ramlal filed a consumer case on 12 Feb 2015 against mew india insurance comp. in the Tonk Consumer Court. The case no is cc/88/2014 and the judgment uploaded on 12 Mar 2015.
रामलाल बनाम दि न्यू इण्डिया इश्योरेंस कम्पनी लि0
परिवाद संख्या 88/2014
12.02.2015
दोनों पक्षों को सुना जा चुका है। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवादी ने विपक्षी कम्पनी का संक्षेप में यह सेवादोष बताया है कि उसके वाहन आर.जे. 14 जी.ए. 8239 का बीमा निर्धारित प्रीमियम देकर कराया था, बीमा अवधि में वाहन दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गया जिसकी पुलिस को व विपक्षी कम्पनी को सूचना दी गई। विपक्षी कम्पनी के सर्वेयर ने सर्वे किया जिसकी फीस 2,260/- रूपये भी उसको दी गई, वाहन की मरम्मत कराई गई जिसमें कुल खर्चा 2,01,650/- रूपये हुआ। विपक्षी कम्पनी के सर्वेयर एम.आर. तोतला ने फाईनल सर्वे किया जिसकी फीस 37,007/- रूपये भी परिवादी द्वारा दी गई। विपक्षी कम्पनी को वाहन क्षति का क्लेम प्रस्तुत किया गया जिसका निस्तारण नही करने पर परिवाद संख्या 362/2012 इस मंच में प्रस्तुत किया गया जिसके निर्णय दिनांक 11.10.2013 के अनुसरण में परिवादी ने विपक्षी कम्पनी को दस्तावेज प्रेषित कर दिये। विपक्षी कम्पनी ने क्लेम के पेटे दिनांक 09.02.2014 को पत्र के साथ 31,959/- रूपये का चैक प्रेषित किया, क्लेम की पूरी राशि का भुगतान नही करने के कारण वह चैक विपक्षी कम्पनी को वापिस प्रेषित कर दिया गया। विपक्षी कम्पनी द्वारा वाहन क्षति क्लेम के पेटे सही राशि अदायगी नही करने से परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ।
विपक्षी कम्पनी के जवाब का सार है कि परिवादी ने पूर्व परिवाद संख्या 362/2012 में पारित निर्णय दिनांक 11.10.2013 के अनुसार वांछित दस्तावेज उपलब्ध नही कराये। वक्त दुर्घटना वाहन में क्षमता से अधिक माल था, चालक के पास वैध एंव प्रभावी लाईसेंस व परमिट नही था तथा दुर्घटना की तत्काल सूचना भी नही दी गई। इस प्रकार बीमा शर्तो का उल्लघंन किया गया। विकल्प में यह भी कहा गया है कि सर्वेयर एम.आर. तोतला ने वाहन में कुल 38,529/- रूपये का ही नुकसान होना बताया है। विपक्षी कम्पनी की इससे अधिक क्षतिपूर्ति अदायगी का दायित्व नही है।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा इस मंच के पूर्व आदेश दिनांक 11.10.2013, आर.सी., बीमा पाॅलिसी, चार्जशीट, नक्शा मौका, विपक्षी कम्पनी की ओर से प्रेषित पत्र दिनांक 22.01.2014 एवं 09.02.2014, विपक्षी कम्पनी को प्रेषित पत्र दिनांक 13.02.2014, वाहन मरम्मत के बिल, डाईविंग लाईसेंस, विपक्षी कम्पनी को प्रेषित पत्र दिनांक 07.11.2013 आदि दस्तावेजात की प्रति प्रस्तुत की है। विपक्षी कम्पनी ने साक्ष्य में सर्वेयर एम.आर. तोतला की रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत की है।
हमने विचार किया।
परिवादी ने अपने वाहन की क्षति के सम्बन्ध में बीमा क्लेम हेतु विपक्षी कम्पनी के विरूद्ध पूर्व में परिवाद संख्या 362/2012 इस मंच के समक्ष प्रस्तुत किया था जिसमें दोंनों पक्षों को सुनकर दिनांक 11.10.2013 को आदेश पारित किया गया था कि - विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी का क्लेम बंद करने का ओदश अपास्त किया जाता है परिवादी को निर्देश दिये जाते है कि वह विपक्षी कम्पनी को एक माह में वांछित दस्तावेज/सूचना उपलब्ध कराये जिसके दो माह के अन्दर परिवादी का क्लेम सेटल करके उसे सूचित किया जावे जिससे असतुन्ष्ट होने पर परिवादी पुनः परिवाद प्रस्तुत कर सकता है।
उक्त आदेश के अनुसरण में परिवादी द्वारा विपक्षी कम्पनी को प्रेषित दस्तावेजात पर विचार करके विपक्षी कम्पनी ने पत्र दिनांक 09.02.2014 से परिवादी का क्लेम अमानक आधार पर उसकी सहमति बताते हुए 31,959/- रूपये हेतु सेटल करके उसे चैक प्रेषित किया जिसे परिवादी ने असतुष्ट होने के कारण विपक्षी कम्पनी को वापिस प्रेषित कर दिया तथा वाहन क्षति की मरम्मत में हुए कुल खर्चे के भुगतान हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
इस बारे में विवाद की स्थिति नही है कि परिवादी ने विपक्षी कम्पनी को उसका क्लेम अमानक आधार पर तय करने हेतु सहमति बाबत दिनांक 07.11.2013 को शपथ-पत्र प्रस्तुत किया।
परिवादी ने बीमित वाहन में दुर्घटना के कारण हुई क्षति की मरम्मत में 2,01,650/- रूपये का खर्चा होना बताते हुए विपक्षी कम्पनी को बिल प्रेषित किए जिसकी प्रतियाॅ मंच के समक्ष भी प्रस्तुत की गई है। विपक्षी कम्पनी ने सर्वेयर एम.आर. तोतला की रिपोर्ट के आधार पर वाहन में कुल 38,529/- रूपये के ही नुकसान की भरपाई का उत्तरदायित्व होना प्रकट किया है। हमने सर्वेयर की रिपोर्ट का अवलोकन किया। सर्वेयर ने परिवादी के वाहन की मरम्मत सम्बन्धी एस्टीमेट को निरस्त/संशोधित करने के सम्बन्ध में विस्तृत कारण या आधार अपनी रिपोर्ट में प्रकट नही किये है उसे मनमाने तरीके से अस्वीकार करते हुए अपनी मनमर्जी से नुकसान का आंकलन किया है। इस सम्बन्ध में स्थिति को स्पष्ट करने के लिए विपक्षी कम्पनी को सर्वेयर का विस्तृत शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये लेकिन विपक्षी कम्पनी ने उसका कोई शपथ-पत्र प्रस्तुत नही किया अपितु प्रकट किया कि वे शपथ-पत्र नही देना चाहते है जिससे एक मात्र यही उपधारणा बनती है कि सर्वेयर की क्षति आंकलन रिपोर्ट तर्कसंगत एवं उचित नही है अपितु मनमानी है। इसलिए हम पाते है कि विपक्षी कम्पनी के इस तर्क में कोई सार नही है कि उनका दायित्व अधिकतम सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर ही क्षतिपूर्ति अदायगी का है क्योंकि सर्वेयर की रिपोर्ट में क्षति आंकलन का कोई युक्तियुक्त, ठोस एवं उचित आधार नही है उसे स्पष्ट करने के लिए शपथ-पत्र भी पुष्टि हेतु नही दिया गया है। परिवादी ने वाहन की मरम्मत में खर्चे के जो बिल प्रस्तुत किए है उन्हे गलत ठहराने का विपक्षी कम्पनी ने कोई ठोस प्रयास नही किया है। इसलिए हम पाते है कि परिवादी की ओर से वाहन की मरम्मत में खर्च हुई राशि के प्रस्तुत बिलांे के आधार पर कुल 2,01,650/- रूपये की राशि क्लेम पेटे देय बनती है तथा परिवादी की अमानक आधार (नाॅन स्टेंडर्ड बेसिस) पर क्लेम निस्तारण की सहमति के दृष्टिगत परिवादी उक्त राशि की 75 प्रतिशत राशि अर्थात 1,51,200/- रूपये वाहन क्षति क्लेम के पेटे पाने का अधिकारी है। परिवादी ने यह भी प्रकट किया है कि सर्वेयर की फीस के पेटे उसने क्रमशः 2260/- रूपये एवं 37,007/- रूपये की अलग से अदायगी की है जिसका स्पष्ट खण्डन विपक्षी कम्पनी द्वारा नही किया गया है सर्वेयर की फीस अदायगी का दायित्व विपक्षी कम्पनी का ही है। इसलिए सर्वेयर को फीस पेटे अदा की गई 39,267/- रूपये भी परिवादी विपक्षी कम्पनी से पाने का अधिकारी है।
अतः विपक्षी कम्पनी को निर्देश दिये जाते है कि परिवादी को दो माह के अन्दर उसके बीमित वाहन की क्षति के क्लेम पेटे 1,51,200/- रूपये व सर्वेयर की फीस पेटे अदा की गई राशि 39,267/- रूपये कुल 1,90,647/- रूपये एवं इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 24.02.2014 से अदायगी करने तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज व मानसिक संताप एवं परिवाद व्यय की भरपाई हेतु 5,000/- रूपये सहित अदा करे।
आदेश खुले मंच में सुनाया गया। पत्रावली फैसल शुमार होकर रिकार्ड में जमा हो।
विष्णु कुमार गुप्ता किरण चैरसिया भगवानदास खण्डेलवाल
(सदस्य) (सदस्या) (अध्यक्ष)
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