Uttar Pradesh

StateCommission

A/170/2023

Smt. Reena Goyal - Complainant(s)

Versus

Meerut Development Authority - Opp.Party(s)

Vineet Kumar

06 Jun 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/170/2023
( Date of Filing : 27 Jan 2023 )
(Arisen out of Order Dated 19/02/2020 in Case No. C/2006/157 of District Meerut)
 
1. Smt. Reena Goyal
W/o Sri Satyendra Kumar Goyal R/o H.no. 681/39 Gali no.2 Brahampuri Meerut
...........Appellant(s)
Versus
1. Meerut Development Authority
Meerut Through Secretary Meerut
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Jun 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-170/2023

रीना गोयल

बनाम

मेरठ डेवलपमेंट अथारिटी

समक्ष:-                                                   

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

2. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

3. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित       : श्री विनीत कुमार, विद्वान

                                  अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित          : श्री पीयूष मणि त्रिपाठी,

                                                     विद्वान अधिवक्‍ता।                        

दिनांक : 06.06.2023 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री विनीत कुमार तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री पीयूष मणि त्रिपाठी को अंगीकरण के स्‍तर पर ही विस्‍तार से सुना गया।

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा विविध वाद सख्‍या-28/2022 में पारित आदेश दिनांक 7.12.2022 के विरूद्ध योजित की गई है। वास्‍तव में अपीलार्थिनी/परिवादिनी द्वारा विद्वान जिला आयोग के सम्‍मुख एक परिवाद संख्‍या-157/2006 में उल्लिखित अनुतोष प्रदान किए जाने हेतु प्रस्‍तुत किया गया। उपरोक्‍त परिवाद लगभग 15 वर्षों तक लम्बित रहा। दौरान परिवाद लम्‍बन निर्विवादित रूप से परिवादिनी को विपक्षी प्राधिकरण द्वारा आवंटित फ्लैट का कब्‍जा प्राप्‍त कराया जा चुका है अर्थात परिवादिनी आवंटित फ्लैट में निवासित हैं।

 

-2-

     परिवाद द्वारा अधिवक्‍ता परिवादिनी श्री संदीप चौधरी द्वारा योजित किया गया, जिनके द्वारा बिना किसी उचित उल्‍लेख के विद्वान जिला आयोग के सम्‍मुख उपरोक्‍त परिवाद नियत तिथि दिनांक 19.2.2020 को इस तथ्‍य को उल्लिखित करते हुए निरस्‍त कराया गया कि Case is not Pressed.

     उपरोक्‍त तथ्‍य को सुसंगत मानते हुए विद्वान जिला आयोग द्वारा तदनुसार दिनांक 19.2.2020 को परिवाद निरस्‍त किया गया।

     परिवादिनी को उपरोक्‍त आदेश के बारे में जैसे ही अवगत हुआ, उसके द्वारा विविध प्रार्थना पत्र 28/2022 विद्वान जिला आयोग के सम्‍मुख योजित किया गया, जिसमें यह तथ्‍य उल्लिखित किया गया कि वास्‍तव में परिवादिनी द्वारा उपरोक्‍त अधिवक्‍ता को उक्‍त संबंध में किसी प्रकार का कोई दिशा-निर्देश अथवा प्रार्थना नहीं की गई थी तथा यह कि वास्‍तव में परिवाद गुणदोष के आधार पर विद्वान जिला आयोग द्वारा निर्णीत किया जाना चाहिए था न कि 'नॉट प्रेस्‍ड'

     विद्वान जिला आयोग द्वारा श्री संदीप चौधरी अधिवक्‍ता के द्वारा की गई प्रार्थना, जिसका उल्‍लेख दिनांक 19.2.2020 के आदेश में किया गया है एवं इस तथ्‍य को दृष्टिगत रखते हुए कि वास्‍तव में परिवादिनी के पूर्व एवं परिवाद प्रस्‍तुत करते समय, जो अधिवक्‍ता नियुक्‍त किए गए थे, उनका निधन दौरान परिवाद लम्‍बन हो गया। तदोपरांत श्री संदीप चौधरी, अधिवक्‍ता को परिवाद में पक्ष प्रस्‍तुत करने हुए नामित किया गया, जिनके द्वारा तथ्‍यों का सम्‍यक परीक्षण न करते हुए परिवाद को Not Pressed का उल्‍लेख करते हुए निरस्‍त कराया गया।

     प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री पीयूष मणि त्रिपाठी द्वारा प्रस्‍तुत अपील विलम्‍ब से योजित किए जाने का उल्‍लेख किया गया है।

     हमारे विचार से यद्यपि अपील विलम्‍ब से योजित की गई है, परन्‍तु इस तथ्‍य को कदापि हम असंगत नहीं पाते हैं कि परिवादिनी के अधिवक्‍ता द्वारा  गलत  रूप  से  परिवाद  को विद्वान जिला आयोग के सम्‍मुख गलत

-3-

तथ्‍य उल्लिखित करते हुए निरस्‍त कराया गया। अत: उपरोक्‍त विलम्‍ब क्षमा किया जाता है।

अत: प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार करते हुए विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद संख्‍या-157/2006 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 19.2.2020 अपास्‍त किया जाता है तथा प्रकरण को विद्वान जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग उपरोक्‍त परिवाद को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित कर तथा उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण, यथासंभव 06 माह में करना, सुनिश्चित करे।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद संख्‍या-157/2006, रीना गोयल बनाम मेरठ विकास प्राधिकरण में पारित आदेश दिनांक 19.2.2020 अपास्‍त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला उपभोक्‍ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग उपरोक्‍त परिवाद अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करे तथा उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए बिना उचित कारण के परिवाद स्‍थगित किए हुए परिवाद को गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण, यथासंभव 06 माह में करना, सुनिश्चित करे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)       (राजेन्‍द्र सिंह)          (सुशील कुमार)

       अध्‍यक्ष                सदस्‍य                  सदस्‍य

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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