जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-114/2015
राम जी गुप्ता आयु 53 वर्श, पुत्र स्व0 षिव दुलारे लाल गुप्ता निवासी मकान नं0-106/260 आनन्द बाग गांधी नगर कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
प्रबन्धक, मीरा गैस एजेंसी कार्यालय स्थित मकान नं0-113/286 स्वरूप नगर थाना स्वरूप नगर, कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.03.15
निर्णय की तिथिः 09.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी को उपभोक्ता सं0-10797 पर परिवादी द्वारा बुकिंग के सिलेण्डर प्रदान किये जाने हेतु निर्देषित किया जाये, आर्थिक क्षति हेतु रू0 25000.00, षारीरिक क्षति हेतु रू0 25000.00 तथा मानसिक क्षति हेतु रू0 25000.00 व परिवाद व्यय हेतु रू0 25000.00 कुल रू0 1,00,000.00 विपक्षी से परिवादी को दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी का गैस कनेक्षन सं0-10797 आवंटित है तथा उपरोक्त गैस कनेक्षन पर इण्डेन गैस की सर्विस विपक्षी से प्राप्त की जा रही है। विपक्षी के द्वारा गैस कनेक्षन प्रदान करते समय विभिन्न मदों में सेवा षुल्क प्राप्त किया गया तथा बेहतर सेवा प्रदान करने हेतु आवष्वत किया गया। परिवादी द्वारा उपरोक्त गैस कनेक्षन पर सिलेण्डर की आपूर्ति किये जाने पर अक्टूबर 2014 में बुकिंग करायी गयी, जिस पर विपक्षी द्वारा षीघ्र ही होम डिलीवरी किये जाने हेतु आष्वासन दिया गया, परन्तु एक माह बीत जाने के उपरान्त भी गैस सिलेण्डर प्रदान नहीं किया गया और जब भी परिवादी गैस एजेंसी पर गया तो विपक्षी द्वारा कोई न कोई कारण बताकर टाल दिया जाता और कहा जाता कि कल ही गैस की डिलीवरी
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करा दी जायेगी। परिवादी द्वारा विभिन्न अधिकारी से संपर्क किया गया, लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। विपक्षी द्वारा सेवा षुल्क प्राप्त कर परिवादी को इण्डेन गैस का गैस कनेक्षन प्रदान किया गया। अतः परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-2(डी) के अंतर्गत उपभोक्ता की श्रेणी में आता है और विपक्षी द्वारा सेवा षुल्क प्राप्त करने के उपरान्त इण्डियन आयल कार्पोरेषन लि0 द्वारा प्रतिपादित नियमों का उल्लंघन कर परिवादी को सिलेण्डर न प्रदान कर सेवा में कमी कारित की गयी है। विपक्षी के उपरोक्त कृत्य से परिवादी को अत्यधिक मानसिक, षारीरिक एवं आर्थिक क्षति कारित हुई है। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 15.12.15 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 11.03.15 व 15.9.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-4/1 के साथ संलग्न कागज सं0-4/2 लगायत् 4/4 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षी की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया
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और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय व आंषिक रूप से परिवादी को विपक्षी से उपभोक्ता सं0-10797 पर परिवादी द्वारा बुकिंग के सिलेण्डर नियमानुसार प्रदान करने तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
6. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देषित किया जाता है कि, उपभोक्ता सं0-10797 पर परिवादी द्वारा बुकिंग किये जाने वाले सिलेण्डरों की आपूर्ति नियमानुसार समय से करे तथा प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवदी को रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-114/2015