Uttar Pradesh

StateCommission

A/2020/2023

Chief Commercial Manager(Claims) & Other - Complainant(s)

Versus

Meraj Ahmad & Another - Opp.Party(s)

Raj Kumar Singh & Brijendra Chaudhary

26 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2020/2023
( Date of Filing : 15 Dec 2023 )
(Arisen out of Order Dated 10/07/2023 in Case No. Complaint Case No. CC/284/2019 of District Gorakhpur)
 
1. Chief Commercial Manager(Claims) & Other
North Eastern Railway, Gorakhpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Meraj Ahmad & Another
Proprietor NJ Sports, Jatepur North, Hadhawa Fatak, Gorakhpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Jun 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-2020/2023

चीफ कामर्शियल मैनेजर (क्‍लेम्‍स), नार्थ ईस्‍टर्न रेलवे व एक अन्‍य

बनाम

मेराज अहमद पुत्र वली मोहम्‍मद व एक अन्‍य

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री राज कुमार सिंह एवं                                        

                               श्री बृजेन्‍द्र चौधरी,  

                               विद्वान अधिवक्‍तागण।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 26.06.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता            आयोग, गोरखपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-284/2019 मेराज अहमद बनाम सूर्या रेल कार्गो मूर्वोस व दो अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.07.2023 के विरूद्ध योजित की गयी है।

हमारे द्वारा अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍तागण श्री राज कुमार सिंह एवं श्री बृजेन्‍द्र चौधरी को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा स्पोर्टस शूज मल्टीपरपज आदि 1,24,320/-रू0 में दिनांक 14.06.2018 को स्टार इम्पैक्ट प्रा०लि० लुधियाना रोड, रेहमान नगर, माले कोटला, पंजाब से क्रय किया गया, जिसका इनवाइस नं0 2904 है तथा उक्त सामान जालंधर से गोरखपुर भेजने के लिए चार नग बनाकर विपक्षी संख्‍या-1 सूर्या रेल कार्गो मूवर्स को दिया गया, जिसकी रसीद सं० 859 रू0 2400.00 भुगतान करने पर  दी

 

 

 

-2-

गई।

परिवादी का कथन है कि उक्त चार नग में से मात्र तीन नग विपक्षी संख्‍या-2 मुख्‍य वाणिज्‍य प्रबंधक (दावा) पूर्वोत्‍तर रेलवे व विपक्षी संख्‍या-3 महा प्रबन्‍धक, पूर्वोत्‍तर रेलवे, गोरखपुर द्वारा दिनांक 27.06.2018 को गेट पास सं0-049972 के माध्यम से परिवादी को प्राप्त कराया गया। विपक्षी संख्‍या-2 व 3 से शिकायत करने पर बताया गया कि शिकायत रजिस्टर में दर्ज करा दें, सामान मिलने पर आपको दिया जाएगा। परिवादी द्वारा एक नग प्राप्त न होने पर दिनांक 28.06.2018 को विपक्षी को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन विपक्षीगण द्वारा परिवादी के सामान को नहीं दिया गया। इस सम्बन्ध में परिवादी द्वारा विधिक नोटिस दिनांक 10.08.2018 को विपक्षीगण को दी गई, जिसका कोई उचित जवाब नहीं दिया गया। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी संख्‍या-2 व 3 की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया तथा मुख्‍य रूप से यह कथन किया गया कि परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला उपभोक्‍ता आयोग को नहीं है तथा न ही परिवादी विपक्षी संख्‍या-2 व 3 का उपभोक्‍ता है। परिवादी का परिवाद रेल दावा अधिकरण अधिनियम 1987 की धारा-13, 15 व 28 से बाधित है। परिवादी का प्रश्‍नगत बुक हुआ सामान रेल प्रशासन द्वारा उसके स्वामी को नियमानुसार प्रदान किया गया है। परिवादी द्वारा गुम हुए माल का उल्‍लेख अपने परिवाद में नहीं किया गया है। परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

 

 

 

 

-3-

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त परिवाद निर्णीत करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

''विपक्षी सं0-1, 2 एवं 3 तक को संयुक्‍त: एवं पृथकतः दायित्वाधीन पाया जाता है और विपक्षी सं0-2 एवं 3 को आदेश दिया जाता है कि वे परिवादी को वाद कारण की तिथि दि० 10.07.18 से माल के एक कार्टून का मूल्य 40000.00 रू० (चालीस हजार रूपये मात्र) का भुगतान इस आदेश से 45 दिन के अंदर 07 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ करे। भुगतान में चूक होने पर उक्त धनराशि 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ देय होगी। शारीरिक एवं मानसिक क्षति के लिए 10000.00 रू0 (दस हजार रूपये मात्र) तथा वाद व्यय के लिए 6000.00 रू० (छः हजार रूपये मात्र) का भी भुगतान करे।''

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍तागण को सुनने तथा समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त हम इस मत के हैं कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया, परन्‍तु हमारे विचार से जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो शारीरिक एवं मानसिक क्षति हेतु 10,000/-रू0 (दस हजार रूपए) की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्‍यायहित में 4,000/-रू0 (चार हजार रूपए) किया जाना उचित है। इसके साथ ही जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो वाद व्‍यय हेतु 6,000/-रू0 (छ: हजार रूपए) की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्‍यायहित में 2,000/-रू0 (दो हजार रूपए) किया जाना उचित है।

 

 

 

 

-4-

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती              है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग, गोरखपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-284/2019 मेराज अहमद बनाम सूर्या रेल कार्गो मूर्वोस व दो अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.07.2023 को संशोधित करते हुए शारीरिक एवं मानसिक क्षति हेतु 4,000/-रू0 (चार हजार रूपए) तथा वाद व्‍यय हेतु 2,000/-रू0 (दो हजार रूपए) की देयता निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)            (विकास सक्‍सेना)     

              अध्‍यक्ष                      सदस्‍य

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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