Rajasthan

Ajmer

CC/517/2013

RAMSWAROOP SHARMA - Complainant(s)

Versus

MERWARA ESTATE - Opp.Party(s)

ADV ARUN SHARMA

07 Oct 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/517/2013
 
1. RAMSWAROOP SHARMA
MAHARASHTRA
...........Complainant(s)
Versus
1. MERWARA ESTATE
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 07 Oct 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

रामस्वरूप षर्मा पुत्र श्री सीताराम ष्षर्मा, मकान नं. 887/11, ईदगाह रोड़, तकिया घी मण्डी, जिला- थाने,  महाराष्ट्र ।

                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

होटल मेरवाड़ा ऐस्टेट, दौलत बाग, अजमेर जरिए मैनेजर 
                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 517/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री अरूण षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री निरन्जन कुमार दोसी,  अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः-27.10.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसने अपनी भतीजी कुं. विषाखा  के दिनांक 6.11.2011 को होने वाले विवाह समारोह के लिए रू. 2,00,000/- में  अप्रार्थी के  होटल मेरवाड़ा में मौर्या पैलेस  समस्त डेकोरेषन के साथ बुक करवाया और दिनांक 24.6.2011 को  अग्रिम राषि रू. 75,000/- अदा की तथा ष्षेष राषि, जिसमें से रू. 5000/- की छूट प्रदान की गई थी, रू. 70,000/- विवाह के दिन देना निष्चित हुआ था ।  तत्पष्चात्  जब वह दिनंाक 5.11.2011 को  विवाह की तैयारी देखने अजमेर आया तो उसने पाया कि  उसके द्वारा बुक कराए गए स्थल पर किसी अन्य धार्मिक संस्था द्वारा  धार्मिक कार्यक्रम की तैयारी चल रही थी । इस संबंध में  अप्रार्थी को अवगत कराया तो उसने बताया कि यह स्थान धार्मिक कार्यक्रम के अलावा किसी अन्य कार्यक्रम के लिए बुक नहीं है । इस पर उसने अग्रिम जमा कराई  गई राषि लौटाने की बात कही तो उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया । प्रार्थी का कथन है कि उसके द्वारा अग्रिम राषि प्राप्त कर किसी अन्य को बुकिंग स्थल आवंटित कर अप्रार्थी ने सेवा में कमी कारित की है । उसने परिवाद प्रस्तुत करते हुए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए  अप्रार्थी की सम्पति में से एक हिस्सा मौर्य गार्डन दिनांक 6.11.2011 को होने वाले विवाह समारोह  के लिए रू. 75,000/- की अग्रिम राषि देकर कुमारी सरला भट्ट द्वारा बुक किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि  दिनंाक 5.11.2011 को कुमारी सरला भट्ट अपने साथ दो -तीन व्यक्तियों को साथ लेकर आई और उसने अवगत कराया कि दिनंाक 6.11.2011 को होने वाला विवाह समारोह किसी पारिवारिक कारणों से स्थगित हो गया है और अग्रिम राषि लौटाने की मांग की । इस पर  अप्रार्थी द्वारा अवगत कराया गया कि भविष्य में विवाह की जो भी तारीख निष्चित हो, अवगत करा देवे ताकि उनके द्वारा जमा कराई गई अग्रिम राषि समायोजित की जा सके  क्योंकि अग्रिम राषि लौटाए जाने का कोई प्रावधान नहीं है । दिनंाक 6.11.2011 को तथाकथित कोई धार्मिक कार्यक्रम मौर्य गार्डन में नहीं थी अपितु दिनंाक  7.11.2011 व 8.11.2011 को  मौर्य गार्डन के  साथ साथ मधुबन  में जो इसी सम्पति मेरवाड़ा ऐस्टेट  के उपरी हिस्से में अवस्थित है, में  जैन मुनि श्री विराग सागर जी महाराज का पदारोहण एवं पिच्छिका परिवर्तन समारोह आयोजित होना था । प्रार्थी की ओर से बुक कराया गया स्थल दिनंाक 6.11.2011 के लिए खाली था । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में डा. सतीष अरोड़ा, प्रेसीडेन्ट का षपथपत्र पेष किया है ।   
3.    हस्तगत प्रकरण में प्रार्थी पक्ष की ओर से दिनंाक 6.11.2011 को होने वाले विवाह के लिए दिनंाक 24.6.2011 को होटल मेरवाड़ा ऐस्टेट में स्थित समारेाह स्थल को बुक कराए जाने व इसके पेटे अग्रिम राषि रू. 75,000/-  जमा होना, स्वीकृत रूप से सामने आया है व इस बाबत् अप्रार्थी की ओर से डा. सतीष अरोड़ा का सषपथ  कथन एवं उक्त राषि की जमा होने बाबत् रसीद , इन तथ्यों की पुष्टि करते हैं ।  
4.    प्रार्थी पक्ष का तर्क है कि  उक्त बुकिंग के बाद जब वह दिनंाक 5.11.2011 को अपने नाते रिष्तेदारों के साथ विवाह की तैयारी देखने  उक्त समारोह स्थल पहुंचा तो वहां पर किसी अन्य धार्मिक संस्थान द्वारा धार्मिक कार्यक्रम की तैयारी  चलाना पाया, यह नजारा देखकर उसने अप्रार्थी से सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त करनी चाही तो  उसने उक्त स्थान किन्ही महाराज को अपने कार्यक्रम के लिए बुक करवाए जाना  व इसके अलावा अन्य किसी प्रकार का कोई आयेाजन नहीं होने का तर्क दिया व  उसके साथ दुव्र्यवहार किया । 
5.    खण्डन में अप्रार्थी ने इन तथ्यों को गलत बताया है व तर्क प्रस्तुत किया है कि दिनंाक 5.11.2011 को प्रार्थी पक्ष अपने साथ 2-4 व्यक्तियों को लेकर आया था तथा उन्हें अवगत कराया गया था कि दिनंाक 6.11.2011 को आयेाजित होने वाला कार्यक्रम किन्हीं पारिवारिक कारणोें से स्थगित हो गया है । ऐसी स्थिति में अग्रिम प्राप्ति राषि लौटा दी जावे । इस पर उन्हें बताया गया कि जमाषुदा  अग्रिम राषि लौटाए जाने योग्य नहीं है अपितु  आगे होने वाले  किसी दिनंाक के पेटे समायोजित की जा सकती है । यह भी बताया कि जैन मुनि श्री विराग सागर जी महाराज का पदारोहण एवं पिच्छिका परिवर्तन समारोह दिनंाक 7.11.2011  व 8.11.2011 को होना निष्चित हुआ है व इस हेतु सम्पति के उपरी हिस्से मधुबन बाग  मेेें आयोजित होना है । 
6.    कहने का तात्पर्य यह है कि  एक ओर जहां प्रार्थी पक्ष ने बुकिंग की तिथि से एक दिन पहले आकर समारोह स्थल पर अन्य आयोजन की तैयारी को देखकर कयास के आधार पर बताया है कि यह स्थल उसके  लिए बुक है क्योंकि दिनंाक 6.11.2011 को उसके द्वारा उक्त समारेाह स्थल विवाह के लिए बुक करवाया गया है जबकि अप्रार्थी ने इसका खण्डन किया है । खण्डन के प्रमाण स्वरूप उनकी ओर से दिनंाक 7.11.2011 व 8.11.2011 को होने वाले समारोह बाबत् श्री दिगम्बर जैन मुनि संघ सेवा समिति के बैनर तले दिनंाक 7 व 8.11.2011  को पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम आचार्य पदारोपण  दिवस समारेाह के लिए उक्त होटल मेरवाड़ा ऐस्टेट में मधुबन  व मौर्यगार्डन निषुल्क  व्यवस्था करवाने बाबत् पत्र लिखा गया हेै। इस प्रकार यदि प्रार्थी पक्ष दिनंाक 5.11.2011 को मौके पर आया है तो उसने किसी अन्य समारोह  की तैयारी को  देख कर मात्र कयास से इस बात का अन्दाजा लगाया है कि उक्त तैयारी सम्भवतः  उसके होने वाले अगले दिन के समारोह के संबंध में है, जो उचित नहीं है ।  क्या उसने उक्त स्थल दिनंाक 5.11.2011 से 6.11.2011 के  लिए बुक किया था ? क्या उसने दिनंाक 6.11.2011 को की गई बुकिंग के लिए 5.11.2011 को  मौके पर अपनी तैयारियों को मूर्तरूप देने के लिए उक्त स्थल बुक करवाया था ? इसका उत्तर नकारात्मक है क्योकि वह स्वयं मात्र दिनंाक 6.11.2011 की बुकिंग को लेकर अपना पक्ष कथन लेकर आया है । यदि वह दिनांक 6.11.2011 को मौके पर आता व अपने द्वारा बुक  करवाए  गए स्थान पर किसी अन्य बुकिंग को पाता तो सम्भव था  कि उसके साथ अनुचित व्यापार व्यवहार किया गया होता । मंच की राय में  अप्रार्थी के इन तर्को में वजन प्रकट होता है कि प्रार्थी पक्ष दिनंाक 5.11.2011 को मौके पर आया और उसने दिनंाक 6.11.2011 को होने वाले समारोह को किसी अपिरहार्य कारणों से स्थगित  होने का निवेदन किया व प्रतिउत्तर में उसनेे अग्रिम राषि लौटाए जाने की बजाए आगे के लिए समायेाजित किए जाने की बात कही गई हो व इस बात को लेकर पक्षकारान के मध्य किसी प्रकार का कोई विवाद उत्पन्न हुआ हो । प्रार्थी पक्ष ने इस घटना के बाद विवाह समारोह को किसी अन्य स्थान पर आयेाजित करने व इसमें खर्च की हुई राषि व असुविधा के कारण क्षतिपूर्ति चाही है जबकि उसकी ओर से इसकी पुष्टि में किये गये आयोजन-समारोह बाबत, कोई पुख्ता साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं हुई है । अतः उसका यह कहना कि उसे इस प्रकार असुविधा हुई व अपूर्णीय क्षति कारित हुई स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। 
7.    सार यह है कि इस विवेचन के प्रकाष में अप्रार्थी द्वारा किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी अथवा अनुचित व्यापार व्यवहार का कृत्य किया हो , यह प्रार्थी पक्ष सिद्व करने में सफल नहीं हो पाया हेै। मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद खारिज होने योग्य है एवं आदेष है कि 

                          -ःः आदेष:ः-
8.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
            आदेष दिनांक 27.10.2016  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           
               
           

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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