जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 149/2014
भानुप्रतापसिंह पुत्र जब्बरसिंह, जाति-राजपूत, निवासी-जिन्दास, तहसील-नागौर, जिला-नागौर (राजस्थान)। -परिवादी
बनाम
1. मालिक/प्रबंधक-बाॅम्बे वाॅच कम्पनी, 10-सब्जी बाजार गांधी चैक, नागौर (राजस्थान)।
2. मालिक-हेल्पिंग सर्विस सेन्टर, अपोजिट गोकुल मिष्ठान भण्डार, दिल्ली गेट के बाहर, नागौर, (राजस्थान)।
3. प्रबंधक-मेक्स मोबाईल प्रा.लि., 16 फ्लोर, डी.एल.एच. कोरपोरेट पार्क, गोरेगांव एम.टी.एन.एल., एस.वी. रोड, गोरेगांव, मुम्बई-300062 (महाराष्ट्र)।
-अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।
2. श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री महावीरसिंह राठौड, अधिवक्ता वास्ते परिवादी।
2. श्री विमलेश प्रकाश जोशी अप्रार्थी संख्या तीन। अप्रार्थी संख्या एक एवं दो के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही।
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
आ दे श दि0 24.03.2015
1. परिवाद के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अप्रार्थी संख्या तीन कम्पनी के यहां विनिर्मित विवादित मोबाइल हैण्डसेट जिसे आगे केवल मोबाइल के नाम से सम्बोधित किया जावेगा। परिवादी ने उक्त मोबाइल अप्रार्थी संख्या एक के यहां से दिनांक 03.12.2013 को राशि 3500/- रूपये (तीन हजार पांच सौ रूपये) में खरीदा। जिसकी एक साल की वारंटी दी गई। खरीद के कुछ दिन बाद ही मोबाइल का स्क्रीन टच पर कोई काम नहीं कर रहा था। अप्रार्थी संख्या एक के यहां इसकी शिकायत की। टालमटोल करते रहे। अप्रार्थी संख्या एक के कहने पर अप्रार्थी संख्या दो सर्विस सेंटर पर मोबाइल 27.03.2014 को जमा कराया, परन्तु आज तक मोबाइल नहीं लौटाया है। परिवादी को मोबाइल के अभाव में काफी आर्थिक व प्रतिष्ठा की क्षति हो रही है। नोटिस के बावजूद अप्रार्थीगण ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
2. अप्रार्थी संख्या तीन का जवाब संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी को जांच परखकर मोबाइल खरीदना था। अप्रार्थी का कोई दोष नहीं है। उस पर झूठे आरोप लगाए हैं। मुम्बई क्षेत्राधिकार है।
3. अप्रार्थी संख्या एक व दो के विरूद्ध एकतरफा कार्रवाई अमल में लाई गई।
4. बहस सुनी गई। पत्रावली का अध्ययन एवं मनन किया गया। सर्वप्रथम यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि अप्रार्थीगण, प्रार्थी के सशपथ कथनों का कोई खण्डन नहीं कर पाए हैं। प्रार्थी के सशपथ कथन एवं पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजात से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या तीन के यहां विनिर्मित मोबाइल अप्रार्थी संख्या एक के यहां से 03.12.2013 को 3500/- रूपये (तीन हजार पांच सौ रूपये) में क्रय किया। वारंटी पीरियड में मोबाइल खराब हुआ, जिसकी बार-बार प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या एक व दो के यहां शिकायत दर्ज करवाई, परन्तु मरम्मत के नाम पर अप्रार्थी संख्या दो ने मोबाइल लेकर आज तक नहीं लौटाया। इस प्रकार से अप्रार्थीगण का सम्पूर्ण सेवादोष है। अप्रार्थीगण की सेवा में कमी है। इस प्रकार से अप्रार्थीगण के विरूद्ध प्रार्थी अपना परिवाद साबित करने में सफल रहा है।
आदेश
5. आदेश दिया जाता है कि अप्रार्थीगण, प्रार्थी को विवादित नम्बर व मेक्स का नया मोबाइल सेट एक माह के अन्दर उपलब्ध कराए अन्यथा 3500/- रूपये (तीन हजार पांच सौ रूपये) दिनांक 19.09.2014 से मय 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याजदर से अदा करें। अप्रार्थीगण परिवादी को परिवाद व्यय व मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में भी 2500/- (दो हजार पांच सौ रूपये) अदा करें।
आदेश आज दिनांक 24.03.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया गया।
।बलवीर खुडखुडिया। ।बृजलाल मीणा। ।श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य।
सदस्य अध्यक्ष सदस्या