Final Order / Judgement | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे उसके द्वारा जमा की गई प्रीमियम राशि अंकन 76,448/- रूपया 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 10,000/- रूपया तथा परिवाद व्यय परिवादी ने अतिरिक्त मांगा है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि विपक्षीगण के एजेन्ट के आग्रह पर वर्ष 2011 में परिवादी ने विपक्षीगण से एक बीमा पालिसी क्रय करने का प्रस्ताव किया उसके अनुक्रम में परिवादी ने प्रीमियम के रूप में 76,448/- रूपया की धनराशि एकमुश्त विपक्षीगण के कार्यालय में जमा कराई। विपक्षीगण का दायित्व था कि पालिसी तैयार करके वे उसे परिवादी के पते पर प्रेषित कराते, किन्तु बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्षीगण ने एक वर्ष तक परिवादी को बीमा पालिसी प्रेषित नहीं की। काफी प्रयास करने के बावजूद दिनांक 17/08/2012 को परिवादी को बीमा पालिसी सं0-855655320 प्राप्त हुई। परिवादी बीमा पालिसी में वर्णित शर्तों एवं निबन्धनों से असन्तुष्ट हुआ उसने 15 दिन के फ्री लुक पीरिऐड के अन्दर दिनांक 23/08/2012 को विपक्षीगण के बरेली स्थित कार्यालय जाकर इस आशय का पत्र प्राप्त कराया कि उसकी पालिसी निरस्त करके उसके द्वारा जमा की गई प्रीमियम राशि उसके खाते में वापिस की जाय। परिवादी को शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया गया, इसके बावजूद पत्र दिनांकित 29/08/2012 द्वारा परिवादी का अनुरोध यह कहते हुऐ कि बीमा पालिसी जुलाई, 2011 में परिवादी को प्रेषित की गई थी और 15 दिन का फ्री लुक पीरिऐड समाप्त हो गया है अत: परिवादी को उसके द्वारा जमा प्रीमियम राशि वापिस किया जाना सम्भव नहीं है परिवादी का अनुरोध अस्वीकृत कर दिया गया। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि उसे बीमा पालिसी दिनांक 17/08/2012 को प्राप्त हुई थी और तद्नुरूप फ्री लुक पीरिऐड के उपरान्त उसने पालिसी के विरूद्ध अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुऐ जमा राशि वापिस करने का अनुरोध कर लिया था और विपक्षीगण द्वारा प्रीमियम राशि देने से गलत तरीके से इन्कार किया जाना अभिकथित करते हुऐ परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/5 दाखिल किया जिसके साथ उसने एक्सिस बैंक चन्दौसी के माध्यम से विपक्षीगण के बरेली स्थित कार्यालय में दिनांक 23/08/2012 को प्राप्त कराऐ गऐ पत्र, उसके उत्तर में विपक्षीगण की ओर से परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 29/08/2012, परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 को प्राप्त कराऐ गऐ पत्र दिनांकित 03/11/2012 तथा आई0आर0डी0ए0 को भेजे गऐ शिकायती पत्र दिनांकित 07/11/2012 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/9 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से संयुक्त प्रतिवाद पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/13 दाखिल हुआ। प्रतिवाद पत्र में विपक्षीगण की ओर से कहा गया है कि परिवाद असत्य कथनों पर आधारित है, परिवाद में उठाऐ विवाद ‘’ उपभोक्ता विवाद ’’ की श्रेणी में नहीं आते, विपक्षीगण ने परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की तथा परिवादी को परिवाद योजित करने का कोई वाद हेतुक उत्पन्न नहीं हुआ। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कहा गया है कि परिवादी ने प्रश्नगत बीमा पालिसी, पालिसी की शर्तों को समझने के उपरान्त ली थी, पालिसी प्रपोजल फार्म परिवादी ने एक्सिस बैंक चन्दौसी के माध्यम से प्रस्तुत किया था और रू0 75284/- रूपया प्रीमियम विपक्षीगण को दिया था। प्रीमियम की अदायगी वार्षिक की जानी थी। पालिसी की परिपक्वता राशि 6,18,458/-रूपया थी। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कथन किया गया कि दिनांक 17/08/2011 को बीमा पालिसी परिवादी द्वारा उपलब्ध कराऐ गऐ पते पर भेजी गई, किन्तु वह दिनांक 29/08/2011 को विपक्षीगण को पता अधूरा होने के कारण वापिस प्राप्त हुई। दिनांक 31/08/2011 को विपक्षीगण ने पालिसी को पुन: परिवादी के पते पर कोरियर द्वारा भेजा जो परिवादी को प्राप्त हो गई। दिनांक 27/07/2011 को परिवादी ने डुप्लीकेट पालिसी भेजने का अनुरोध किया तब पालिसी की एक कापी परिवादी को भेजी गई। परिवादी ने 15 दिन के फ्री लुक पीरिऐड में पालिसी स्वीकार करने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं किया और दिनांक 23/08/2012 का पत्र गलत तथ्यों के आधार पर भेजा। परिवादी की पालिसी दूसरी प्रीमियम अदा न करने के कारण लैप्स हो गई जिसकी सूचना पत्र दिनांक 28/08/2012 द्वारा परिवादी को भेज दी गई। विपक्षीगण ने अग्रेत्तर कथन किया कि परिवादी ने चॅूंकि पालिसी प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर फ्री लुक पीरिऐड में पालिसी अस्वीकृत करने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं किया अत: विपक्षीगण परिवादी को उसके द्वारा जमा की गई प्रीमियम राशि वापिस करने के लिए बाध्य नहीं हैं। उक्त कारणों से विपक्षीगण ने परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- प्रतिवाद पत्र के समर्थन में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी के डिप्टी मैनेजर श्री आनन्द सिंह ने संलग्नकों सहित अपना शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/30 दाखिल किया। यह संलग्नक पालिसी डाकुमेन्ट, कोरियर की रसीद इत्यादि की नकलें हैं।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र के साथ पालिसी डाकुमेंट, कोरियर की रसीद, परिवादी द्वारा एक्सिस बैंक चन्दौसी के मैनेजर को सम्बोधित पत्र, परिवादी को भेजी गई पालिसी लैप्स इन्टीमेशन दिनांकित 28/08/2012, परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 25/09/2012, परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांक 29/08/2012, परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 को एक्सिस बैंक चन्दौसी के माध्यम से भेजे गऐ पत्र दिनांकित 25/09/2012, परिवादी द्वारा आई0आर0डी0ए0 को भेजी गई शिकायत दिनांकित 07/11/2012 तथा प्रश्नगत पालिसी के सन्दर्भ में परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 23/11/2012, पत्र दिनांकित 11/12/2012, पत्र दिनांकित 22/03/2013 और पत्र दिनांकित 31/03/2013 की नकलों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-16/2 लगायत 16/30 हैं।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-19/1 लगायत 19/4 दाखिल किया।
- विपक्षीगण की ओर से उनके डिप्टी मैनेजर लीगल श्री गुरविन्दर सिंह तलवार ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-20/1 लगायत 20/6 दाखिल किया जिसके साथ बतौर संलग्नक बीमा प्रपोजल फार्म, कोरियर की रसीद, परिवादी द्वारा एक्सिस बैंक चन्दौसी के शाखा प्रबन्धक के माध्यम से विपक्षीगण को भेजे गऐ पत्र, एक्नालिजमेंट दिनांकित 17/08/2012 परिवादी को भेजे गऐ पालिसी लैप्स इन्टीमेशन तथा परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांक 29/08/2012, परिवादी द्वारा विपक्षीगण को भेजे गऐ पत्र दिनांक25/09/2012, परिवादी द्वारा ई-मेल के माध्यम से आई0आर0डी0ए0 को भेजी गई शिकायत, प्रश्नगत पालिसी के सम्बन्ध में परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांक 23/11/2012, पत्र दिनांकित 11/12/2012, पत्र दिनांक 22/3/2013 तथा पत्र दिनांक 31/03/2013 की नकलों को दाखिल किया गया है, यह पपत्र पत्रावली के कागज सं0-20/7 लगायत 20/25 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से लिखित बहस दाखिल हुई। परिवादी ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि एक्सिस बैंक चन्दौसी के माध्यम से परिवादी ने विपक्षीगण से एक बीमा पालिसी लेने हेतु दिनांक 29/7/2011 को आवेदन किया था जिस पर विपक्षीगण ने परिवादी को बीमा पालिसी सं0-855655320 दी। पालिसी का प्रीमियम वार्षिक था, पालिसी लेने हेतु आवेदन के साथ परिवादी ने 76,448/- रूपया बतौर प्रीमियम अदा किऐ थे। पक्षकारों के मध्य विवाद इस बात का है कि परिवादी को पालिसी वाण्ड कब प्राप्त हुआ ? परिवादी का कथन है कि उसे पालिसी वाण्ड डाक द्वारा दिनांक 17/8/2012 को मिला जबकि विपक्षीगण के अनुसार पालिसी वाण्ड परिवादी को दिनांक 31/8/2011 को कोरियर द्वारा प्राप्त हो चुका था। विपक्षीगण की ओर से अपने इस कथन के समर्थन में कि परिवादी को पालिसी वाण्ड दिनांक 31/8/2011 को मिल चुका था, कोरियर के सर्टिफिकेट की नकल कागज सं0-20/11 दाखिल की गई जबकि परिवादी ने पालिसी वाण्ड दिनांक 17/8/2012 को डाक से प्राप्त होने के प्रमाण स्वरूप डाकखाने की एक्नालिजमेंट की नकल कागज सं0-20/13 का अबलम्व लिया है।
- कोरियर के सर्टिफिकेट कागज सं0-20/11 को इंगित करते हुऐ और विपक्षीगण के डिप्टी मैनेजर लीगल के साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-7 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुऐ विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने यधपि यह तर्क दिया कि दिनांक 31/8/2011 को मूल पालिसी वाण्ड कोरियर के माध्यम से परिवादी को प्राप्त हो गया था, किन्तु यह प्रमाणित नहीं हो पाया है कि दिनांक 31/8/2011 को परिवादी को मूल पालिसी वाण्ड प्राप्त हो गया था। कोरियर के सर्टिफिकेट कागज सं0-20/11 के अवलोकन से प्रकट है कि विपक्षीगण ने फस्ट फ्लाइट कोरियर के माध्यम से जो भी कागज/ वस्तु भेजी थी वह किसी वन्दना नाम की महिला को भेजी गई थी और वन्दना नाम की महिला ने ही उसे प्राप्त किया था। यह वन्दना कौन है इसका खुलासा विपक्षीगण ने नहीं किया। विपक्षीगण के साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-7 में यह कथन कि पालिसी वाण्ड दिनांक 31/8/2011 को परिवादी ने प्राप्त किया था कोरियर सर्टिफिकेट कागज सं0-20/11 से प्रमाणित नहीं होता।
- डाकखाने की एक्नालिजमेंट की नकल कागज सं0-20/13 के अवलोकन से प्रकट है कि विपक्षीगण ने परिवादी को डाक के माध्यम से प्रश्नगत पालिसी वाण्ड सं0-855655320 भेजा था जो परिवादी ने दिनांक 17/8/2012 को प्राप्त किया। परिवादी के इस कथन की पुष्टि कि काफी प्रयास के बाद उसे पालिसी वाण्ड दिनांक 17/8/2012 को प्राप्त हुआ था परिवादी द्वारा एक्सिस बैंक चन्दौसी के शाखा प्रबन्धक को दिऐ गऐ पत्र कागज सं0-20/12 से होती है। इस पत्र पर दिनांक 21/8/2012 की एक्सिस बैंक चन्दौसी के शाखा प्रबन्धक की टिप्पणीं अंकित है जिसमें उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया है कि परिवादी को पालिसी वाण्ड काफी प्रयास के बाद दिनांक 17/8/2012 को प्राप्त हुआ है। यह पत्र विपक्षीगण द्वारा दिनांक 23/8/2012 को प्राप्त किया गया जैसा कि इस पर अंकित रिसिविंग की मोहर से प्रकट है। स्पष्ट है कि पालिसी वाण्ड दिनांक 17/8/2012 को प्राप्त होने के पश्चात् 15 दिन के फ्री लुक पीरिऐड के अन्दर परिवादी ने पालिसी को स्वीकार न करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर लिया था। ऐसी परिस्थिति में विपक्षीगण परिवादी को उसके द्वारा जमा की गई फस्ट प्रीमियम की धनराशि 76,448/-रूपया वापिस करने से इन्कार नहीं कर सकते।
- विपक्षीगण के डिप्टी मैनेजर लीगल ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-8 के माध्यम से सम्भवत: यह कहने का प्रयास किया है कि परिवादी को दिनांक 17/8/2012 को जो पालिसी वाण्ड एक्नालिजमेंट कागज सं0-20/13 के माध्यम से प्राप्त हुआ था वह वास्तव में मूल पालिसी वाण्ड की प्राप्ति स्वीकृति नहीं है बल्कि इसके माध्यम से परिवादी को डुप्लीकेट पालिसी भेजी गई थी, किन्तु इस प्रयास में विपक्षीगण सफल नहीं हो पाऐ। विपक्षीगण के साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-8 में यह तो कहा गया है कि दिनांक 27/7/2012 को परिवादी ने डुप्लीकेट पालिसी भेजने का विपक्षीगण से अनुरोध किया था किन्तु ऐसा अनुरोध परिवादी ने किस पत्र अथवा किस माध्यम से किया था इसका खुलासा करने का विपक्षीगण साहस नहीं कर पाऐ। यदि परिवादी ने डुप्लीकेट पालिसी भेजने का विपक्षीगण से अनुरोध किया था तो उक्त अनुरोध का प्रमाण विपक्षीगण को प्रस्तुत करना चाहिए था। ऐसे किसी प्रमाण के अभाव में यह स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है कि दिनांक 27/7/2012 को परिवादी ने डुप्लीकेट पालिसी भेजने का विपक्षीगण से अनुरोध किया गया था तथा प्राप्ति स्वीकृति दिनांक 17/8/2012 द्वारा परिवादी ने मूल पालिसी वाण्ड नहीं बल्कि पालिसी के वाण्ड की डुप्लीकेट कापी प्राप्त की थी।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवादी को मूल पालिसी वाण्ड दिनांक 17/8/2012 को प्राप्त हुआ और इस प्राप्ति की तिथि के 15 दिन के फ्री लुक पीरिऐड के अन्दर उसने पालिसी को स्वीकार न करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर लिया था। विपक्षीगण ने परिवादी को पालिसी प्रीमियम की धनराशि अंकन 76,448/- (छिहत्तर हजार चार सौ अड़तालीस रूपया) वापिस न कर त्रुटि की है और परिवादी को सेवा प्रदान करने में कमी की है। परिवादी को विपक्षीगण से जमा प्रीमियम की धनराशि 76,448/- रूपया एवं उस पर परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सहित दिलाया जाना न्यायोचित होगा। इसके अतिरिक्त विपक्षीगण से परिवादी को परिवाद व्यय की मद में एकमुश्त 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) और क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्त 5000/- (पाँच हजार रूपया) अतिरिक्त दिलाया जाना भी न्यायोचित दिखाई देता है। तदानुसार परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित पालिसी की प्रीमियम राशि 76,448/-/- (छिहत्तर हजार चार सौ अड़तालीस रूपया)) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में, विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्त 5000/- (पांच हजार रूपया) और परिवाद व्यय की में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्त पाने का अधिकारी होगा। समस्त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से दो माह के भीतर की जाये। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 20.09.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
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