Vaishali filed a consumer case on 10 Feb 2015 against Mayur Watch Co. in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/295/2014 and the judgment uploaded on 16 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-295/2014 (पुराना परिवाद संख्या 149/2013)
सुश्री वैशाली पुत्री श्री एम.आर.विजय, निवासी- ए-313, महेश नगर, 80 फिट रोड, टोंक फाटक, जयपुर (राजस्थान) ।
परिवादिनी
बनाम
मैसर्स मयूर वाच कम्पनी, दुकान नम्बर 77-78, एस.एम.एस. हाईवे, चैड़ा रास्ता, जयपुर जरिये मालिक/मैनेजर ।
विपक्षी
उपस्थित
परिवादिनी की ओर से श्री मेघराज विजयवर्गीय, एडवोकेट
विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही
निर्णय
दिनांकः- 10.02.2015
यह परिवाद, परिवादिनी द्वारा विपक्षी के विरूद्ध दिनंाक 26.12.2012 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादिनी ने अपनी घड़ी का बैल्ट टूट जाने और उसका सैल डिम हो जाने पर उसने माह अगस्त,2011 में विपक्षी की दुकान से अपनी घडी में लेदर का बैल्ट तथा ओरिजनल कम्पनी का सैल लगवाया । विपक्षी ने परिवादिनी से बैेल्ट की कीमत पेटे 110/-रूपये एवं सैल की कीमत पेटे 30/-रूपये अर्थात् कुल 140/-रूपये प्राप्त किये । लेकिन कुछ दिन बाद ही घड़ी में लगवाया गया लैदर का बैल्ट खराब हो गया तथा सैेल भी बन्द हो गया । इस संदर्भ में विपक्षी से शिकायत करने पर विपक्षी ने बैल्ट फेविक्विक से चिपका दिया एवं सैल बदलकर दूसरा लगा दिया । परन्तु कुछ दिन बाद ही दूसरा बदला गया सैल भी अचानक बन्द हो गया तथा बैल्ट भी खराब हो गया । परिवादिनी द्वारा विपक्षी से पुनः सम्पर्क करने पर उसने परिवादिनी के साथ अभद्रतापूर्वक व्यवहार किया तथा बैेल्ट एवं सैेल बदलकर देने से इन्कार कर दिया । जो विपक्षी का सेवादोष है और इस सेवादोष के आधार पर परिवादिनी अब विपक्षी से परिवाद के मद संख्या 08 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं ।
विपक्षी बावजूद तामील आरम्भ से ही अनुपस्थित रहा हैं । इसलिए उसके विरूद्ध दिनांक 26.12.2014 को एकतरफा कार्यवाही अमल में लाने के आदेश दिये गये ।
साक्ष्य एकतरफा में परिवादिनी सुश्री वैशाली ने स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत करने के साथ-साथ प्रदर्श-1 से प्रदर्श-3 दस्तावेज प्रस्तुत किये ।
बहस परिवादिनी सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
परिवादिनी की ओर से लिखित बहस प्रस्तुत की गई ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादिनी ने विपक्षी से घड़ी का बैल्ट और एक सैल, जिनकी कीमत क्रमषः 110/-रूपये एवं 30/-रूपये थी, क्रय करना बताया हैं । परन्तु उक्त सामान को क्रय करने से संबंधित रसीद परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत नहीं की गई हैं । यद्यपि विपक्षी के विरूद्ध प्रकरण में एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई हैं परन्तु इसके बावजूद भी परिवादिनी को दस्तावेजी साक्ष्य के माध्यम से अपना प्रकरण प्रस्तुत करना अनिवार्य और आवश्यक हैं तथा रसीद के अभाव में यह नहीं माना जा सकता कि परिवादिनी ने विपक्षी से घडी का बैल्ट और सैल अगस्त,20011 में क्रय किया था । सम्पूर्ण परिवाद में परिवादी ने घड़ी की बैल्ट और सैल क्रय करने की तारीख भी कहीं अंकित नहीं की हैं । इसलिए वांछित और आवश्यक तथ्यों के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य परिवादिनी के स्तर पर प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण हमारे विनम्र मत में परिवादिनी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं पाया जाता है और अस्वीकार किया जाता हैं ।
आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादिनी विपक्षी के विरूद्ध निरस्त किया जाता हैं ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 10.02.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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