Uttar Pradesh

StateCommission

A/62/2023

Asus Technologies Pvt. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Mehar Gulati - Opp.Party(s)

Shweta Singh and Abhishek Yadav

23 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/62/2023
( Date of Filing : 11 Jan 2023 )
(Arisen out of Order Dated 05/11/2022 in Case No. CC/366/2021 of District Gautam Buddha Nagar)
 
1. Asus Technologies Pvt. Ltd.
Mumbai
...........Appellant(s)
Versus
1. Mehar Gulati
Delhi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Jan 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-62/2023

आसुस टेक्‍नोलॉजी प्रा0लि0, 401, चतुर्थ तल, सुप्रीम चैमबर्स 17/18 शाह इंडस्ट्रियल ईस्‍टेट, वीरा देसी रोड, अंधेरी मुम्‍बई-400053

........... अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम              

मेहर गुलाटी पुत्र डा0 संदीप गुलाटी, निवासी ए-2 आनन्‍द बिहार दिल्‍ली।

…….. प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष              

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता         : सुश्री श्‍वेता सिंह

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता           : श्री सुशील कुमार शर्मा

दिनांक :- 23.01.2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/आसुस टेक्‍नोलॉजी प्रा0लि0 द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-41 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद सं0-366/2021 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05.11.2022 के विरूद्ध योजित की गई है।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने सिंगापुर भ्रमण के दौरान एक लैपटॉप आसुस जैन बुक 13.यू.एक्‍स.331.यू.एन. जिसका सीरीज नं0- जे.2एन.0सी.वी.061244067 दिनांक 29.4.2015 को एक लाख रूपये में अपीलार्थी/विपक्षी से क्रय किया था एवं लैपटॉप की वारण्‍टी दो वर्ष थी, जो दिनांक 28.7.2020 तक बढाई गई एवं वारण्‍टी अवधि में ही लैपटॉप में अनेकों कमियॉ जैसे कि खोलने पर कोई रेसपोंस न देना, हैंग हो जाना, स्‍क्रीन पर तमाम त्रुटिपूर्ण सूचनायें दिखना आदि, दिखने लगी एवं लैपटॉप में आई कमियों के बारे में विपक्षी सं0-1 को बताया गया तो उन्‍होने ने विपक्षी सं0-3 से सम्‍पर्क करने के लिए कहा एवं विपक्षी सं0-3 द्वारा लैपटॉप को ठीक कर वापस लौटा दिया गया परन्‍तु लैपटॉप में पुन: वही त्रुटियॉ आने लगी एवं लैपटॉप ने कार्य करना बन्‍द कर दिया। इस

-2-

सम्‍बन्‍ध में अपीलार्थी/विपक्षीगण से सम्‍पर्क करने के बावजूद भी अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई अत्एव अपीलार्थी/विपक्षीगण की सेवा में कमी को दृष्टिगत रखते हुए परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया गया।

अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख नोटिस तामीला के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ अत्एव विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एक पक्षीय रूप से अग्रसारित की गई।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवादी के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरांत परिवाद को एक पक्षीय रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

"परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी को उसके लैपटॉप की धनराशि अंकन 1,00,000.00 रू0 06 प्रतिशत साधारण ब्‍याज सहित 30 दिन के अन्‍दर परिवादी को अदा करे। ब्‍याज की गणना परिवाद दाखिल करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक की जाएगी। विपक्षीगण मानसिक संताप की मद में अंकन 10,000.00 रू0 व वाद व्‍यय के रूप में 1000.00 रू0 भी 30 दिन के अन्‍दर परिवादी को अदा करे।

प्रार्थना पत्र यदि कोई लम्बित हो तो वह सभी इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारित किए जाते हैं।

इस आदेश की प्रति सभी पक्षकारों को उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986/2019 के प्रावधान के अनुसार निशुल्‍क प्राप्‍त कराई जाए। इस आदेश की प्रति को कमीशन की वेवसाइट पर पक्षकारों के अवलोकन के लिए अपलोड किया जाए। पत्रावली निर्णय की प्रति के साथ अभिलेखागार दाखिल किया जाए।" 

जिला उपभोक्‍ता आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/ आसुस टेक्‍नोलॉजी प्रा0लि0 द्वारा प्रस्‍तुत अपील योजित की गई है।

 

-3-

अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पूर्णत: तथ्‍य और विधि के विरूद्ध है। अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी कथन किया गया कि अपीलार्थी द्वारा सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गई है। यह भी कथन किया गया कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को उच्‍च गुणवत्‍ता एवं नवीन टेक्‍नोलॉजी का लैपटॉप विक्रय किया गया था। यह भी कथन किया गया कि जो कमियॉ प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा बताई गई थी उनको सर्विस सेंटर द्वारा दूर कर दिया गया था, परन्‍तु फिर भी यदि कोई कमी/त्रुटि प्रत्‍यर्थी द्वारा बताई जा रही है तो उसे भी सर्विस सेंटर द्वारा दूर कर दिया जावेगा।

अपीलार्थी की अधिवक्‍ता द्वारा यह भी कथन किया गया कि उपरोक्‍त आसुस लैपटॉप में मात्र मरदबोर्ड में फाल्‍ट होने के कारण कमियॉ दृष्टिगत होना पाई गई हैं, जिसे कम्‍पनी से सही कराये जाने का आश्‍वासन अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा दिया गया।

अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को लैपटॉप की कीमत 1,00,000.00 रू0 मय 06 प्रतिशत साधारण ब्‍याज सहित दिलाये जाने हेतु आदेशित किया है उसे समाप्‍त किये जाने की प्रार्थना अपीलार्थी की ओर से की गई है।

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि के अनुकूल है और उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

मेरे द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि

-4-

अनुकूल है, परन्‍तु जहॉ तक विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने प्रश्‍नगत आदेश में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को उसके लैपटॉप की कीमत 1,00,000.00 रू0 मय 06 प्रतिशत साधारण ब्‍याज सहित 30 दिन के अन्‍दर अदा करने हेतु आदेशित किया है, साथ ही मानसिक संताप की मद में अंकन 10,000.00 रू0 व वाद व्‍यय के रूप में 1000.00 रू0 भी अदा करने हेतु आदेशित किया गया है, वह मामले के तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए एवं उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य के कथनों को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिलाया जाना मेरे विचार से उचित प्रतीत नहीं होता है, अत्एव सम्‍पूर्ण तथ्‍य एवं परिस्थितियों तथा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य के कथनों को दृष्टिगत रखते प्रश्‍नगत आदेश को निम्‍न प्रकार से परिवर्तित/संशोधित करते हुए आदेशित किया जाता है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को कुल धनराशि 80,000.00 रू0 उसके प्रश्‍नगत लैपटॉप की कीमत का भुगतान अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा इस निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्‍दर किया जावेगा, अन्‍यथा की स्थिति में 06 प्रतिशत साधारण ब्‍याज उपरोक्‍त धनराशि पर देय होगा। जिला उपभोक्‍ता आयोग के प्रश्‍नगत आदेश में मासिक संताप एवं वाद व्‍यय हेतु प्रदान किये गये अनुतोष को भी समाप्‍त किया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है।

तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को नियमानुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जावे।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वइ इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                    (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                     

                                              अध्‍यक्ष                                                                                                                                

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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