/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर (छ0ग0)/
प्रकरण क्रमांक:- CC/2015/17
प्रस्तुति दिनांक:- 05/03/2015
रतन सिंह टण्डन उम्र 39 साल
पिता श्री बुड़गा राम जाति सतनामी
निवासी ग्राम कटारी,
पो. सोनाडुला, तह. मालखरौदा,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. ...................आवेदक/परिवादी
( विरूद्ध )
मे. अंजली थ्रैड कंपनी (रजि.) इ-3 गली नं. 23
फस्ट फ्लोर चंक्या प्लेस
नियर सी. 1 जनकपुरी,
रेडलाईट न्यू देल्ही -59 .........अनावेदक/विरोधी पक्षकार
///आदेश///
( आज दिनांक 02/09/2015 को पारित)
1. आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत परिवाद दिनांक 05.03.2015 अनावेदक के विरूद्ध प्रस्तुत कर अनावेदक से 70,000/-रू. मषीन की कीमत व आने जाने, ठहरने, खाने-पीने एवं विभिन्न जगह पर पत्राचार षिकायत करने में कुल 20,000/-रू. परिव्यय खर्च, इस प्रकार कुल 90,000/-रू. तथा मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु 10,000/-रू. तथा वाद व्यय दिलाए जाने का निवेदन किया है।
2. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक बेरोजगार नवयुवक है, वह रोजगार लगाने हेतु अनावेदक से संपर्क किया, तब अनावेदक द्वारा आवेदक को बताया गया कि धागा रोल मषीन (थ्रैड वाइंडिंग मषीन) कीमत 1,08,000/-रू. एवं कच्चा माल ट्रेनिंग चार्जेस सहित व्यय 50,000/-रू. कुल कीमत 1,58,000/-रू. निर्धारित किया गया है । अनावेदक द्वारा यह भी बताया गया कि कंपनी से मषीन क्रय करने पर कच्चा माल मुु्फ्त में दिया जावेगा एवं माल तैयार करने का खर्च 65/-रू. से 75/-रू. तक प्रति किलोग्राम की दर से कंपनी वहन करेगी एवं ट्रांसपोर्टिंग खर्च वहन करेगी । आवेदक द्वारा मषीन की कीमत अधिक होने के कारण जिला उद्योग कार्यालय जांजगीर चांपा से लोन लेने हेतु जतिन थ्रैड वर्कस कटारी के नाम से पंजीयन कराकर आवेदन प्रस्तुत किया तथा आवेदक द्वारा अनावेदक को उक्त ऋण स्वीकृत होने में समय लगने की संभावना बतायी गयी, जिस पर अनावेदक द्वारा आवेदक को छोटा थ्रैड वाइंडिग मषीन कीमत 75,000/-रू. क्रय करने को कहा । आवेदक उक्त मषीन की कीमत कम होन के कारण खरीदने को तैयार हो गया तथा आवेदक अनावेदक के खाते में क्रमषः 30,000/-रू. 20,000/-रू., 5,000/-रू. जमा किया एवं 5,000/-रू. एवं 10,000/-रू. नगद दिया । इस प्रकार आवेदक ने अनावेदक को कुल 70,000/-रू. दिनांक 16.09.2013 तक उक्त मषीन क्रय करने हेतु दिया, किंतु अनावेदक 70,000/-रू. आवेदक से प्राप्त करने के बाद भी उक्त छोटा मषीन आवेदक को प्रदान नहीं किया औन न ही बार बार मांग किए जाने पर भी 70,000/-रू. मय ब्याज वापस किया, तब आवेदक, अनावेदक के दिल्ली आॅफिस जाकर संपर्क किया तो आवेदक को बिल्टी/रसीद, एग्रीमेंट पेपर, ट्रेनिंग प्रमाण पत्र दिया गया तथा मषीन को देने का झूठा आष्वासन देता रहा, किंतु उक्त छोटा मषीन आवेदक को प्रदान नहीं किया औन न ही 70,000/-रू. वापस किया, तब आवेदक ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग, छ.ग. राज्य उपभोक्ता आयोग में षिकायत आवेदन डाक से प्रेषित किया, किंतु उचित फोरम में आवेदन प्रस्तुत करने की सलाह देते हुए मूलतः षिकायत आवेदन वापस कर दिया। आवेदक ने अनावेदक के विरूद्ध नई दिल्ली पुलिस (संबंधित थाना में), गृह मंत्री भारतसरकार, माननीय प्रधान मंत्री भारतसरकार, राष्ट्रीय अनुसुचित जाति आयोग, मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार, पुलिस कमिष्नर दिल्ली, छ.ग. राज्य अनुसुचित जाति आयोग में षिकायत आवेदन प्रेषित किया किंतु अनावेदक के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही न करते हुए आवेदक को सिविल न्यायालय/उचित न्यायालय फोरम में जाने की सलाह दी गई। अनावेदक द्वारा आवेदक को उक्त मषीन प्रदान नहीं किए जाने एवं 70,000/-रू. मय ब्याज वापस नहीं दिए जाने के कारण अनावेदक द्वारा आवेदक को दिया गया 55,000/-रू. का चैक दिनांक 27.07.2014 को बाउंस हो गया । इस प्रकार आवेदक ने अनावेदक द्वारा सेवा में कमी किए जाने से आवेदक को अनावेदक से 70,000/-रू. मषीन की कीमत व आने जाने, ठहरने, खाने-पीने एवं विभिन्न जगह पर पत्राचार षिकायत करने में कुल 20,000/-रू. परिव्यय, इस प्रकार कुल 90,000/-रू. तथा मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु 10,000/-रू. तथा वाद व्यय फोरम जो उचित समझे दिलाए जाने का अनुरोध किया है।
3. अनावेदक को जारी सूचना पत्र लेने से इंकार की टीप सहित प्राप्त हुआ, जिससे दिनांक 14.08.2013 को अनावेदक के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गई ।
4. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदक ने आवेदक को छोटा धागा रोल मषीन (थ्रैड वाइंडिंग मषीन) नहीं दिया तथा आवेदक से लिया गया 70,000/-रू. भी वापस नहीं किया, इस प्रकार सेवा में कमी की है?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
5. आवेदक ने आवेदक ने परिवाद के समर्थन में अपना शपथ पत्र तथा सूची अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत किया है, जिसके खण्डन में अनावेदक न तो स्वयं उपस्थित हुआ और न ही अनावेदक की ओर से कोई अभिकथन या साक्ष्य/प्रमाण प्रस्तुत किया गया है ।
6. आवेदक ने अनावेदक मेसर्स अंजली थ्रैड कंपनी (रजि.) ई-3 गली नं. 23 फस्ट फ्लोर चाणक्य प्लेस नियर सी.-1, जनकपुरी, रेडलाईट न्यूदेल्ही -59 से छोटा थ्रैड वाइंडिग मषीन कीमत 75,000/-रू. क्रय करने के लिए संपर्क कर वार्ता कर अनावेदक को दिनांक 04.03.2013 को नगद एडवांस 5,000/-रू. दिया तथा शेष राषि 70,000/-रू. में से दिनांक 12.06.2013 को अनावेदक के बैंक खाता क्रमांक 629301512967 में 30,000/-रू. तथा दिनांक 29,06.2013 को बैंक खाता क्रमांक 910010001450463 में 20,000/-रू. में जमा किया तथा दिनांक 16.09.2013 को नगद 10,000/-रू. दिया, जिसके समर्थन में अंजली थ्रैड कंपनी (रजि.) के डिलवरी चालान दिनांक 04.03.2013, 16.09.2013 की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है ।
7. आवेदक ने अनावेदक अंजली थ्रैड कंपनी (रजि.) से थ्रैड वाइंडिग मषीन क्रय करने के लिए कोटेषन/आर्डर दिनांक 04.03.2013, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, थ्रैड वाइंडिग प्लांट कोटेषन, ट्रेनिंग सर्टिफिकेट मूलतः प्रस्तुत किया है । उपरोक्त तथ्य/प्रमाण का खण्डन अनावेदक के एकपक्षीय होने से नहीं हुआ है । इस प्रकार आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों से अनावेदक को कुल 65,000/-रू. नगद एवं अनावेदक के खाता में जमा कर दिया जाना प्रमाणित हुआ है ।
8. आवेदक को अनावेदक द्वारा मषीन दे रहे हंै का झूठा आष्वासन देता रहा, किंतु मषीन नहीं दिया तथा दिया गया 70,000/-रू. भी वापस नहीं किया, तब आवेदक ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग, छ.ग. राज्य उपभोक्ता आयोग, नई दिल्ली पुलिस (संबंधित थाना में), गृह मंत्री भारतसरकार, माननीय प्रधान मंत्री भारतसरकार, राष्ट्रीय अनुसुचित जाति आयोग, मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार, पुलिस कमिष्नर दिल्ली, छ.ग. राज्य अनुसुचित जाति आयोग को षिकायत किया था बताया है तथा समर्थन में दस्तावेज national consumer disputes redressal commission government of india पत्र दिनांक 20.01.2014, छ.ग.राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग रायपुर का पत्र क्रमांक 43/कोर्ट/2014 रायपुर दिनांक 09.01.2014 छ.ग. राज्य अनुसूचित जाति आयोग रायपुर का पत्र क्रमांक 165 रायपुर दिनांक 21.01.2014 तथा पत्र क्रमांक 1827/10.07.2014, पत्र क्रमांक 2389 दिनांक 05.09.2014, प्रधान मंत्री कार्यालय का पत्र क्रमांक PMO/PMP/14/00015308 दिनांक 20.11.2014, आई.एस. कार्यालय डिप्टी कमिष्नर आॅफ पुलिस साउथ वेस्ट डिस्ट्रीक्ट सेक्टर 19 द्वारिका नई दिल्ली 75 क्रमांक 13975/HAC VIII/SWD नई दिल्ली दिनांक 25.11.2014 प्रस्तुत किया है तथा आयोग एवं दिल्ली पुलिस तथा गृह मंत्रालय को लिखे पत्र की फोटोप्रति संलग्न किया है, जिसका खण्डन भी नहीं हुआ है।
9. आवेदक ने षपथ पत्र से समर्थित परिवाद में बताया है कि आवेदक से, अनावेदक 70,000/-रू. प्राप्त करने के बाद भी छोटा थ्रैड वाइंडिंग मषीन प्रदान नहीं किए जाने एवं 70,000/-रू. वापस नहीं किए जाने पर अनावेदक द्वारा आवेदक को दिया गया 55,000/-रू. का चैक दिनांक 27.07.2014 को अनादरित (बाउंस) होने से इस फोरम के समक्ष यह परिवाद प्रस्तुत किया है ।
10. आवेदक ने चैक की मूल प्रति प्रकरण में संलग्न किया है, जिसमें कोटक महिन्द्रा बैंक 16 पंकज आरकेड सेक्टर 5 द्वारका नई दिल्ली का चैक क्रमांक 000058 राषि 55,000/-रू. दिनांक 11.07.2014 का खाता क्रमांक 01932090002116 का है, जिसे आवेदक ने अनादरित होना बताया है, जिसका खण्डन करने के लिए अनावेदक न तो उपस्थित हुआ है और न ही अनावेदक की ओर से कोई प्रमाण प्रस्तुत किया गया है ।
11. इस तरह अभिलेखगत सामग्री अंतर्गत परिवाद तथा आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी प्रमाण से आवेदक ने छोटा थ्रैड वाइंडिग मषीन अनावेदक से क्रय करने के लिए 75,000/-रू. में से कुल 65,000/-रू. अनावेदक को प्रदान किया है, उसके बाद भी अनावेदक ने उक्त थ्रैड वाइंडिग मषीन आवेदक को प्रदान नहीं किया तथा आवेदक को 55,000/-रू. का चैक क्रमांक 000058 दिनांक 11.07.2014 दिया था जो कि अनादरित हो गया । इस प्रकार अनावेदक ने न तो आवेदक को छोटा थ्रैड वाइंडिग मषीन प्रदान किया और न ही लिए गए राषि 65,000/-रू. वापस की, इस प्रकार अनावेदक ने आवेदक को सेवा में कमी की है स्पश्ट रूप से स्थापित प्रमाणित हुआ है ।
12. आवेदक द्वारा अनावेदक मेसर्स अंजली थ्रैड कंपनी का डिलवरी चालान दिनांक 04.03.2013, 16,09,2013 से आवेदक से 65,000/-रू. प्राप्त किया तथा छोटा थ्रैड वाइंडिग मषीन नहीं दिया, जिससे अनावेदक, आवेदक से षेश 10,000/-रू. प्राप्त कर छोटा थ्रैड वाइंडिग मषीन कीमत 75,000/-रू. आवेदक को दिलाए जाने के लिए दायित्वाधीन है, अन्य स्थिति में दिया गया 65,000/-रू. आवेदक को वापस करने के लिए दायित्वाधीन है । 65,000/-रू. वापस करने की स्थिति में आवेदक उक्त राषि पर आवेदन प्रस्तुति दिनांक से अंतिम अदायगी दिनांक तक 9 प्रतिषत वार्शिक ब्याज पाने का भी अधिकारी होगा।
13. आवेदक ने परिवाद में अनावेदक द्वारा मषीन नहीं दिए जाने व 70,000/-रू. वापस नहीं दिए जाने पर चार-पाच बार अपने ग्राम कटारी से दिल्ली आने-जाने, खाने-पीने, एवं विभिन्न जगह पर षिकायत करने से 20,000/-रू. परिव्यय करना पड़ा, जिसे अनावेदक से प्राप्त करने का अधिकारी होना तथा अनावेदक उसे देने के लिए बाध्य होना बताया है । आवेदक ने सक्ति से नई दिल्ली रेल यात्रा की टिकिट दिनांक 14.09.2013, 02.10.2013, 26.10.2013 तथा 17.06.2014 की मूलतः प्रस्तुत किया है तथा कमिष्नर आॅफ पुलिस सी.ई.डी. दिल्ली, नेष्नल कमिषन फाॅर सेड्यूल कास्ट, पी.एम. गो. साउथ ब्लाक निर्माण भवन नई दिल्ली, होम मिनिष्टर नई दिल्ली, कमिष्नर आॅफ पुलिस नई दिल्ली, राश्ट्रीय कन्ज्यूमर कमिषन तथा मिनिस्ट्री आॅफ कन्ज्यूमर गवर्नमेंट आॅफ इंडिया दिल्ली की पंजीकृत डाक से भेजे गए रसीद मूलतः प्रस्तुत किया है । उपरोक्त तथ्यों के खण्डन में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे आवेदक को उपरोक्त अनुसार कार्यवाही में लगभग 10,000/-रू. परिव्यय करना पड़ा को स्वीकार करना हम उचित पाते हैं ।
14. आवेदक ने अनावेदक के कृत्य से मानसिक व षारीरिक कश्ट होना व्यक्त करते हुए 10,000/-रू. दिलाए जाने की प्रार्थना परिवाद में किया है । आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी प्रमाण से अनावेदक द्वारा छोटी थै्रड वाइंडिंग मषीन आवेदक को प्रदान न करने तथा आवेदक से लिए गए राषि वापस न करने एवं दिया गया चैक अनादरित होने से मानसिक कश्ट होना सहज, स्वाभाविक पाते हुए आवेदक को हुई मानसिक कश्ट का 10,000/-रू. दिलाया जाना हम उचित पाते हैं ।
15. उपरोक्तनुसार आनावेदक ने आवेदक से छोटी थै्रड वाइंडिंग मषीन कीमत 75,000/-रू. की ली गई राषि वापस न कर तथा आवेदक को थै्रड वाइंडिंग मषीन भी उपलब्ध नहीं कराने से आवेदक के विरूद्ध सेवा में कमी की है, जिससे इस जिला फोरम के समक्ष आवेदक द्वारा दिनांक 04.03.2013 से तथा उसके बाद ली गई राषि वापस नहीं करने पर प्रस्तुत परिवाद को स्वीकार करने योग्य पाते है तथा परिवाद स्वीकार कर निम्नलिखित आदेष किया जाता है:-
अ. अनावेदक मेसर्स अंजली थ्रैड कंपनी (रजिस्टर्ड नई दिल्ली) डिलवरी चालान दिनांक 04.03.2013/16.09.2013 अनुसार षेश 10,000/-रू. प्राप्त कर आवेदक को छोटी थै्रड वाइंडिंग मषीन कीमत 75,000/-रू. (पचहत्तर हजार रूपये)एक माह के भीतर प्रदान करेगा।
ब. अनावेदक द्वारा आवेदक को छोटी थै्रड वाइंडिंग मषीन प्रदान करने में असमर्थ होने की स्थिति में आवेदक से ली गई 65,000/-रू. (पैसठ हजार रूपये) तथा उक्त राषि पर परिवाद प्रस्तुति दिनांक से अंतिम अदायगी दिनांक तक 9 प्रतिषत वार्शिक ब्याज सहित एक माह के भीतर वापस करेगा।
स. अनावेदक 10,000/-रू.(दस हजार रूपये) मानसिक क्रष्ट का आवेदक को एक माह के भीतर प्रदान करेगा।
द. अनावेदक यात्रा व्यय, पत्राचार आदि का खर्च आवेदक को 10,000/-रू. (दस हजार रूपये) एक माह के भीतर प्रदान करेगा ।
इ. अनावेदक परिवाद व्यय 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) आवेदक को प्रदान करेगा ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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