Uttar Pradesh

StateCommission

A/454/2016

Vishal Gupta - Complainant(s)

Versus

Maruti Suzuki India Ltd - Opp.Party(s)

Anand Bhargav

24 May 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/454/2016
( Date of Filing : 09 Mar 2016 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. C/17/2015 of District Shambhal)
 
1. Vishal Gupta
Sambhal
...........Appellant(s)
Versus
1. Maruti Suzuki India Ltd
Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 24 May 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-454/2016

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, सम्‍भल द्वारा परिवाद संख्‍या 17/2015 में पारित आदेश दिनांक 07.01.2016 के विरूद्ध)

Vishal Gupta S/o Ashok Kumar resident of House No. 76, Ward No. 5, Teachers Colony Babrala, Tehsil-Gunnor, Distt.-Sambhal.

                               ................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1. Maruti Suzuki India Ltd. Branch 7th floor, Shri Brindawan Tower, Sanjay Palace, Agara.

2. Akanksha Auto Mobile Pvt. Ltd, Delhi Road, Muradabad through its proprietor.

3. Akanksha Auto Mobile Pvt. Ltd, near Om filling Station, Azad Road Chandosi, Distt.-Sambhal through Manager.

4. Bajaj Allianz General Insurance Company Ltd., Branch Office – 11/9 Siver line, Algin Mill, Retail Shop, Civil Line, Kanpur through Branch Manager.

                           .................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

 

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आनंद भार्गव,

                           विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं01 की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया,

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं04 की ओर से उपस्थित : श्री दिनेश कुमार,

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण सं02 व 3 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

 

दिनांक: 28.06.2018

 

 

 

-2-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-17/2015 विशाल गुप्‍ता बनाम मारूति सुजुकी इण्डिया लि0 व तीन अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, सम्‍भल द्वारा पारित निर्णय और आदेश                         दिनांक 07.01.2016 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा परिवाद निरस्‍त कर दिया है, जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवाद के परिवादी ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आनंद भार्गव और प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 बिसारिया एवं प्रत्‍यर्थी संख्‍या-4 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार उपस्थित आए हैं। प्रत्‍यर्थीगण संख्‍या-2 और 3 की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

हमने अपीलार्थी एवं प्रत्‍यर्थीगण संख्‍या-1 और 4 के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि  अपीलार्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने नई कार नं0 यू0पी0 38 सी-0053

 

-3-

परिवाद के विपक्षी संख्‍या-3 से दिनांक 24.07.2014 को खरीदा, जिसकी बीमा पालिसी विपक्षी संख्‍या-3 ने विपक्षी संख्‍या-4 से ली थी। उसके बाद दिनांक 07.09.2014 को अपीलार्थी/परिवादी की उपरोक्‍त कार गांव-जरगवां जिला बुलन्‍दशहर में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गयी और अपीलार्थी/परिवादी उसे खिंचवाकर दिनांक 08.09.2014 को परिवाद के विपक्षी संख्‍या-3 के कार्यालय के बाहर खड़ी कर दिया, जिसके प्रमाण स्‍वरूप परिवाद के विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा एक पत्र दिया गया।

परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षी संख्‍या-2 ने वायदे के अनुसार कार की मरम्‍मत करके दिनांक 15.10.2014 तक कार अपीलार्थी/परिवादी को नहीं दी। परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षी संख्‍या-3 ने कार के कुछ पुर्जे निकाल लिए और उसके बाद कार को दिनांक 16.09.2014 को मरम्‍मत के लिए भेजा।

परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि दिनांक 05.11.2014 को अपीलार्थी/परिवादी को कार प्राप्‍त हुई, परन्‍तु कार की मरम्‍मत ठीक प्रकार से नहीं की गयी थी। अत: अपीलार्थी/परिवादी ने कार की मरम्‍मत सन्‍तुष्टि पूर्ण ढंग से किए जाने का अनुरोध किया। तब परिवाद के विपक्षी संख्‍या-2 ने उसकी बात नहीं सुनी और कार की मरम्‍मत सन्‍तुष्टि पूर्ण ढंग से करने से इंकार कर दिया। तब विवश होकर अपीलार्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के  समक्ष  प्रस्‍तुत  किया  है  और  2,00,000/-रू0

 

-4-

क्षतिपूर्ति व कार की सन्‍तुष्टि पूर्ण मरम्‍मत कराए जाने की मांग की है। इसके साथ ही वाद व्‍यय भी मांगा है।

जिला फोरम के समक्ष परिवाद के विपक्षीगण संख्‍या-1 और 4 नोटिस तामीला के बाद भी उपस्थित नहीं हुए हैं और न लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है। अत: उनके विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की गयी है।

जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण संख्‍या-2 और 3 ने अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है, जिसमें उन्‍होंने कहा है कि उनके विरूद्ध कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ है। दिनांक 07.09.2014 को अपीलार्थी/परिवादी की कार दुर्घटनाग्रस्‍त होने का शपथ पत्र शाखा प्रबन्‍धक बजाज एलायन्‍स जनरल इंश्‍योरेन्‍स कं0लि0 के समक्ष अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत किया गया और                दिनांक 08.09.2014 को अपीलार्थी/परिवादी अपनी कार विपक्षीगण संख्‍या-2 और 3 के वर्कशाप में लेकर आया तब उससे विपक्षीगण संख्‍या-2 और 3 ने कहा कि वह अपनी क्षतिग्रस्‍त कार को सही कराने हेतु दावे से सम्‍बन्धित कागजात इंश्‍योरेंस कम्‍पनी के समक्ष दे ताकि उसके क्‍लेम को सेटल किया जा सके। तब अपीलार्थी/परिवादी ने अपने बीमा दावा के सम्‍बन्‍ध में प्रारम्भिक कार्यवाही की और विपक्षीगण संख्‍या-2 और 3 द्वारा कार की मरम्‍मत का कार्य प्रारम्‍भ किया गया तथा दिनांक 19.10.2014 को क्षतिग्रस्‍त कार को पूर्णत: सही कर दिया गया, जिसे पूर्ण             सन्‍तुष्टि में अपीलार्थी/परिवादी ने  ग्रहण  किया  और  उसके  बाद

 

-5-

दिनांक 05.11.2014 को कार की Second Free Service की गयी तथा अपीलार्थी/परिवादी के बताने पर पुन: एक्‍सीडेन्‍टल मरम्‍मत का चैकअप किया गया और सन्‍तुष्टि वाउचर भरा गया। उसके बाद अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 04.01.2015 को कार की Third Free Service करायी गयी। तब अपीलार्थी/परिवादी ने एक्‍सीडेन्‍टल मरम्‍मत की कोई शिकायत नहीं की तथा सन्‍तुष्टि पत्र प्रदान किया।

लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-2 और 3 ने कहा है कि अपीलार्थी/परिवादी का यह कथन गलत है कि उन्‍होंने उसकी कार से कुछ पुर्जे निकाल लिए और कार को तुरन्‍त मरम्‍मत हेतु नहीं भेजा।

लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-2 और 3 दोनों ने कहा है कि अपीलार्थी/परिवादी ने परिवाद गलत कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है।

जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन और उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त आक्षेपित निर्णय में यह उल्‍लेख किया है कि दिनांक 05.11.2014 को अपीलार्थी/परिवादी की प्रश्‍नगत क्षतिग्रस्‍त कार मरम्‍मत के बाद उसे प्राप्‍त हुई है और अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 05.11.2014 को Satisfaction Voucher स्‍वयं स्‍वेच्‍छा से निष्‍पादित किया है, जिसे विपक्षीगण संख्‍या-2 और 3 ने साक्ष्‍य में दाखिल किया है और उसका खण्‍डन अपीलार्थी/परिवादी ने नहीं किया है। जिला फोरम ने अपने निर्णय में यह भी उल्‍लेख किया है कि बीमा कम्‍पनी  द्वारा  एक्‍सीडेन्‍टल

 

-6-

क्‍लेम को सेटल करने में कुछ समय अवश्‍य लगता है। ऐसी स्थिति में अपीलार्थी/परिवादी की दुर्घटनाग्रस्‍त कार ठीक होकर दो माह के अन्‍दर प्राप्‍त कर ली गयी है।

जिला फोरम ने उपरोक्‍त उल्‍लेख के आधार पर अपने निर्णय में यह निष्‍कर्ष अंकित किया है कि विपक्षीगण की सेवा में कोई कमी किसी प्रकार की किया जाना साबित नहीं है। अत: जिला फोरम ने परिवाद आक्षेपित आदेश के द्वारा निरस्‍त कर दिया है।

अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध है और त्रुटिपूर्ण है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण ने उसकी क्षतिग्रस्‍त कार की मरम्‍मत पूर्ण सन्‍तुष्टि के अनुसार नहीं किया है और सेवा में कमी की है। अत: अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद स्‍वीकार कर अपीलार्थी/परिवादी को याचित अनुतोष प्रदान किया जाना न्‍याय की दृष्टि से उचित है।

प्रत्‍यर्थीगण संख्‍या-1 और 4 के विद्वान अधिवक्‍तागण का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है। इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

हमने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

निर्विवाद रूप से विपक्षीगण संख्‍या-2 और 3 ने अपीलार्थी/परिवादी की दुर्घटनाग्रस्‍त कार की मरम्‍मत करने के बाद उसे दिनांक 05.11.2014 को कार दिया  है।  दिनांक 05.11.2014

 

-7-

को सन्‍तुष्टि वाउचर अपीलार्थी/परिवादी ने निष्‍पादित किया है, जिसका उल्‍लेख जिला फोरम ने अपने निर्णय में किया है। यह सन्‍तुष्टि वाउचर अपील की पत्रावली के पृष्‍ठ 21 पर संलग्‍न है, जिसमें अपीलार्थी/परिवादी ने अंकित किया है कि गाड़ी में हुए कार्यों से सन्‍तुष्‍ट हूँ और सन्‍तुष्टि वाउचर की इस प्रविष्टि के नीचे अपीलार्थी/परिवादी का हस्‍ताक्षर है। अत: अपीलार्थी/परिवादी का यह कथन विश्‍वसनीय नहीं है कि उसकी कार की मरम्‍मत ठीक से नहीं की गयी है और उसकी पूर्ण सन्‍तुष्टि के अनुसार मरम्‍मत नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में हम इस मत के हैं कि जिला फोरम ने अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद निरस्‍त करने का जो आधार उल्लिखित किया है वह साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध नहीं कहा जा सकता है। अत: हमारी राय में जिला फोरम के निर्णय में हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। अत: अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

       (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)        (महेश चन्‍द)         

           अध्‍यक्ष                  सदस्‍य           

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1    

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.