मौखिक
पुनरीक्षण संख्या-125/2016
मै0 भारती एयरटेल लिमि�टेड बनाम मौर्या कृषि केन्द्र
11.10.2018
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री शिव उपस्थित आए। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता अनुपस्थित।
परिवाद संख्या-111/2015 मौर्या कृषि केन्द्र बनाम भारतीय एयरटेल में जिला फोरम-प्रथम, लखनऊ द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 20.04.2016 के विरूद्ध यह पुनरीक्षण याचिका धारा-17 (1) (बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत परिवाद के विपक्षी मै0 भारती एयरटेल लिमि�टेड की ओर से राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी पर नोटिस का तामीला नोटिस 30 दिन के अन्दर अदम तामील वापस न आने पर पर्याप्त माना है और साथ ही पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से परिवाद की कार्यवाही करने हेतु आदेश भी पारित कर दिया है, जिससे क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी ने यह पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत की है।
विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एस0के0 सिंह ने वकालतनामा प्रस्तुत किया है, परन्तु सुनवाई के समय वह उपस्थित नहीं हुए हैं।
मैंने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश का अवलोकन किया है।
आक्षेपित आदेश को पढ़ने से यह स्पष्ट है कि पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी को नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजी गयी है, जो 30 दिन का समय बीतने के बाद वापस नहीं आयी है। इस कारण जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माना है और इसके साथ ही जिला फोरम ने परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से
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पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी के विरूद्ध करने हेतु आदेश पारित किया है। जिला फोरम ने नोटिस का तामीला पर्याप्त मानने के बाद पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी को लिखित कथन प्रस्तुत करने का कोई अवसर प्रदान नहीं किया है, वह भी ऐसी स्थिति में जब नियत तिथि दिनांक 19.04.2016 को छुट्टी थी और उस दिन पत्रावली पेश नहीं हुई। पत्रावली दूसरे दिन दिनांक 20.04.2016 को मंच के समक्ष प्रस्तुत की गयी।
उपरोक्त परिस्थितियों में मैं इस मत का हूँ कि जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी को लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर दिए बिना नोटिस तामीला पर्याप्त मानने के तुरन्त बाद जो एकपक्षीय रूप से कार्यवाही किए जाने का आदेश पारित किया है, वह विधि की दृष्टि से उचित नहीं है। अत: पुनरीक्षण याचिका स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश अपास्त करते हुए जिला फोरम को निर्देशित किया जाता है कि जिला फोरम पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी द्वारा प्रस्तुत लिखित कथन पत्रावली पर ग्रहण करे और विधि के अनुसार उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर परिवाद का निस्तारण यथाशीघ्र सुनिश्चित करे।
पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी जिला फोरम के समक्ष अपना लिखित कथन आज से 20 दिन के अन्दर प्रस्तुत करे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1