राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 195/2015
U.P. Power Corporation by Adhishasi Abhiyanta Vidyut Vitran Khand Aliganj Banda and 05 Others.
………Appellants
Versus
Manoj Kumar Singh Son of Late Rostam Singh Resident of Village Jauharpur (Bharat Singh Ka Dera) Pargana and District Banda.
……..Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 23.11.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 194/2010 मनोज कुमार सिंह बनाम उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन व 05 अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, बॉंदा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 27.05.2013 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थीगण/विपक्षीगण को आदेशित किया है कि प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्युत कनेक्शन सं0- 270/3025/422 पर दि0 08.04.2009 से वास्तविक फेस वायर जोड़ने अथवा पुन: विद्युत संयोजन करने तक का विद्युत उपभोग का भार प्राप्त न करें, अपितु केवल 240/-रू0 प्रतिमाह की दर से बगैर सरचार्ज के पैसा वसूल करें।
3. हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि सरचार्ज वसूल न करने का आदेश विधिसम्मत नहीं है। यदि कोई व्यक्ति विद्युत शुल्क का समय पर भुगतान नहीं करता तब दण्ड ब्याज जोड़ना आवश्यक है। यह पीठ भी अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्क से सहमत है कि समय पर विद्युत बिल का भुगतान न करने पर सरचार्ज की वसूली नियमों के अंतर्गत की जाती है। अत: सरचार्ज के सम्बन्ध में दिया गया आदेश अपास्त होने योग्य है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
5. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी पर जो भी विद्युत शुल्क बकाया है जिसकी वसूली 240/-रू0 प्रतिमाह की दर से होनी है यह वसूली सरचार्ज के साथ होगी न कि सरचार्ज के बिना शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थीगण द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0, कोर्ट नं0- 2