राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
पुनरीक्षण संख्या:-82/2024
गुरूनानक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग वर्क्स बनाम मतीन अहमद
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
30-8-2024
पुकार की गई। प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका, पुनरीक्षणकर्ता द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, फतेहपुर द्वारा निष्पादन वाद सं0-02/2023 में पारित निम्न आदेश दिनांक 13.8.2024 के विरूद्ध योजित की गई है:-
"पुकारा गया। उभय पक्ष उपस्थित। उभय पक्षों को कागज सं0- 18 पर सुना गया। विपक्षी ने प्रस्तुत किया है कि वह मय हारवेस्टर देने को तैयार है। परिवादी ने आपत्ति की यह व्यवहारिक नहीं है। विपक्षी ने फैक्ट्री में देने का कथन किया, चूँकि नया हारवेस्टर देने पुनः वही समस्या पैदा होगी इसलिए यह व्यवहारिक नही है अत: प्रा० पत्र निस्तारित किया जाता है। विपक्षी द्वितीय विकल्प धनराशि भुगतान का अनुपालन करें। जारी R/C 6,48,300/- का भुगतान जरिये ड्राफ्ट करें। विपक्षी परिवादी के पास हारवेस्टर को बाद भुगतान प्राप्त करेंगे।
वास्ते अग्रिम आदेश दिनांक 02.09.24 को पेश हो।"
जिला उपभोक्ता आयोग, फतेहपुर द्वारा परिवाद सं0-07/2020 में निम्न आदेश दिनांक 29.7.2022 को पारित किया गया है:-
"परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरुद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है एवं विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह निर्णय के दिनांक से 2 माह के अन्दर परिवादी का प्रश्नगत हारवेस्टर बलकार थी.-525 परिवादी से प्राप्त करके उसे बदल कर नया उपयुक्त हारवेस्टर प्रदान करे। यदि ऐसा सम्भव न हो तो विपक्षी मु० 5,20,000/- रु० (रुपये पाँच लाख बीस हजार) परिवाद प्रस्तुत करने के दिनांक 07.01.2020 से भुगतान की तिथि तक 7% साधारण वार्षिक ब्याज की दर से जोड़ कर परिवादी को भुगतान करे। साथ ही साथ विपक्षी, परिवादी को शारीरिक, मानसिक कष्ट के एवज में मु० 5,000/ रू० व परिवाद व्यय के रूप में मु० 5,000/- रु० कुल मु० 10,000/- रु० भी निर्धारित अवधि में भुगतान करे।"
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उक्त के अनुसार पुनरीक्षणकर्ता कम्पनी द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में परिवादी को नवीन हारवेस्टर बलकार बी-525 प्रदान किये जाने हेतु सहमति दी, परन्तु परिवादी द्वारा पुराने हारवेस्टर को यह कहते हुए कि जिला उपभोक्ता आयोग के उपरोक्त ऊपर उल्लिखित आदेश के अनुसार परिवादी द्वारा विपक्षी पुनरीक्षणकर्ता को वापस न किये जाने का आदेश पारित नहीं किया गया है अत्एव वह उपरोक्त पूर्व डिफेक्टिव हारवेस्टर को वापस नहीं करेंगे। तद्नुसार परिवादी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश के अनुपालन में नवीन हारवेस्टर प्राप्त किये जाते समय पुराने हारवेस्टर को पुनरीक्षणकर्ता कम्पनी को वापस किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। इस आदेश की प्रमाणित प्रति पुनरीक्षणकर्ता कम्पनी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख एक सप्ताह की अवधि में प्रस्तुत की जावे, जिससे कि समुचित विधिनुसार आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग शीघ्र पारित किया जावे। तद्नुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1