जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, ग्वालियर मध्य प्रदेश
समक्षः-
सरिता सिंह-अध्यक्ष
श्रीमती आभा मिश्रा-सदस्य
डाॅ0मृदुला सिंह -सदस्य
प्रकरण क्रमांक 300/2014
संस्थापन दिनंाक 17.06.2014 आदेश दिनांक 17.09.2014
परिवादी अंशुल जैन पुत्र श्री अजित जैन निवासी ए-13 बालाजी बिहार, लक्कड़खाना रोड़, कम्पू ग्वालियर म0प्र0
विरूद्ध
अनावेदक/अनावेदकगण 1. महा प्रबंधक, माईक्रोमेक्स मोबाइल
कंपनी, माईक्रोमेक्स, हाउस नंबर-90बी, सेक्टर-18 गुडगांव 122015 हरियाणा
2. प्रोप्राईटर आर0के0मोबाइल, टाउन हाॅल के पीछे, टोपी बाजार, महाराज बाडा, लश्कर ग्वालियर म0प्र
3. मैसर्स डिलाईट सर्विसेस (माईक्रोमेक्स सर्विस सेण्टर) प्लाॅट नंबर 34 मेट्र्ो पिलर नंबर 232 शादीपुर मेट्र्ो स्टेशन के पास, नई दिल्ली-110008
उपस्थितिः
परिवादी स्वयं।
अनावेदकगण एक पक्षीय।
आदेश
अध्यक्ष अनुसार
1. परिवादी ने उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के तहत यह परिवाद अनावेदकगण से मोबाइल के मूल्य 13,000रू सहित मानसिक संत्रास, सामाजिक आर्थिक तथा केरियर की क्षति पूर्ति की राशि एवं प्रकरण व्यय सहित कुल 91,000रू की प्राप्ति हेतु यह परिवाद पेश किया है।
2. परिवादी का पक्ष इस प्रकार है कि उसने अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा निर्मित माईक्रोमेक्स मोबाइल माॅडल क्रमांक ए-116 केनवास एच.डी आई0एम0ई0आई क्रमांक 911302454679396 दिनांक 22.6.2013 को अनावेदक क्रमांक 1 से 13,000रू में क्रय किया था जिस मोबाइल के संबंध में एक वर्ष की गारंटी दी गयी थी। उक्त मोबाइल के केवल एक माह उपयोग के पश्चात ही मोबाइल की स्क्रीन पर लाईन आने लगी जिससे अनावेदक क्रमांक 2 विक्रेता को अवगत कराने पर उसकी सलाह अनुसार निर्माता कंपनी से दिनंाक 13.8.2013 को ई-मेल द्वारा शिकायत किए जाने पर कंपनी से प्राप्त दिनंाक 14.8.2013 के ई-मेल पर जमा अनुसार कंपनी के अधिकृत सर्विस सेण्टर अनावेदक क्रमांक 3 के यहां मोबाइल दिखाया गया तो उन्होंने मोबाइल में मामूली खराबी बताते हुए उपयोग करने हेतु कहा किन्तु माह जनवरी 2014 में मोबाइल की स्क्रीन ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया जिसकी शिकायत अनावेदक क्रमांक 3 से किए जाने पर उसने मोबाइल सुधार हेतु रख लिया एवं 10 दिन बाद उसके मोबाइल की नयी बैट्र्ी निकालकर पुरानी बैट्र्ी लगाकर दे दिया किन्तु मोबाइल फिर भी काम नहीं कर रहा था अतः अनावेदक क्रमांक 3 के निर्देशानुसार पुनः उससे दिनंाक 10.2.2014 को संपर्क किया तो उसने मोबाइल जमा कर लिया किन्तु सुधार पश्चात वापस न किए जाने पर निर्माता कंपनी अनावेदक क्रमांक 1 से दिनंाक 4.3.2014, 5.3.2014 एवं 13.3.3014 को ई-मेल से संपर्क किया गया जिन्होेंने अवगत कराया कि कार्यवाही कर रहे हैं। तत्पश्चात पुनः दिनंाक 25.3.2014 को अनावेदक क्रमांक 3 सर्विस सेण्टर से संपर्क किए जाने पर उसने उसके नये मोबाइल के स्थान पर पुराना दूसरा मोबाइल जिसका आई0एम0ई0आई क्रमांक भी भिन्न था उसे दिया जा ेभी काम नहंी कर रहा था जिसके संबंध में अनावेदक क्रमांक 3 से शिकायत किए जाने पर उसने बताया कि आप इसे ले जाईये अगले माह आपका मोबाइल ठीक हो जाएगा, बदलकर ले जाना। तत्पश्चात दिनंाक 18.4.2014 को परिवादी ने अनावेदक क्रमांक 3 द्वारा दिया गया मोबाइल उसे देकर अपना मोबाइल मांगा तो उसने परिवादी के मोबाइल के स्थान पर पुनः वही पुराना सेट दे दिया एवं तत्पश्चात विवाद की स्थिति उत्पन्न होने एवं अनावेदक क्रमांक 3 द्वारा अभद्र व्यवहार से अनावेदकगण को विधिक सूचना पत्र दिनंाक 23.4.2014 को भेजने के उपरांत भी अनावेदकगण द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने से उसे जो मानसिक परेशानी हुई, आर्थिक एवं सामाजिक जीवन पर तथा प्रतियोगी परीक्ष्ज्ञा की तैयारी में जो विपरीत प्रभाव पडा एवं अपूर्णनीय क्षति हुई उसकी प्रतिपूर्ति हेतु यह परिवाद पेश किया गया है।
3. अनावेदकगण सूचना तामीली के उपरांत भी अनुपस्थित रहे उनके द्वारा कोई जवाब पेश नहंी किया गया अतः अनावेदकगण के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गयी है।
4. विचार कंे लिए यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि क्या अनावेदकगण क्रमांक 1 व 3 ने परिवादी के विवादित मोबाइल को वारंटी अवधि में न सुधार कर अथवा बदलकर दूसरा नवीन मोबाइल न देकर सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार किया है ?
5. परिवादी ने परिवाद पत्र मे ंकिए गए अभिवचनों की पुष्टि में उपरोक्त अभिवचनो को ही दोहराते हुए स्वयं का विस्तृत शपथपत्र पेश किया तथा प्रदर्श सी-1 से लगायत सी-12 तक के दस्तावेजों की छाया प्रतियां पेश की है। परिवादी की ओर से शपथपत्र पर किए गए अभिवचन, मोबाइल खरीदी के बिल प्रदर्श सी-1, तथा अनावेदक क्रमांक 1 कंपनी से हुए ई-मेल पत्राचार एवं प्रदर्श सी-3, सी-4 एवं सी-11 के अनावेदक क्रमांक 3 द्वारा जारी प्रपत्रों से अनावेदकगण क्रमांक 1 व 3 द्वारा खण्डन के अभाव मे इस तथ्य की पूरी तरह पुष्टि होती है कि परिवादी द्वारा क्रय किया गया उपरोक्त विवादित मोबाइल वारंटी अवधि में ही खराब हो गया है जिसे उक्त अनावेदकगण ने वारंटी अवधि में होते हुए भी सुधार कर परिवादी को वापस नहीं किया एवं परिवादी केा नवीन मोबाइल के स्थान पर दूसरा पुराना मोबाइल उपयोग हेतु दे दिया जो भी परिवादी के अनुसार काम नही कर रहा था। स्पष्ट ही अनावेदक क्रमांक 1 व 3 का कृत्य सेवा में कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार की परिधि में आता है।
6. अनावेदक क्रमांक 2 विवादित मोबाइल के विक्रेता हैं, मोबाइल विक्रय के समय खराब था जिसे अनावेदक क्रमांक 2 ने विक्रय किया ऐसा परिवादी का अभिवचन नहीं है, मोबाइल की वारंटी भी निर्माता कंपनी द्वारा दी गयी है ऐसी स्थिति मे परिवादी अनावेदक क्रमांक 2 से कोई सहायत पाने का पात्र नही है। अतः उसके विरूद्ध यह परिवाद निरस्त किया जाता है।
7. फलस्वरूप यह परिवाद आंशिक रूपसे स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया जाता है कि अनावेदक क्रमांक 1 व 3 परिवादी को विवादित मोबाइल हेण्डसेट के समान माॅडल का नवीन मोबाइल हेण्डसेट पूर्णतः चालू हालत में आगामी 8 माह की नवीन वारंटी सहित परिवादी से बिना कोई शुल्क लिए प्रदान करे तथा परिवादी को उपयोग हेतु दिया गया पुराना मोबाइल सेट वापस प्राप्त करें। परिवादी को जो मानसिक, शारीरिक आदि कष्ट हुए उसकी क्षतिपूर्ति एवं प्रकरण व्यय सहित कुल 3,000रू भी अनावेदकगण क्रमांक 1 व 3 परिवादी को उपरोक्त अवधि में अदा करें। निर्धारित अवधि मे राशि अदा न किए जाने पर उक्त अवधि के पश्चात से राशि अदायगी दिनंाक तक उक्त राशि पर 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी देय होगा।
8. प्रकरण समाप्त हो। आदेश की प्रतिलिपि पक्षकारों को निःशुल्क दी जावे। परिणाम दर्ज कर प्रकरण अभिलेखागार में जमा हो।
(सरिता ंिसंह) (श्रीमती आभा मिश्रा) (डाॅ0मृदुला सिंह)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य