जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-281/09
बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, (प्रधान कार्यालय ए-1 सिविल लाइन्स शहर जिला रायबरेली) जो रीजनल रूरल बैंक एक्ट 1976 के तहत बैंकिंग संस्था है और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बैंकिंग कार्य करती है जिसकी एक शाखा बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण शाखा मुख्य जनाना अस्पताल रोड रिकाबगंज शहर जिला फैजाबाद द्वारा क्षेत्रीय प्रबन्धक बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक फैजाबाद क्षेत्र जनपद फैजाबाद। .................परिवादी
बनाम
1- फर्म श्री मारूति कोरियर सर्विसेज प्रा0लि0 द्वारा शाखा प्रबन्धक स्टेशन रोड सिविल लाइन्स निकट स्टेट बैंक, शहर जनपद (फैजाबाद क्षेत्र) फैजाबाद।
2- फर्म श्री मारूति कोरियर सर्विस प्रा0लि0 द्वारा क्षेत्रीय प्रबन्धक लोकल हेड आफिस 75/123 हेलेस रोड कानपुर।
3- फर्म श्री मारूति कोरियर सर्विस प्रा0लि0 द्वारा निदेशक, पंजीकृत कार्यालय 104 सिटी रत्ना काम्पलेक्स, सी.जी. रोड अहमदाबाद।
4- श्री रामतेज वर्मा पुत्र जगपति वर्मा निवासी भवन सं0-3/20/110 नहर बाग परगना हवेली अवध शहर तहसील व जिला फैजाबाद ................विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 02.11.2015
निर्णय
उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध चेक की धनराशि तथा क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
( 2 )
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है कि परिवादी बैंक की शाखा में विपक्षी सं0-4 श्री रामतेज वर्मा ने एक चेक सं0-425237 मु0 1,50,000=00 बैंक आफ बड़ौदा शाखा रूदौली जिला बाराबंकी का अपने बचत खाता सं0-5553 में परिवादी की शाखा फैजाबाद में जमा किया जो नियमानुसार गैर जनपद का होने के कारण कोरियर विपक्षी सं0-1 के जरिये क्लीयरिंग हेतु दि0 11.12.06 को भेजा जो दि0 26.12.06 को अनादरित होकर वापस प्राप्त हुआ किन्तु पुनः विपक्षी सं0-4 के आग्रह पर दि0 16.01.07 को भुगतान हेतु भेजा गया जो पुनः अनादरित होकर दि0 27.01.07 को वापस प्राप्त हुआ।
विपक्षी सं0-1 ता 3 की ओर से कोई जवाब नहीं प्रेषित किया गया। अतः उनके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेश पारित किया गया।
विपक्षी सं0-4 ने अपने जवाब में कहा कि उत्तरदाता द्वारा बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक शाखा जनाना अस्पताल रोड, रिकाबगंज फैजाबाद में अपने बचत खाता सं0-5533 में चेक सं0-425237 मु0 1,50,000=00 का जो बैंक आफ बड़ौदा शाखा रूदौली के नाम देय था। भुगतान हेतु दि0 04.12.06 को जमा किया था जो खाते में अपर्याप्त धनराशि होने के कारण अनादरित होकर विपक्षी उत्तरदाता को वापस प्राप्त हुआ। पुनः दि0 16.01.07 को परिवादी द्वारा उक्त चेक परिवादी के बैंक में अपने बचत खाता सं0-5533 में जमा किया जाना स्वीकार है। उपरोक्त चेक की धनराशि परिवादी ने न तो विपक्षी उत्तरदाता के खाते में जमा किया और न ही उपरोक्त चेक विपक्षी को वापस किया गया। काफी प्रयास करने के बावजूद जब परिवादी द्वारा चेक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी तब विपक्षी ने सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत दि0 24.08.07 को नियमानुसार सूचना माॅंगा लेकिन कोई सूचना नहीं प्राप्त की गयी। परिवादी द्वारा अपने पत्रांक एम.बी./27/बी-466 दि0 26.1.07 के माध्यम से सूचित किया गया कि आपका चेक कहीं गायब हो गया। विपक्षी ने परिवादी एवं चेकदाता मिनहाज अहमद से दुबारा चेक प्राप्त करने का काफी प्रयास किया लेकिन वह दुबारा चेक अथवा धनराशि देने के लिए तैयार नहीं हुआ तब विपक्षी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दि0 14.11.07 को परिवादी को विधिक नोटिस दिया लेकिन परिवादी द्वारा उसका कोई जवाब नहीं दिया गया। अन्त में असहाय होकर विपक्षी ने चेक के निश्चित धनराशि प्राप्त करने के लिए श्रीमान् जी के न्यायालय में राम तेज बनाम प्रबन्धक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आदि परिवाद सं0-54/08 दायर किया जो श्रीमान् जी के न्यायालय में विचाराधीन है।
( 3 )
मैं परिवादी तथा विपक्षी सं0-4 के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य एवं परिवादी के लिखित बहस का अवलोकन किया। चेक सं0-425237 मु0 1,50,000=00 विपक्षी सं0-4 राम तेज वर्मा ने परिवादी के यहाॅं दि0 16.01.07 को जमा किया था। यह चेक प्रथम बार अनादृत हो गयी। दुबारा कलेक्शन हेतु परिवादी ने बी0ओ0बी0 रूदौली के यहाॅं भेजा। मारूति कोरियर कम्पनी विपक्षी सं0-1 से ट्रांजिट पीरियड में चेक गुम हो गयी। चेक कागज सं0-1/12 तथा अन्तरण तालिका कागज सं0-1/13 लगायत 1/14 तथा विपक्षी सं0-1 द्वारा दाखिल ट्रांजिट पीरियड में चेक गुम होने के सम्बन्ध में कागज सं0-1/15 प्रेषित किया। विपक्षी सं0-1 लगायत 3 न्यायालय में उपस्थित होकर अपना जवाबदाावा प्रेषित नहीं किया। इस प्रकार कागज सं0-1/15 जो मारूति कोरियर कम्पनी विपक्षी सं0-1 का है, को विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध पढ़ा जायेगा। विपक्षी सं0-1 कथित चेक को परिवादी को वापस कर देता तो परिवादी विपक्षी सं0-4 को चेक वापस कर देता। विपक्षी सं0-4 मिनहाज अहमद के विरूद्ध धारा-138 नीगोशियेबिल इन्स्ट्रूमेन्ट एक्ट के तहत दाण्डिक कार्यवाही कर सकता है या धनराशि की वसूली हेतु कार्यवाही कर सकता था। विपक्षी सं0-1 द्वारा चेक गुम हो जाने के कारण रामतेज वर्मा विपक्षी सं0-4 मिनहाज अहमद के विरूद्ध कार्यवाही नहीं कर सकता, इसलिए इस चेक के गुम होने की जिम्मेदारी विपक्षी सं0-1 पर बनती है। विपक्षी सं0-2 व 3 पर नहीं बनती है तथा विपक्षी सं0-4 पर भी नहीं बनती है। उपरोक्त विवेचना के आधार पर मैं इस निष्कर्ष पर पहुॅंचता हूॅं कि मारूति कोरियर सर्विसेज प्रा0लि0 द्वारा शाखा प्रबन्धक स्टेशन रोड शहर फैजाबाद ने अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया है। चेक को परिवादी को वापस करना चाहिए। इस प्रकार परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है तथा विपक्षी सं0-2 ता 4 के विरूद्ध खारिज किये जाने योग्य है। परिवादी का परिवाद अंशतः स्वीकार तथा अंशतः खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंशतः स्वीकार तथा अंशतः खारिज किया जाता है। परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0-2 ता 4 के विरूद्ध खारिज
( 4 )़
किया जाता है तथा विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 को आदेश दिया जाता है कि निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर परिवादी को चेक की धनराशि मु0 1,50,000=00 तथा परिवाद योजित करने की तिथि से 9 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज तारोज वसूली अदा करे। इसके अतिरिक्त विपक्षी सं0-1 परिवादी को मु0 2,000=00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
( विष्णु उपाध्याय ) ( माया देवी शाक्य ) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 02.11.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष