जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री विनोद कुमार पुत्र मोहन लाल , उम्र- , जाति- जांगिड़, निवासी- बजरंग काॅलोनी, विजय नगर, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. मारूति नन्दन मोबाईल कलेक्षन, सथाना बाजार, विजयनगर, जिला- अजमेर, प्रोपराईटर, अजमेर ।
2. फोर स्पाईस रिटेल लिमिटेड, आॅथराईज्ड सर्विस सेन्टर, बजाज टेलीकाॅम, 181/22, आर्यसमाज रोड़, केसरगंज, अजमेर ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 229/2016
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री ललित कुमार कुमवत, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 02.02.2017
1. संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 से जरिए बिल संख्या 1468 दिनांक 15.3.2014 के एक स्पाईस मोबाईल राषि रू. 4500/- में क्रय किया ,जिसकी एक वर्ष की वारण्टी दी गई । उक्त सैट क्रए किए जाने के 3 माह बाद ही उसकी बैटरी पूरी तरह से चार्ज नहीं होने की समस्या उत्पन्न होने लगी । जिसकी षिकायत अप्रार्थी संख्या 1 को किए जाने पर उसके मांगने पर मोबाईल की बैटरी का नम्बर, जिसका विवरण परिवाद की चरण संख्या 2 में अंकित है, दिया । इसके बाद अप्रार्थी संख्या 1 ने प्रष्नगत सैट दिनंाक 9.6.2014 को दुरूस्ती हेतु अपने पास रिक्वेस्ट नम्बर 20100030 ई 60110 अंकित कर रख लिया और उसे यह आष्वासन दिया कि सैट को सर्विस सेन्टर से दुरूस्त करवा कर उसे सूचित कर दिया जावेगा । किन्तु अप्रार्थी संख्या 1 ने उसका मोबाईल सैट एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी उसे मोबाईल ठीक करके नहीं दिया बल्कि प्रार्थी पर ही आक्षेप लगाया कि सैट में पानी चले जाने की वजह से सैट खराब हुआ है । इसलिए वह ठीक नहीं हो सकता । जबकि दूसरी ओर अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से उसके दूसरे मोबाईल पर प्रष्नगत सैट दुरूस्त कर दिए जाने व कार्यदिवस में सैट ले जाने का मैसेज प्राप्त हुआ । इसके बावजूद भी अप्रार्थीगण ने उसका प्रष्नगत सैट दुरूस्त नहीं कर सेवा में कमी की है एवं अनुचित व्यापार व्यवहार अपनाया है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने अपना षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थीगण बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुए और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थीगण के विरूद्व क्रमषः दिनांक 27.7.2016 व 24.11.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 से जरिए बिल संख्या 1468 दिनांक 15.3.2014 के एक स्पाईस मोबाईल राषि रू. 4500/- में क्रय किया, जिसकी एक वर्ष की वारण्टी दी गई । उक्त सैट क्रए किए जाने के 3 माह बाद ही उसकी बैटरी पूरी तरह से चार्ज नहीं होने की समस्या उत्पन्न होने लगी । जिसकी षिकायत अप्रार्थी संख्या 1 को किए जाने पर तथा उसके मांगने पर मोबाईल की बैटरी का नम्बर दे दिया । इसके बाद अप्रार्थी संख्या 1 ने प्रष्नगत सैट दिनंाक 9.6.2014 को दुरूस्ती हेतु अपने पास रिक्वेस्ट नम्बर 20100030 ई 60110 अंकित कर रख लिया और उसे यह आष्वासन दिया कि सैट को सर्विस सेन्टर से दुरूस्त करवा कर उसे सूचित कर दिया जावेगा । किन्तु अप्रार्थी संख्या 1 ने उसका मोबाईल सैट एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी उसे मोबाईल ठीक करके नहीं दिया बल्कि प्रार्थी पर ही आक्षेप लगाया कि सैट में पानी चले जाने की वजह से सैट खराब हुआ है इसलिए वह ठीक नहीं हो सकता । जबकि अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से उसके दुसरे मोबाईल पर प्रष्नगत सैट दुरूस्त कर दिए जाने व किसी भी कार्यदिवस को उनके यहां से सैट ले जाने का मैसेज प्राप्त हुआ । इसके बावजूद भी अप्रार्थीगण ने उसका प्रष्नगत सैट दुरूस्त नहीं कर सेवा में कमी की है एवं अनुचित व्यापार व्यवहार अपनाया है । परिवाद स्वीकार किया जाकर वांछित अनुतोष प्रदान किया जाना चाहिए ।
4. हमने प्रार्थी के तर्क सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया ।
5. प्रार्थी ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों की पुष्टि अपने षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा-प्रष्नगत मोबाईल सैट क्रए किए जाने का बिल क्रमांक 1488 दिनांक 15.3.2014,ैमतअपबम त्मुनमेज दिनंाक 9.6.2014, अप्रार्थीगण को दिए गए नोटिस दिनंाक 21.5.2015
की फोटोप्रतियों से की है । यह सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है। मंच की राय में अप्रार्थीगण द्वारा प्रार्थी के द्वारा परिवाद में वर्णित प्रष्नगत मोबाईल हैण्ड सैट की बैटरी में आई खराबी को करीब 1 वर्ष तक अपने पास रख कर भी दुरूस्त नहीं करवा कर अपितु प्रार्थी पर ही सैट में पानी चले जाने का आक्षेप लगाते हुए सेवा में कमी कारित की है । वहीं कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर द्वारा प्रार्थी के दूसरे सैट पर प्रष्नगत मोबाईल सैट को दुरूस्त कर दिए जाने व उनके किसी भी कार्यदिवस पर आकर ले जाने का मैसेज दिया दिया । इस प्रकार उनका उक्त कृत्य अनुचित व्यापार व्यवहार प्रणाली को सिद्व करता है ।
6. प्रार्थी के कथन एवं प्रार्थी द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए अप्रार्थी के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थी के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है ।ऐसी स्थिति में प्रार्थी का परिवाद मंच की राय में अप्रार्थीगण के विरूद्व एक पक्षीय स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि:
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थी अप्रार्थीगण से संयुक्त रूप से अथवा पृथक पृथक रूप से जरिए बिल संख्या 1468 दिनांक 15.3.2014 के क्रय किए गए स्पाईस मोबाईल की क्रय राषि रू. 4500/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थीगण से संयुक्त रूप से अथवा पृथक पृथक रूप से ं मानसिक संताप पेटे रू. 5000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण संयुक्त रूप से अथवा पृथक पृथक रूप से प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 02.02.2017 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष