Uttar Pradesh

StateCommission

A/727/2018

Priyanka Chaturvedi - Complainant(s)

Versus

Maruti Sizuki India Ltd - Opp.Party(s)

Self

25 Oct 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/727/2018
( Date of Filing : 23 Apr 2018 )
(Arisen out of Order Dated 26/03/2018 in Case No. C/12/2016 of District Lucknow-II)
 
1. Priyanka Chaturvedi
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Maruti Sizuki India Ltd
New Delhi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 25 Oct 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-727/2018

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम-द्वितीय, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या 12/2016 में पारित आदेश दिनांक 26.03.2018 के विरूद्ध)

1. प्रियंका चतुर्वेदी

   बी-955, सेक्‍टर-ए, महानगर, लखनऊ-226006

   विद्युदणु-पत्र खाता: pchaturvedi1210@gmail.com;             

   दूरभाष:9559202149

2. रागिनी चतुर्वेदी

   बी-955, सेक्‍टर-ए, महानगर, लखनऊ-226006;          

   दूरभाष:9559202149

                     ...................अपीलार्थीगण/परिवादिनीगण

बनाम

1. मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड, डी.टी.एस. विभाग

   1, नेलसन मंडेला रोड, वसंत कुंज, नई दिल्‍ली-110070

   जालस्‍थल : www.marutidrivingschool.com; दूरभाष :             

   011-46782021; 1800 102 1800(मुफ्त)

2. मारुति ड्राइविंग स्‍कूल, के.टी.एल. प्राइवेट लिमिटेड

  ऑपोसिट एच.ए.एल., इन्दिरानगर, फैजाबाद रोड,                                          

  लखनऊ-226016

  विद्युदणु-पत्र खाता : ktl.mds99@gmail.com: दूरभाष :               

  0522-2340183, 86, 89

                            ................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित : स्‍वयं।                                  

प्रत्‍यर्थी सं01 की ओर से उपस्थित : श्री अंकित श्रीवास्‍तव के                  

                              सहयोगी श्री सुशील कुमार                                

                              मिश्रा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं02 की ओर से उपस्थित : श्री विजय कुमार यादव,                    

                              विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक: 06.12.2018

 

 

-2-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-12/2016 प्रियंका चतुर्वेदी व एक अन्‍य बनाम मारुति सुजुकी इंडिया लि0 डी.टी.एस. विभाग व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, लखनऊ द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 26.03.2018 के विरूद्ध यह अपील   धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

आक्षेपित निर्णय के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया                   है:-

''परिवादिनीगण का परिवाद आंशिक रुप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को संयुक्‍त एवं एकल रुप में आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से चार सप्‍ताह के अंदर परिवादिनीगण को उनसे एकस्‍ट्रा ली गयी फीस (राउन्‍ड फीगर में), रू020/- मय 9(नौ) प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर के साथ फीस जमा करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक अदा करें। इसके अतिरिक्‍त विपक्षीगण संयुक्‍त एवं एकल रुप में परिवादिनीगण को मानसिक कष्‍ट हेतु रू05000/- तथा रू03000/- वाद व्‍यय अदा करें। ऐसा न करने की दशा में विपक्षीगण को संयुक्‍त एवं एकल रुप में उक्‍त धनराशियों पर उक्‍त तिथि से ता अदायेगी तक 12 (बारह) प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर के साथ देय होगा।''

 

-3-

जिला फोरम के निर्णय से अपीलार्थी/परिवादिनीगण सन्‍तुष्‍ट नहीं हैं। अत: अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने यह अपील प्रस्‍तुत करते हुए निवेदन किया है कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड और मारुति ड्राइविंग स्‍कूल के विरूद्ध न्‍यायोचित आदेश पारित किया जाये, जिससे इन संस्‍थाओं के लेन-देन के समय जो हानि पहुँची है और मानसिक क्‍लेश हुआ है उसकी पूर्ति हो सके।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी/परिवादिनी व्‍यक्तिगत रूप से उपस्थित आईं हैं। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अंकित श्रीवास्‍तव के सहयोगी श्री सुशील कुमार मिश्रा उपस्थित आये हैं। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री विजय कुमार यादव उपस्थित आये हैं।

मैंने उभय पक्ष के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है। मैंने उभय पक्ष के लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादीगण प्रियंका चतुर्वेदी एवं रागिनी चतुर्वेदी ने परिवाद प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड एवं मारुति ड्राइविंग स्‍कूल के विरूद्ध जिला फोरम-द्वितीय, लखनऊ के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि अपीलार्थी/परिवादिनी संख्‍या-1 प्रियंका चतुर्वेदी और उनकी माता अपीलार्थी/परिवादिनी संख्‍या-2 डा0 रागिनी चतुर्वेदी ने व्‍यक्तिगत उपयोग के लिये हल्‍के चौपहिया वाहन की ड्राइविंग सीखने  के  उद्देश्‍य  से  प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

 

-4-

संख्‍या-2 मारुति ड्राइविंग स्‍कूल लखनऊ में दाखिला लिया। उन्‍हें मारुति ड्राइविंग स्‍कूल के जालस्‍थल से पाठ्यक्रम के विषय में जानकारी मिली। तब उन्‍होंने अगस्‍त, 2015 के आरम्‍भ से प्रवेश लिया और संस्‍था के जालस्‍थल पर उपलब्‍ध सूचना तथा प्रशिक्षण केन्‍द्र में प्रवेश के समय दी गई जानकारी की तुलना में प्रशिक्षण की गुणवत्‍ता में कई अभाव थे। पाठ्यक्रम के सभी भागों में किसी न किसी प्रकार के अभाव या दोष उपस्थित थे-शिक्षण सत्रों की अवधि और संख्‍या, पाठ्यक्रम की निर्दिष्‍ट समय सारिणी, पाठ्यक्रम शुल्‍क, परीक्षा का मूल्‍यांकन और शिक्षण सामग्रियॉं। प्रशिक्षण पुस्तिका व सघन चक्रिका के आवरण के प्रारूप और लेखन में स्‍पष्‍ट रूप से हिन्‍दी-भाषीय शिक्षार्थियों के प्रति भेदभाव किया गया था। जैसे-जैसे अपीलार्थी/परिवादिनीगण को कमियॉं दिखती जा रही थीं वैसे-वैसे उनके विषय में अपीलार्थी/परिवादिनीगण प्रशिक्षकों और संस्‍था के अन्‍य प्रतिनिधियों को अवगत कराती जा रहीं थीं, परन्‍तु समस्‍याओं के सुधारने के स्‍थान पर प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण के प्रशिक्षक व प्रतिनिधि प्रयास कर रहे थे कि या तो सेवाओं और सुविधाओं में और अधिक कमी कर दी जाये या बेतुके और निरर्थक विवादों में अपीलार्थी/परिवादिनीगण को उलझा दिया जाये।

     परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादिनीगण का कथन है कि प्रशिक्षण के उपरान्‍त जब उन्‍हें प्रमाण पत्र दिया जा चुका था तब उन्‍होंने मारुति ड्राइविंग स्‍कूल के लखनऊ और नई दिल्‍ली कार्यालयों को सभी अनियमितताओं के  बारे  में  पत्र  लिखा  और       

 

-5-

हिंदी-भाषीय शिक्षार्थियों के प्रति भेदभाव का उल्‍लेख किया, परन्‍तु मारुति ड्राइविंग स्‍कूल का लखनऊ केंद्र और नई दिल्‍ली का प्रधान कार्यालय दोनों के द्वारा ही समस्‍याओं के प्रति उदासीनता बरती गयी और कोई कार्यवाही नहीं की गयी। बाद में उनका पत्र प्राप्‍त हुआ, जिसमें उन्‍होंने अपीलार्थी/परिवादिनीगण के कथन का खण्‍डन किया और समस्‍याओं के कारणों का तर्कसंगत विवरण देने में असफल रहे। अत: अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने जिला फोरम के समक्ष परिवाद प्रस्‍तुत किया और यह अनुतोष चाहा कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड              और मारुति ड्राइविंग स्‍कूल को न्‍यायोचित आदेश सुनाएँ,                जिससे कि उनकी इन संस्‍थाओं के साथ लेन-देन के समय जो    हानि पहुँची है और मानसिक क्‍लेश हुआ है उसकी पूर्ति हो                     सके। अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने कुल 12,20,000/-रू0 क्षतिपूर्ति की मांग की है।

जिला फोरम के समक्ष प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत कर कहा गया है कि अपीलार्थी/परिवादिनीगण उनकी उपभोक्‍ता नहीं हैं। उन्‍होंने गलत और निराधार तथ्‍यों के आधार पर परिवाद प्रस्‍तुत किया है। अपीलार्थी/परिवादिनीगण गलत तरीके से धन वसूलना चाहती हैं। उनके द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद  जिला फोरम की अधिकारिता से परे है।

लिखित कथन में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 एक फ्रेन्‍चाइजी है। वह एडवान्‍स

 

-6-

ड्राइविंग का प्रशिक्षण देती है।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 ने भी अपना लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और कहा है कि उसने सेवा में कोई कमी नहीं की है। अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने परिवाद स्‍वच्‍छ हाथों से प्रस्‍तुत नहीं किया है।

लिखित कथन में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 ने कहा है कि अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने प्रशिक्षण के दौरान कोई भी शिकायत नहीं किया है। प्रशिक्षण काल दिनांक 10.08.2015 से                 दिनांक 19.09.2015 तक पूर्ण संतुष्टि के साथ पूरा किया। तत्‍पश्‍चात् प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अनेक प्रकार के झूठे आरोप कर्मियों पर लगाये हैं, जो सोच समझकर अन्‍यथा दबाव डालकर धन वसूलने हेतु लगाये हैं।

लिखित कथन में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 ने अपीलार्थी/परिवादिनीगण से अधिक फीस लिये जाने के कथन से इन्‍कार किया है और कहा है कि उन्‍होंने अपनी सेवा में कोई त्रुटि नहीं की है।

लिखित कथन में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 ने कहा है कि कक्षाओं के विलम्‍ब से आरम्‍भ होने अथवा पहले समाप्‍त होने की कोई शिकायत प्रशिक्षण के दौरान नहीं की गयी है।

लिखित कथन में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 की ओर से कहा गया है कि अपीलार्थी/परिवादिनीगण का यह कथन गलत है कि शिक्षार्थियों के साथ भाषा के आधार पर कोई भेदभाव किया जाता है

 

-7-

या दुर्व्‍यवहार किया जाता है। भाषाओं में सभी मेटिरियल उचित गुणवत्‍ता के हैं और स्‍टाफ के द्वारा भी किसी प्रकार से किसी अभ्‍यर्थी से भेदभाव नहीं किया गया है।

लिखित कथन में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 की ओर से कहा गया है कि अपीलार्थी/परिवादिनी संख्‍या-2 श्रीमती रागिनी चतुर्वेदी के परीक्षा में अनुत्‍तीर्ण होने का जो प्रश्‍न है इस सम्‍बन्‍ध में पूरा प्रश्‍नपत्र एवं उत्‍तरशीट दिखायी जा सकती है। श्रीमती रागिनी चतुर्वेदी के असफल होने पर स्‍टाफ का कोई हाथ नहीं है। अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने जो आक्षेप लगाये हैं वे गलत हैं।

जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त यह निष्‍कर्ष निकाला है कि अपीलार्थी/परिवादिनी से प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण ने 20/-रू0 एक्‍स्‍ट्रा फीस राउन्‍ड फीगर कहकर लिया है। अत: जिला फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए आक्षेपित आदेश उपरोक्‍त प्रकार से पारित किया है।

अपीलार्थी/परिवादिनी का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय उचित नहीं है। जिला फोरम ने परिवाद पत्र में उल्लिखित बिन्‍दुओं पर उचित ढंग से विचार किये बिना आक्षेपित आदेश पारित किया है और जो अनुतोष प्रदान किया है वह परिवाद में कथित तथ्‍यों के आधार पर उचित और पर्याप्‍त नहीं है।              अत: जिला फोरम द्वारा पारित आदेश अपास्‍त कर अपीलार्थी/परिवादिनीगण द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद स्‍वीकार किया  जाये

 

-8-

और परिवाद पत्र में याचित अनुतोष प्रदान किया जाये।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍तागण का तर्क है              कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय उचित है। अपीलार्थी/परिवादिनीगण द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध जो आरोप लगाये गये हैं वह निराधार और असत्‍य है। जिला फोरम ने उसे स्‍वीकार न कर कोई त्रुटि नहीं की है।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण की ओर से लिखित तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया है।

मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

परिवाद पत्र के कथन से स्‍पष्‍ट है कि अपीलार्थी/परिवादिनीगण की मुख्‍य शिकायत विपक्षीगण के मोटर ड्राइविंग स्‍कूल द्वारा दी जा रही दोषपूर्ण ट्रेनिंग और अपनायी जा रही अनुचित प्रक्रिया से है। अपीलार्थी/परिवादिनीगण द्वारा परिवाद पत्र में कथित शिकायत के पूर्ण एवं प्रभावी निर्णय हेतु               धारा-13 (4) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत आर0टी0ओ0 लखनऊ से विशेषज्ञ आख्‍या प्राप्‍त किया जाना आवश्‍यक है। अत: प्रकरण जिला फोरम को आर0टी0ओ0 लखनऊ से विशेषज्ञ आख्‍या प्राप्‍त कर उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय पारित करने हेतु प्रत्‍यावर्तित किया जाना उचित है।

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम का निर्णय व आदेश अपास्‍त करते  हुए  पत्रावली

 

-9-

जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित की जाती है कि जिला फोरम अपीलार्थी/परिवादिनीगण की शिकायत के सम्‍बन्‍ध में धारा-13 (4) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत  आर0टी0ओ0 लखनऊ से विशेषज्ञ आख्‍या प्राप्‍त करे और उभय पक्ष को साक्ष्‍य व सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय व आदेश पारित करे।

अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

उभय पक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 16.01.2019 को उपस्थित हों।

                        

                   (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)           

                       अध्‍यक्ष                                  

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.