जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 825/2020
उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-06.11.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-13.08.2024
गुरूदेव सिंह सग्गू पुत्र मोहिन्द्र सिंह सग्गू, निवासी-12ए मालीवीय स्टेट विजय नगर, कानपुर रोड, मानस नगर, लखनऊ। ................परिवादी।
बनाम
1. मारूति सुजुकी इण्डिया लि0 हेड ऑफिस 1, नेल्सन मण्डेला रोड, वसन्त कुंज, नई दिल्ली-110070 ।
2. वनअप मोटर्स प्रा0लि0 52सी, सिंगार नगर, कानपुर रोड, आलमबाग, लखनऊ-226005 (डीलर मारूति सुजुकी इण्डिया लि0)
3. सर्विस सेन्टर वनअप सर्वि मोटर्स, ट्रांसपोर्ट नगर, लखनऊ।
..................विपक्षीगण।
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री मुजीब इफेन्डी।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-श्री विनीत सहाय विसारिया।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 के अन्तर्गत इस आशय से प्रस्तुत किया गया है कि विपक्षीगण से गाड़ी बनवाने का पूरा पैसा 1,03,000.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्याज के साथ एवं प्राइवेट टैक्सी पर खर्च हुआ भाड़ा 60,000.00 रूपये, मानसिक कष्ट के लिये 25,000.00 रूपये एवं वाद व्यय 15,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 के डीलर विपक्षी संख्या 02 से दिनॉंक 10.01.2019 को मारूति अर्टिंगा कार क्रय की थी जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर-यू0पी0 32 के0एल0-1756 है। विपक्षी संख्या 01 कार कम्पनी द्वारा अल्टीनेटर एवं लीथिएम बैटरी फिटेड गाड़ी विपक्षी संख्या 02 के जरिये मिली थी और उपरोक्त दोनों सामानो पर पॉंच वर्ष की वारन्टी तथा कई अन्य सेवाओं की वारन्टी दी गयी थी।
3. कुछ माह बाद उपरोक्त गाड़ी की स्टार्टिंग में कुछ समस्या होने लगी। स्टार्टिंग की समस्या बढ़ने पर परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 विपक्षी संख्या 01 व 02 के अधिकृत सर्विस सेन्टर में गाड़ी चेक करायी गयी तो कर्मचारियों/मैकेनिक द्वारा बताया गया कि अल्टीनेटर कुछ ठीक काम नहीं कर रहा है। गाड़ी छोड़नी पड़ेगी। परिवादी ने गाड़ी वहीं छोड़ दी। लेकिन बार-बार बहाने करने के एक माह बाद विपक्षी संख्या 03 के कर्मचारियों ने बताया कि गाड़ी का अल्टीनेटर खराब है, जिसकी कीमत 42,000.00 रूपये लेबर चार्ज टैक्स आदि अन्य जो भी खर्च आयेगा उसे परिवादी को देना होगा।
4. परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 के कर्मचारियों/मैकेनिकों से यह कहा कि अल्टीनेटर तो अभी वारंटी पीरियड में है, अत: उसका पैसा तो नहीं लेना चाहिए उसे केवल लेबरचार्ज व टैक्स ही देना चाहिए। कुछ दिन बाद विपक्षी संख्या 03 के जरिये परिवादी को सूचित किया गया कि गाड़ी बन गयी है, आकर गाड़ी ले जाए।
5. सूचना पाकर परिवादी विपक्षी संख्या 03 की वर्कशाप पहॅुचा तो वहॉं के स्टाफ द्वारा गाड़ी की मरम्मत में कुल 1,03,858.00 रूपये का खर्च बताया तथा बिल पकड़ा दिया और बताया कि वाहन में यह समस्या इसलिए पैदा हुई है कि परिवादी ने सी0एन0जी0 किट बाहर से लगवा दी है। परिवादी ने बताया कि गाड़ी क्रय करते समय विपक्षी संख्या 01 0 02 द्वारा इसकी कोई शर्त नहीं बतायी गयी थी । वस्तुत: सी0एन0जी0 किट का अल्टीनेटर तथा लीथियम बैटरी से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। अंत में मजबूर होकर परिवादी ने दिनॉंक 21.08.2020 को विपक्षीगण को नोटिस भेजा परन्तु विपक्षीगण ने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया न ही समस्या का समाधान किया गया, तथा मेरी गाड़ी भी वापस नहीं की गयी।
6. गाड़ी विपक्षी संख्या 03 के गैराज में रखी-रखी खराब हो रही थी। काफी दिनों तक परिवादी स्वयं गाड़ी से वंचित रहे और प्राइवेट टैक्सी का सहारा लिया गया तथा मजबूरी में दिनॉंक 01.10.2020 को 1,03,000.00 रूपये जमा करके गाड़ी वापस प्राप्त की। चॅूंकि परिवादी बृद्ध व बीमार व्यक्ति है और विपक्षी संख्या 03 द्वारा वाहन बिना किसी कारण के चार माह तक रोका गया जिस कारण परिवादी को घर से आफिस जाने के लिये 500.00 रूपये पर टैक्सी करनी पड़ी। चार महीने तक टैक्सी पर लगभग 60,000.00 रूपये का व्यय हुआ। चॅूंकि चार माह गाड़ी विपक्षी के यहॉं खड़ी रही तो गाड़ी बाहर से अत्यंत खराब हालत में थी, जिसकी मरम्मत व सफाई में भी परिवादी का 10,000.00 रूपये खर्च हुआ।
7. विपक्षीगण का उक्त कृत्य सेवा शर्तों का उल्लंघन व अनुचित व्यापार प्रक्रिया के साथ-साथ परिवादी से अवैध तरीके से धन वसूलना है। इस व्यवहार से परिवादी को अत्यंत मानसिक, शारीरिक व आर्थिक कष्ट पहुँचा तथा चार माह तक वाहन की सुविधा से वंचित रहा।
8. विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने उत्तर पत्र में कथन किया गया है कि परिवादी ने वारंटी की शर्तो का उल्लंघन किया है, क्योंकि उसने अपने वाहन में बाहर से सी0एन0जी0 किट लगवायी है। वारंटी की शर्त संख्या 04 लिमिटेशन के अन्तर्गत शर्त संख्या 17-Any vehicle retrofitted with LPG/CNG Kits. परिवादी द्वारा सी0एन0जी0 किट बाहर से लगवाने के कारण वाहन के इलेक्ट्रिक सिस्टम में डिफाल्ट आ गया। विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने कथन में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के केस में The Manager, Tata Engineering Vs. Bachchi Ram Dangwal; FA No. 276/2004 vide Judgment Dated 16.03.2009 has appreciated the fact and upheld warranty rejection holding that “The customer had the body of the truck conuerted unautharisedly and caused tampering with the fuel injection pump. By doing so, he violated the terms of the warranty”. The Customer enclosed herewith as इसी प्रकार मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केस C.N. Anantharam Vs Fiat India Ltd. and Ors. में यह अवधारणा की गयी है कि जब तक मेजर इनडारेक्ट मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट नहीं होता है तब तक मैन्यूफैक्चरिंग कम्पनी अथवा उसका एजेन्ट बदलने के लिये बाध्य नहीं है।
विपक्षी संख्या 03 ने अपने पत्र दिनॉंक 26.06.2020 द्वारा भी परिवादी को सूचित कर दिया गया था कि वारन्टी की शर्तों को तोड़ने के कारण आप पर वारंटी क्लेम देय नहीं है। अत: परिवाद पोषणीय न होने के कारण खारिज किये जाने योग्य है।
9. परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में पंजीकरण प्रमाण पत्र, वारन्टी की छायाप्रति, बिल, नोटिस आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी है।
10. परिवाद पत्र के संबंध में विपक्षीगण द्वारा पैरवी नहीं की गयी है। विपक्षी संख्या 02 व 03 के विरूद्ध दिनॉंक 10.05.2020 को परिवाद एकपक्षीय रूप से अग्रसारित की जा चुकी है। विपक्षी संख्या 01 द्वारा उत्तर पत्र दाखिल किया गया, परन्तु बाद में वे अनुपस्थित बने रहे। इस प्रकार विपक्षीगण का पक्ष अनुपस्थित रहा। परन्तु विपक्षी संख्या 01 के विरूद्ध वाद एकपक्षीय रूप से अग्रसारित नहीं किया गया। अत: इनके उत्तर पत्र का संज्ञान लिया जा सकता है।
11. आयोग द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।
12. परिवादिनी का कथन है कि विपक्षीगण के यहॉ से एक मारूति अर्टिंगा वाहन दिनॉंक 10.01.2019 को क्रय किया जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर यू0पी0 32 के0एल0 1756 है। वाहन में अल्टीनेटर व लीथियम बैटरी फिटेड गाड़ी थी जिस पर पॉंच वर्ष की वारंटी थी। कुछ माह बाद ही गाड़ी में स्टार्टिंग समस्या आने लगी तो उसने वाहन को विपक्षी संख्या 03 व ½ के वर्कशाप में वाहन की चेकिग करायी तो मैकैनिकों ने बताया कि वाहन का अल्टीनेटर एवं लीथियम बैटरी काम नहीं कर रही है उसे बदलना पड़ेगा। परिवादी द्वारा वाहन वर्कशाप पर छोड़ दिया गया और कुछ माह बाद विपक्षी संख्या 03 द्वारा सूचित किया गया कि वाहन बन गया है आकर ले जाइए। परिवादी विपक्षी संख्या 03 के वर्कशाप पर गया और 1,03,000.00 रूपये देकर गाड़ी वापस प्राप्त किया।
13. परिवादी ने अल्टीनेटर व लीथियम बैटरी पर पॉंच वर्ष की वारंटी के क्लेम की मॉंग की परन्तु विपक्षी संख्या 03 द्वारा अपने पत्र दिनॉंक 26.06.2020 के माध्यम से अवगत कराया गया कि आपने वारंटी की शर्त का उल्लंघन किया है, क्योंकि आपने वाहन में बाहरी माध्यम से सी0एन0जी0 किट लगवाया/फिट कराया है, इसलिए कोई वारंटी आप पर लागू नहीं होगी। आपके वाहन में जो कमियॉं आई हैं, वह सी0एन0जी0 किट फिट कराने की वजह से आई है। अत: आपकी कोई वारंटी क्लेम देय नहीं है।
14. उसी संदर्भ में विपक्षी संख्या 01 ने उत्तर पत्र में मा0 सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के दो सिमिलर केसेस में पारित आदेशों को भी प्रस्तुत किया है। कम्पनी द्वारा निर्मित बॉडी व इंजन में यदि कोई परिवर्तन/परिवर्द्धन वाहन स्वामी द्वारा कराया जाता है तो उस केस में वांरटी लागू नहीं होगी। परिवादी द्वारा निश्चित ही वाहन में अलग से अपनी ओर से सी0एन0जी0 किट लगवाया है तो यह माना जाएगा कि उसने कम्पनी की वारंटी पालिसी के प्रस्तर-4 के सब प्रस्तर-17 के प्राविधानों का उल्लंघन किया है। अत: उन्हें वारंटी क्लेम पाने का अधिकार नहीं रह गया है। वाहन में जो भी कमियॉं /दिक्कते आयी हैं वह बाहरी सी0एन0जी0 किट प्रत्यारोपण की वजह से आयी हैं। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी की गयी हो ऐसा परिलक्षित नहीं हो रहा है। अत: परिवादी का परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-13.08.2024