Uttar Pradesh

StateCommission

A/415/2017

Dakshinachal Vidyut Vitran Nigam Ltd - Complainant(s)

Versus

Manoj Kumar - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

29 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/415/2017
( Date of Filing : 02 Mar 2017 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. C/220/2016 of District Auraiya)
 
1. Dakshinachal Vidyut Vitran Nigam Ltd
Etawah
...........Appellant(s)
Versus
1. Manoj Kumar
Auraiya
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Nov 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :-415/2017

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, औरैया द्वारा परिवाद सं0-220/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 06/10/2016 के विरूद्ध)

  1. Dakchhinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd. Through Adhishashi Abhiyanta, Vidyut Vitaran Khand, Auraiya/Etawah.
  2. Adhishashi Abhiyanta, Vidyut Vitran Khand, Dibiapur, District Auraiya.

 

  1.                                                                                   Appellants

Versus

 

Manoj Kumar, Son of Sri Rajeshwar Dayal M/S Dayal Atta Chakki Evam Oil Udyog, Gram & Post Rathgaon, District Auraiya

  •                                                                                      Respondent  

समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री दीपक मेहरोत्रा के सहयोगी

                                   अधिवक्‍ता श्री मनोज कुमार

 

प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-कोई नहीं।

दिनांक:-29.11.2022

 

 

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय     

  1.           जिला उपभोक्‍ता आयोग, औरैया द्वारा परिवाद सं0 220/2016 मनोज कुमार बनाम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 06.10.2016 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विरूद्ध विद्युत वसूली की धनराशि अंकन 5,19,875/- को रद्द करते हुए मीटर रीडिंग के आधार पर तथा शासन द्वारा निर्धारित न्‍यूनतम दर पर विद्युत शुल्‍क वसूलने के लिए पुन: विद्युत बिल जारी करने के लिए आदेशित किया गया है।
  2.           इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गयी है कि स्‍वयं प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने कभी भी आटा चक्‍की चलाने के लिए लिये गये विद्युत कनेक्‍शन का विद्युत शुल्‍क जमा नहीं किया और चूंकि मीटर   कार्य नहीं कर रहा था इसलिए औसत के आधार पर विद्युत बिल जारी किया गया है, अनुमान के आधार पर बिल जारी नहीं किया गया तथा नया विद्युत मीटर लगाने के पश्‍चात मीटर रीडिंग के अनुसार विद्युत बिल जारी किया गया है।
  3.           अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा के सहयोगी अधिवक्‍ता श्री मनोज कुमार को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्‍यर्थी पर 12.12.2018 को तामीला पर्याप्‍त माना जा चुका है,परंतु कोई उपस्थित नहीं है, इसलिए उन्‍हें नहीं सुना जा सका।
  4.           अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि सम्‍पूर्ण परिवाद पत्र में प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा विद्युत शुल्‍क जमा करने का कोई उल्‍लेख नहीं किया। जिला उपभोक्‍ता मंच ने भी अपने निर्णय में विद्युत शुलक जमा करने का कोई उल्‍लेख नहीं किया। चूंकि मीटर सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहा था, इसलिए औसत के आधार पर आई.डी.एफ. बिल जारी करना विधिसम्‍मत था। जिला उपभोक्‍ता मंच ने इस रूप में बिल जारी करने को अनुमान के आधार पर बिल जारी करना बताकर वैधानिक त्रुटि कारित की है। इस पीठ के मद में जब स्‍वयं प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा स्‍वीकार किया गया है कि मीटर सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहा था इसलिए आई.डी.एफ. यानि कि औसत के आधार पर विद्युत शुल्‍क वसूलने के लिए बिल जारी किये गये तथा मीटर स्‍थापित करने के पश्‍चात मीटर रीडिंग के अनुसार बिल जारी किये गये हैं। अत: सही मीटर स्‍थापित होने से पूर्व न्‍यूनतम दर के स्‍थान पर औसत के आधार पर बिल वसूल करने के लिए आदेश देना विधिसम्‍मत है तदनुसार जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश परिवर्तित होने योग्‍य है। अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।  
  5.  

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि आई.डी.एफ. की अवधि में न्‍यूनतम दर पर विद्युत शुल्‍क वसूल करने के बजाय उपभोग की गयी विद्युत की औसत दर के अनुसार विद्युत शुल्‍क वसूला जाये तथा नया मीटर लगाने के पश्‍चात मीटर रीडिंग के अनुसार विद्युत शुल्‍क वसूला जाये। निर्णय पारित होने के एक माह के अंदर नये बिल अपीलार्थी द्वारा इस आदेश के अनुसार जारी किया जाये। मानसिक कष्‍ट व खर्चा मुकदमा हेतु 1000/- रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिये जाने के संबंध में आदेश यथावत रहेगा।

उभय पक्ष अपीलीय वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(विकास सक्‍सेना)(सुशील कुमार)

  •  

 

     संदीप आशु0कोर्ट नं0 2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.