कहना आवश्यक है कि परिवादी ने कम्पनी व उसके सर्विस सेन्टर को पक्षकार मुकदमा नहीं बनाया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। 

आदेश

                                                          परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

     

 

 

 

                                                                          गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह  

                                                        (सदस्य)                            (अध्यक्ष)

 

       दिनांक 24.03.2022

                                         यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                              गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                (सदस्य)                            (अध्यक्ष)

 

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