राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
पुनरीक्षण संख्या-35/2013
ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजी प्रा0लि0।
पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम्
मयंक चौहान व अन्य।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री एस0पी0 सिंह, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री सुभाष बिसारिया, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 04.11.2015
मा0 श्री जुगुल किशोर, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस आशय का प्रार्थना पत्र दिनांक 18.08.2015 मय शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया कि प्रस्तुत पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र त्रुटिवश जिला फोरम, मेरठ द्वारा निष्पादन वाद सं0-70/2012 में पारित आदेश दिनांक 22.02.2013 के विरूद्ध योजित किया गया है, जबकि आदेश दिनांक 22.02.2013 विपक्षी सं0-1/पुनरीक्षणकर्ता से वसूली हेतु एक पत्र मात्र है। अत: उक्त त्रुटि को सुधारने हेतु उपरोक्त प्रार्थना पत्र इस आशय से योजित किया गया है कि उक्त आदेश दिनांक 22.02.2013 के स्थान पर आदेश दिनांक 17.12.2012 पढ़ा जाये, जिसकी प्रमाणित प्रतिलिपि मय प्रार्थना पत्र दिनांक 18.08.2015 प्रस्तुत की गयी है। इस प्रकार प्रस्तुत पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र जिला फोरम, मेरठ द्वारा निष्पादन वाद सं0-70/2012 में पारित आदेश दिनांक 17.12.2012 के विरूद्ध योजित किया गया है, जिसके अन्तर्गत निम्नवत् आदेश पारित किया गया है :-
'' पत्रावली पेश हुई। कार्यालय रिपेार्ट का अवलोकन किया गया। विपक्षी ने जिला फोरम के आदेश दिनांक 27.03.2012 का अनुपालन नहीं किया है। अत: विपक्षी के विरूद्ध अंकन-22800/- रूपये हेतु रिकवरी प्रमाण पत्र जारी होवे। पत्रावली दिनांक 24.01.2013 को पेश होवे। ''
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एस0पी0 सिंह तथा प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सुभाष बिसारिया उपस्थित हैं। तदनुसार विद्वान अधिवक्तागण को विस्तारपूर्वक सुना गया एवं पत्रावली का अनुशीलन व परिशीलन किया गया।
पत्रावली का अवलोकन यह दर्शाता है कि जिला फोरम के समक्ष योजित मूल परिवाद सं0-456/2010 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.03.2012 का अनुपालन कराने हेतु परिवादी/प्रत्यर्थी सं0-1 ने इजराय वाद सं0-70/2012 योजित किया था, जिसमें विपक्षी/पुनरीक्षणकर्ता द्वारा उक्त आदेश का अनुपालन न करने हेतु जिला फोरम ने विपक्षी/पुनरीक्षणकर्ता के विरूद्ध रू0 22800/- की रिकवरी प्रमाण पत्र जारी करने हेतु आदेश दिनांक 17.12.2012 पारित किया गया है, जिसके विरूद्ध प्रस्तुत पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र योजित है। चूंकि पुनरीक्षणकर्ता द्वारा जिला फोरम द्वारा पारित मूल निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.03.2012 जो परिवाद सं0-456/2010 में पारित किया गया है। उक्त मूल निर्णय/आदेश दिनांक 27.03.2012 के विरूद्ध कोई भी अपील योजित नहीं की गयी है और न ही किसी भी सक्षम न्यायालय में इसे चुनौती दी गयी है। जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.03.2012 का अनुपालन कराये जाने हेतु इजराय वाद सं0-70/2012 के माध्यम से जिलाधिकारी मेरठ को रिकवरी प्रमाण पत्र जारी करने हेतु आदेश दिनांक 17.12.2012 को पारित किया गया है, जो विधिक है, जिसमें किसी प्रकार की त्रुटि होना नहीं पायी जाती है। जिला फोरम अपने आदेश का अनुपालन कराने हेतु रिकवरी प्रमाण पत्र जारी कर सकता है, इसलिए यह पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र आधारहीन है। तदनुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र निरस्त होने योग्य है।
आदेश
पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है। जिला फोरम द्वारा पारित आदेश दिनांक 17.12.2012 की पुष्टि की जाती है।
(राम चरन चौधरी) (जुगुल किशोर)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0
कोर्ट-5