Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/883

M/s Rajkot Spares - Complainant(s)

Versus

Manoj Kumar - Opp.Party(s)

Dr. Uday Veer Singh

03 May 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/883
( Date of Filing : 21 May 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Rajkot Spares
Pilibhit
...........Appellant(s)
Versus
1. Manoj Kumar
Pilibhit
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 03 May 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील सं0-883/2010

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, पीलीभीत द्वारा परिवाद सं0-57/2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25-03-2010 के विरूद्ध)

 

मै0 राजकोट स्‍पेयर्स

बनाम

मनोज कुमार

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री कौशलेन्‍द्र शर्मा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित  : श्री सतीष चन्‍द्र श्रीवास्‍तव विद्वान अधिवक्‍ता।  

 

दिनांक :- 03-05-2024.

 

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्‍तर्गत, जिला उपभोक्‍ता आयोग, पीलीभीत द्वारा परिवाद सं0-57/2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25-03-2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील के सम्‍बन्‍ध में हमारे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा पत्रावली का सम्‍यक् रूप से परिशीलन किया गया।

विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेश दिया है कि वह धोखा देकर विक्रय की गई 21 इंची मशीन को परिवादी से  वापस लेकर अंकन 70,000/- रू0 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ अदा करे। साथ ही परिवादी द्वारा मशीन विपक्षी को सौंपे जाने हेतु आदेशित किया गया।

परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा दिनांक 19-01-2006 को राईस प्‍लाण्‍ट की स्‍थापना के लिए चावल बनाने की 24 इंची की मशीन अंकन 70,000/- रू0 अदा करके क्रय की थी। कैश मीमो में भी 24 इंच की मशीन अंकित की गई

 

-2-

थी, परन्‍तु जब मशीन लगवाई गई तब ज्ञात हुआ कि 24 इंच के स्‍थान पर 21 इंच की मशीन विक्रय की गई है।

विपक्षी ने मशीन विक्रय करने के कथन को स्‍वीकार किया है, परन्‍तु परिवादी को किसी प्रकार की क्षति होने के कथन से इन्‍कार किया है।

दोनों पक्षों के साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त विद्वान जिला आयोग ने उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया।

यद्यपि 24 इंच की मशीन विक्रय करने का करार हुआ था, परन्‍तु उसके स्‍थान पर 21 इंच की मशीन विक्रय की गई।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि प्रस्‍तुत विवाद उपभोक्‍ता विवाद नहीं है। परिवादी व्‍यापारी है। व्‍यापारिक उद्देश्‍य के लिए मशीन क्रय की गई। जिस मशीन का विक्रय किया गया है, उसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है। मशीन 24 इंची की ही विक्रय की गई है, जिसमें Ambry Stone भी शामिल है।

हमारे द्वारा दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

परिवाद पत्र में यह उल्‍लेख है कि धान मशीन क्रय करके विपक्षी से सम्‍पर्क किया गया। यह मशीन चावल पालिश करने की मशीन है। 24 इंची के स्‍थान पर 21 इंची की मशीन विक्रय की गई है। इस मशीन को बदलने के लिए परिवादी ट्रैक्‍टर में लाद कर ले गया, परन्‍तु विपक्षी द्वारा टाल दिया गया। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में कथन किया है कि वह खेती करता है। खेत में उत्‍पन्‍न फसल से धान निकालने के लिए मशीन क्रय की गई थी। अत: यह मशीन व्‍यापारिक उद्देश्‍य के लिए नहीं थी, बल्कि व्‍यक्तिगत कार्य के लिए ली गई थी। अत: व्‍यक्तिगत कार्य के लिए क्रय की गई मशीन का क्रेता उपभोक्‍ता की श्रेणी में आता है।

विद्वान जिला आयोग ने साक्षीयों के साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरान्‍त यह निष्‍कर्ष दिया है कि मशीन यथार्थ में 21 इंच की है, जबकि विक्रय पत्रमें 24 इंच की मशीन विक्रय करना दर्शाया गया है। मनोज कुमार के लिए उसके मिस्‍त्री भानुप्रताप का शपथ पत्र भी विचार में लिया गया। मिस्‍त्री भानुप्रताप ने भी 24 इंची के स्‍थान

-3-

पर 21 इंची की मशीन विक्रय करने का कथन किया है। इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश में किसी प्रकार का हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।

तदनुसार वर्तमान अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।  

आदेश

वर्तमान अपील निरस्‍त की जाती है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

अपीलार्थी द्वारा यदि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत कोई धनराशि जमा की गई हो तो वह सम्‍पूर्ण धनराशि मय अर्जित ब्‍याज के सम्‍बन्धित जिला आयोग को विधि अनुसार शीघ्रातिशीघ्र प्रेषित कर दी जाए ताकि विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश के सन्‍दर्भ में उक्‍त धनराशि का विधि अनुसार निस्‍तारण किया जा सके।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (सुधा उपाध्‍याय)                   (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                             सदस्‍य                    

 

दिनांक :- 03-05-2024.

                    

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.        

 

  

             

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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