Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/1360

Yogesh Courier Pvt Ltd - Complainant(s)

Versus

Markanday Dubey - Opp.Party(s)

R K Mishra & S.K. Verma

19 Sep 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/1360
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Yogesh Courier Pvt Ltd
51/72 Narain Plaza Nayaganj Kanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Markanday Dubey
103/366 Bakarmansi Bajaria Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 19 Sep 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-1360/2012

 

(जिला मंच कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-९३/२०११ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक २८/०४/२०१२ के विरूद्ध)

 

योगेश कोरियर प्राईवेट लि0 ५१/७२ नरायन प्‍लाजा नयागंज कानपुर द्वारा प्रोपराईटर।

                                 .............. अपीलार्थी।

बनाम्

 

मारकण्‍डेय दुबे प्रोपराईटर मै0 कृष्‍णा आटो मोबाईल्‍स निवासी १०३/३६६ बकरमण्‍डी थाना बजरिया कानपुर नगर।

............... प्रत्‍यर्थी।

समक्ष:-

१. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, पीठासीन सदस्‍य।

२. मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :-श्री संजय कुमार वर्मा विद्वान

 अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित:- श्री डीएस तिवारी विद्वान

 अधिवक्‍ता ।

दिनांक : 03/01/2018

मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-९३/२०११ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक २८/०४/२०१२ के विरूद्ध योजित की गयी है ।   

     संक्षेप में विवाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने दिनांक १९/०६/२०१० को एक पार्सल अपीलकर्ता कोरियर कम्‍पनी के माध्‍यम से मै0 शकुन्‍तला पेडरल मोगुल गुड्स इंडिया लि0 रोशन प्‍लाजा बिल्डिंग रोशन आरा रोड दिल्‍ली के पते पर भेजा था। कोरियर की रसीद सं0-४०३६८ थी और उक्‍त कोरियर का भुगतान अपीलकर्ता को किया था किन्‍तु उक्‍त कोरियर भेजे गए पते पर नहीं पहुंचा । प्रत्‍यर्थी/परिवादी के अनुसार उसे रू0 ९९४५०/-की क्षति हुई है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलकर्ता से क्षतिपूर्ति हेतु कई बार संपर्क किया किन्‍तु उसे उसका कोई उत्‍तर नहीं दिया गया। इसी से क्षुब्‍ध होकर परिवादी/अपीलकर्ता द्वारा उपरोक्‍त उल्लिखित परिवाद जिला मंच के समक्ष योजित किया गया ।

     अपीलकर्ता को विद्वान जिला मंच द्वारा नोटिस भेजा गया किन्‍तु उक्‍त नोटिस वापसी का कोई उत्‍तर अथवा परिवाद पत्र का कोई प्रतिवाद पत्र विद्वान जिला मंच के समक्ष अपीलकर्ता द्वारा नहीं किया गया। विद्वान जिला मंच द्वारा एकपक्षीय सुनवाई के बाद परिवाद का निस्‍तारण करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है-

     ‘’ परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत वाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि निर्णय के ३० दिन के अंदर परिवादी को रू0 ४४३२२/- अदा कर देवे। यदि विपक्षी ऐसा करने में असफल रहता है तो परिवादी वाद प्रस्‍तुत करने के दिनांक ०२/०२/२०११ से संपूर्ण धनराशि की अदायगी के अंतिम दिन तक १० प्रतिशत साधारण ब्‍याज प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। ‘’

     इसी आदेश से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

     अपील में जो आधार लिया गया है उसमें कहा गया है कि विद्वान जिला मंच ने एकपक्षीय आदेश पारित किया है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा ऐसा कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया गया जिससे यह विदित होता हो कि उक्‍त पार्सल में क्‍या-क्‍या सामान था तथा वह कितनी धनराशि का सामान था। विद्वान जिला मंच ने किस आधार पर यह अवधारित किया कि रू0 ४४३२२/-की कीमत का सामान परिवादी द्वारा कोरियर से भेजा गया था और उस पार्सल में क्‍या था और इस सामान का कोई उल्‍लेख परिवाद पत्र में नहीं किया गया। बिना साक्ष्‍य के रू0 ४४३२२/- की धनराशि प्रश्‍नगत आदेश द्वारा अनुमन्‍य किए जाने का कोई आधार नहीं है।

     अपील का प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा विरोध किया गया और आपत्ति दाखिल की गयी।

     पत्रावली सुनवाई हेतु पीठ के समक्ष प्रस्‍तुत हुई। अपीलकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजय कुमार वर्मा उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री डीएस तिवारी उपस्थित हैं। उभय पक्षों केाभा तर्कों को सुना गया एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।

     पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों से यह स्‍पष्‍ट है कि परिवाद पत्र में ऐसा कोई साक्ष्‍य दाखिल नहीं किया गया है जिससे यह स्‍पष्‍ट होता हो कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अपने कोरियर में क्‍या सामान भेजा गया था और उस सामान की क्‍या प्रकृति थी और सामान के मुल्‍यांकन का भी कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया गया। केवल अनुमान एवं  शपथ पत्र के आधार पर प्रश्‍नगत आदेश पारित कर दिया गया है और प्रत्‍यर्थी/परिवादी को पार्सल का मूल्‍य रू0 ४४३२२/- तथा वाद व्‍यय रू0 २०००/- अनुमन्‍य करके विद्वान जिला मंच द्वारा त्रुटि की गयी है। बिना साक्ष्‍य के आधार पर परिवाद को स्‍वीकार किए जाने का कोई औचित्‍य नहीं है। अपीलकर्ता की अपील में बल है और प्रश्‍नगत आदेश निरस्‍त किए जाने योग्‍य है। तदनुसार अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।   

आदेश

     अपील स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत आदेश निरस्‍त किया जाता है। 

उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

उभयपक्ष को इस आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार निर्गत की जाए।

 

 

 (राज कमल गुप्‍ता)                       (महेश चन्‍द)

  पीठासीन सदस्‍य                                सदस्‍य

सत्‍येन्‍द्र, कोर्ट-5

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
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