(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1668/2008
ब्रांच मैनेजर, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि0, निकट डायमण्ड सिनेमा, स्टेशन रोड, जिला बहराइच (यू.पी.)
बनाम
माया देवी पत्नी श्री सीता राम, ग्राम खैरी कला, पोस्ट परशुरामपुर, तहसील भिंगा, जिला श्रावस्ती (यू.पी.)
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री नीरज पालीवाल।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 07.02.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-07/2007, माया देवी बनाम नेशनल इंश्योरेंस कं0लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, श्रावस्ती द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.7.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री नीरज पालीवाल को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से पर्याप्त नोटिस के बावजूद कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद बीमा कंपनी के विरूद्ध स्वीकार करते हुए बीमित राशि अंकन 10,000/-रू0 9 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है साथ ही अंकन
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12,000/-रू0 मानसिक प्रताड़ना की मद में एवं अंकन 1,000/-रू0 वाद व्यय के रूप में भी अदा करने का आदेश दिया है।
3. प्रश्नगत निर्णय/ओदश के अवलोकन से जाहिर होता है कि प्रश्नगत निर्णय/आदेश साक्ष्य पर आधारित है, जिसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है, परन्तु बीमित राशि पर ब्याज (09 प्रतिशत) अत्यधिक उच्च दर से लगाया गया है। अत: ब्याज दर 07 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज की दर से सुनिश्चित किया जाना विधिसम्मत है और मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 12,000/-रू0 अनुचित रूप से दिलाया गया है, जो अपास्त होने योग्य है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.7.2008 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि बीमित राशि पर ब्याज 09 प्रतिशत के स्थान पर 07 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज की दर से देय होगा तथा आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना की मद में अंकन 12,000/-रू0 (बारह हजार रूपये) अदा करने संबंधी पारित आदेश अपास्त किया जाता है। शेष निर्णय/आदेश यथावत रहेगा।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
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आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3