VISHNU KUMAR filed a consumer case on 23 Feb 2016 against MD VRP Telematics in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/37/2016 and the judgment uploaded on 04 Mar 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-37/2016
विश्णु कुमार सोनी पुत्र श्री मदन लाल सोनी निवासी मकान नं0-40, नेता जी नगर, पी0ए0सी0 रोड, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. मैनेजिंग डायरेक्टर मेसर्स वी0आर0पी0 टेलिमेटिक्स प्रा0लि0 स्थित, 4, तृतीय तल, ष्ांकर बिहार विकास मार्ग दिल्ली-110092
2. मैनेजिंग डायरेक्टर वी0आर0 पोर्ट फोलियो प्रा0लि0 (बी0आई0जे0) स्थित खसरा नं0-631 फिरनी सड़क ग्राम बिजबासन सी0आई0एस0एफ0 कैम्प के पास, दिल्ली-110061
3. अषीश कुमार (अभिकर्ता) मोबाइल सर्विस पाइन्ट-1, स्थित दुकान नं0- एफ-156 सिटी सेंटर, माल रोड, कानपुर नगर-208001
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 07.01.2016
निर्णय की तिथिः 27.02.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से मोबाइल सेट का विक्रय मूल्य रू0 6999.00, डिलीवरी चार्ज रू0 100.00, नोटिस व्यय रू0 1100.00 व परिवाद व्यय रू0 11000.00 तथा व्यवसायिक, आर्थिक, मानसिक व षारीरिक कश्ट के लिए रू0 80,000.00 मय ब्याज दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने आनलाइन षापिंग प्रोवाइडर कंपनी स्नैपडील के द्वारा एक इनफोकस मोबाइल मॉडल नं0-एम 350, 16 जी0बी0 क्रय किया था, जिसकी इन्वायस नं0-एस-5787/15-16/124662 दिनांकित 24.08.15 को विपक्षी सं0-2 द्वारा प्रेशित की गयी थी तथा परिवादी ने कैषऑन डिलीवरी रू0 6999.00 एवं डिलीवरी चार्ज रू0 100.00 कुल रू0 7099.00
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का नकद भुगतान करके उसे अपने घर पर प्राप्त किया था। मोबाइल विक्रेता कंपनी द्वारा उक्त मोबाइल पर एक वर्श की गारंटी होने का आष्वासन परिवादी को दिया गया था। परिवादी द्वारा उपरोक्त मोबाइल क्रय किये जाने से पहले ही मोबाइल में निर्माणी सम्बन्धी त्रुटिया विद्यमान थी, जिसकी वजह से मोबाइल में अचानक आवाज आने, हैंग होने तथा बार-बार स्क्रीन खराब हो जाने की समस्यायें हो रही थी। विपक्षी सं0-1 के सर्विस सेंटर पर फोन पर संपर्क किया, तो विपक्षी सं0-3 अषीश कुमार ने एक अन्य पते पर स्थित सर्विस सेंटर पर परिवादी का बुलाया। वहां पर विपक्षी सं0-3 ने अपने कर्मचारियों के द्वारा परिवादी के मोबाइल की जांच करके बताया कि मोबाइल फोन की डिस्प्ले/स्क्रीन खराब है तथा अभी सर्विस सेंटर में नई डिस्प्ले उपलब्ध नहीं है, 10-15 दिन बाद मोबाइल फोन जमा करके उसकी रसीद देने को कहा, तो विपक्षी सं0-3 ने उसकी रसीद देने व मोबाइल फोन की मरम्मत के लिए जमा करने से स्पश्ट तौर पर मना कर दिया। उसके बाद परिवादी कई बार सर्विस सेंटर के चक्कर लगाता रहा। प्रत्येक बार सर्विस सेंटर, विपक्षी सं0-3 द्वारा डिस्प्ले/स्क्रीन स्पेयर पार्ट न आने का बहाना करके टरकाया जाता रहा। तब परिवादी अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 02.12.15 को पंजीकृत डाक द्वारा विपक्षीगण को नोटिस भेजी, लेकिन विपक्षीगण द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 08.09.16 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 26.11.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-3/1 के साथ संलग्न कागज सं0-3/2 लगायत् 3/5 दाखिल किया है।
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निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी की ओर से अपने परिवाद पत्र के प्रस्तर-6 में यह स्वयं स्वीकार किया गया है कि, ’’विपक्षी सं0-1 व 2 के द्वारा जानबूझकर परिवादी को ऐसा त्रुटिपूर्ण मोबाइल फोन विक्रय किया गया, जिसमें प्रारम्भ से ही निर्माणी सम्बन्धी गंभीर त्रुटियां थी। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा संयुक्त रूप से परिवादी के साथ उपभोक्ता सेवा षर्तों का उल्लंघन एवं धोखाधड़ी का कृत्य कारित किया गया है।’’
अतः प्रस्तुत मामले में परिवादी को यह सिद्ध करना है कि क्या प्रष्नगत मोबाइल में निर्माणी त्रुटि है। इस सम्बन्ध में पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी की ओर से कोई सम्यक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि किसी भी वस्तु के निर्माणी त्रुटि के सम्बन्ध में मा0 राश्ट्रीय आयोग द्वारा विधि निर्णय 2012 ;95द्ध ।स्त् 829 कुमारी नम्रता सिंह बनाम इण्डस में यह विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि निर्माणी त्रुटि सिद्ध करने के लिए उपभोक्ता को किसी तकनीकी विषेशज्ञ की राय प्रस्तुत करना होगा।
अतः उपरोक्त, तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःआदेषःःः
8. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से खारिज किया जाता है।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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