Rajasthan

Jaipur-I

CC/1216/2013

JITENDRA KUMAWAT - Complainant(s)

Versus

MICROMAX INFOTEC - Opp.Party(s)

MOHAN GURJAR

12 Aug 2014

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 1216/2013
जितेन्द्र कुमावत पुत्र श्री राजेन्द्र प्रसाद आयु 22 साल, निवासी ग्राम लक्ष्मीनारायणपुरा, तहसील आमेर, जिला जयपुर 
                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    माईक्रो मैक्स इन्फोटेक लि0 पता 21/14-ए, फेज द्वितीय, नारायणा इण्डस्ट्रीयल एरिया दिल्ली 110028
2.    दी मोबाईल स्टोर प्रा0लि0 मैसर्स मेट्रो फ्रेश एण्ड कैरी इण्डिया प्रा0लि0 पता प्लाट नंबर ए-118, बी-119, बी-120, रोड नंबर 9 वी के आई एरिया जयपुर राज0
3.    मैसर्स तिरूपति इन्फोटेक जी-72, बी ब्लाॅक, गणपति प्लाजा नियर पिज्जा हट, एम.आई.रोड़, जयपुर 
              विपक्षी

अधिवक्तागण :-
श्री मोहन गुर्जर - परिवादी
श्री गणेश गुप्ता - विपक्षी सॅंख्या 2
                                   
                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 08.10.13

                       आदेश     दिनांक: 23.02.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 2 के यहां से दिनांक 16.08.2013 को विपक्षी सॅंख्या 1 कम्पनी का माईक्रोमैक्स मोबाईल माॅडल नंबर 111 व्हाईट राशि 9499/- रूपए में खरीद किया था । परिवादी का कथन है कि शुरू से ही मोबाईल में आवाज में भारीपन था तथा चलते-चलते बंद हो जाता था । दिनांक 07.09.2013 को मोबाईल पूर्ण रूप से बंद हो गया जिस पर विपक्षी सॅंख्या 2 को दिखाया तो उसने ठीक करने व बदलने से मना कर दिया तथा विपक्षी सॅंख्या 3 को दिखाने के लिए कहा । विपक्षी सॅंख्या 3 के यहां मोबाईल जरिए जाॅब कार्ड डब्ल्यु 020319-0913-5291774 ठीक करने हेतु दिया गया परन्तु विपक्षी सॅंख्या 3 ने मोबाईल ठीक करके नहीं लौटाया और इस प्रकार सेवादोष कारित किया है । जिससे परिवादी के अनुसार उसे मानसिक व शारीरिक संताप हुआ है । परिवादी ने मोबाईल की राशि 9994/- रूपए, मानसिक व शारीरिक पीडा के 50,000/- रूपए, अतिरिक्त मोबाईल खरीदा उसकी राशि 9000/- रूपए, परिवाद खर्चा व अधिवक्ता फीस के 3100/- रूपए, अन्य खर्च की राशि 2000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षी सॅंख्या 1 व 3 की ओर से परिवाद का कोई जवाब पेश नहीं किया गया है ।
विपक्षी सॅंख्या 2 की ओर से इस आशय का जवाब प्रस्तुत किया गया है कि मोबाईल में कोई भी खराबी आने पर उसका उत्तरदायित्व नहीं है यह उत्तरदायित्व विपक्षी सॅंख्या 1 व 3 का है । विपक्षी सॅंख्या 2 ने उसके यहां से मोबाईल खरीद किया जाना स्वीकार किया है । विपक्षी सॅंख्या 2 का कथन है कि उसका कोई उत्तरदायित्व मोबाईल के सम्बन्ध में नहीं है इसलिए उसके विरूद्ध परिवाद खारिज किया जावे ।
मंच द्वारा प्रस्तुत लिखित तर्को एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, मोबाईल खरीदने की रसीद, विपक्षी सॅंख्या 3 के यहां मोबाईल ठीक करने हेतु दिया वह मेटेरियल रिसिव्ड नोट प्रस्तुत किया है ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी केे कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षी सॅंख्या 1 व 3 की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का मंच के समक्ष कोई आधार नहीं है तथा परिवादी यह प्रमाणित कर सका है कि उसके द्वारा क्रय किया गया प्रश्नगत मोबाईल वांरटी अवधि में खराब हो गया जिसे फिर ठीक करके वापिस नहीं लौटाया गया और इस प्रकार विपक्षी ने सेवादोष कारित किया है ।
 विपक्षी सॅंख्या 2 का यह कथन है कि उसका कोई उत्तरदायित्व नहीं बनता है क्योंकि उसने तो मोबाईल का बेचना मात्र किया है परन्तु विपक्षी सॅंख्या 2 के कथन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है । 2008 (1) सी.पी.जे. 336 एन.सी. अभिनन्दन बनाम अजित कुमार वर्मा एण्ड अदर्स व 1 (2012) सी पी जे 110 एन सी रमाशंकर यादव बनाम जे.पी. एसोसिएट लिमिटेड के न्याय निर्णय पेश किए है जो इस प्रकरण पर लागू नहीं होते हैं क्योंकि जो सेवा विपक्षी सॅंख्या 2 द्वारा दी जानी थी वह नहीं दी गई है । ऐसी स्थिति में विपक्षी सॅंख्या 2 का उत्तरदायित्व भी विपक्षी सॅंख्या 1 व 3 के समान ही है ।
 अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि  विपक्षीगण संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी के मोबाईल हैण्डसेट को नि: शुल्क ठीक करके वापिस लौटाएंगे और यदि सम्भव नहीं हो तो उसी प्रकार का नया मोबाईल अथवा उसकी कीमत 9499/- रूपए अक्षरे नौ हजार चार सौ निन्यानवें रूपए 16.08.2013 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर सहित अदा करेंगे। इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करंेेेगे। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
निर्णय आज दिनांक 23.02.2015 को लिखाकर सुनाया गया।


( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)    (राकेश कुमार माथुर)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

 

 

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