Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/1145

Sony India Ltd - Complainant(s)

Versus

Manoharan - Opp.Party(s)

Sanjeev Singh

05 Mar 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/1145
( Date of Filing : 30 May 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sony India Ltd
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Manoharan
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 05 Mar 2020
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।                                                                               

                                                                  सुरक्षित

अपील सं0-११४५/२००७

 

(जिला मंच, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद सं0-१०१/२००६ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०३-२००७ के विरूद्ध)

 

मै0 सोनी इण्डिया (प्रा.) लिमिटेड, रजिस्‍टर्ड कार्यालय, ए-३१, मोहन कोऑपरेटिव इण्‍डस्ट्रियल ऐस्‍टेट, मथुरा रोड, नई दिल्‍ली-११० ०४४. 

............ अपीलार्थी/विपक्षी सं0-३.

बनाम

१. सी0 मनोहरन पुत्र श्री एम0आर0 चिन्‍नैया निवासी ३०८ बी, सैक्‍टर १५ ए, नोएडा।

         ............. प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

२. मै0 सिटी पेलेस इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स प्रा0लि0, जे0-५४, सैक्‍टर-१८, नोएडा।

३. एन0आर0आई0 इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स, डी0आर0 व्‍हाइट हाउस, निकट विनायक हास्पिटल, सैक्‍टर-२७, नोएडा।

                                              .............प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण।

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित      : श्रीमती सुचिता सिंह विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-१ की ओर से उपस्थित  : श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-२ व ३ की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

 

दिनांक :- २०-०३-२०२०.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठसीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

      यह अपील, जिला मंच, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद सं0-१०१/२००६ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०३-२००७ के विरूद्ध योजित की गयी है।

      संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी ने सोनी मेक का एक म्‍यूजिक सिस्‍टम एक्‍सचेन्‍ज आफर में पुराना म्‍यूजिक सिस्‍टम देकर १७,०००/- रू० में दिनांक १३-०६-२००४ को अपीलार्थी के डीलर प्रत्‍यर्थी सं0-२ से क्रय किया। इस म्‍यूजिक सिस्‍टम में एक वर्ष की वारण्‍टी क्रय की तिथि से अर्थात् दिनांक  १३-०६-२००४ से प्रदान की गई थी। इस म्‍यूजिक सिस्‍टम में वारण्‍टी अवधि के मध्‍य कुछ

 

 

 

-२-

त्रुटि उत्‍पन्‍न हो गई। यह म्‍यूजिक सिस्‍टम अपीलार्थी के सर्विस सेण्‍टर प्रत्‍यर्थी सं0-३ को त्रुटि निवारण हेतु दिया गया किन्‍तु म्‍यूजिक सिस्‍टम परिवादी को बिना त्रुटि दूर किए वापस किया गया जिसका उल्‍लेख परिवादी ने जॉबशीट दिनांकित २०-०५-२००५ में किया। दिनांक २०-०५-२००५ के बाद से म्‍यूजिक सिस्‍टम परिवादी द्वारा कई बार शिकायत करने के बाबजूद कार्य नहीं कर रहा था। अन्‍तत: परिवादी ने दिनांक २३-०४-२००६ को बाध्‍य होकर म्‍यूजिक सिस्‍टम प्रत्‍यर्थी सं0-३ सर्विस सेण्‍टर में छोड़ दिया। तदोपरान्‍त परिवादी प्रत्‍यर्थी सं0-३ के पास अपने म्‍यूजिक सिस्‍टम की त्रुटियॉं ठीक किए जाने के सन्‍दर्भ में जांच करने हेतु गया किन्‍तु उसके म्‍यूजिक सिस्‍टम की मरम्‍मत नहीं की गई। अन्‍तत: प्रत्‍यर्थी सं0-३ द्वारा यह कहा गया कि म्‍यूजिक सिस्‍टम की मरम्‍मत पार्ट्स उपलब्‍ध न होने के कारण नहीं हो सकती। इस प्रकार अपीलार्थी तथा प्रत्‍यर्थी सं0-२ व ३ द्वारा अनुचित व्‍यापार प्रथा कारित किया जाना तथा सेवा में त्रुटि कारित किया जाना अभिकथित करते हुए परिवाद म्‍यूजिक सिस्‍टम का क्रय मूल्‍य वापस किए जाने तथा क्षतिपूर्ति की आदायगी हेतु योजित किया गया।

      अपीलार्थी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। अपीलार्थी ने प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम दिनांक १३-०६-२००४ को परिवादी द्वारा क्रय किया जाना स्‍वीकार किया किन्‍तु अपीलार्थी के कथनानुसार प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम परिवादी की सन्‍तुष्टि में उसके आवास पर स्‍थापित किया गया। दिनांक २५-१२-२००४ तक इस म्‍यूजिक सिस्‍टम के सम्‍बन्‍ध में कोई शिकायत परिवादी द्वारा नहीं की गई। सर्वप्रथम दिनांक २५-१२-२००४ को प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम में टेप की शिकायत अपीलार्थी के समक्ष की गई। अपीलार्थी सर्विस सेण्‍टर के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा निरीक्षण के उपरान्‍त त्रुटि का निवारण किया गया। प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम के सन्‍दर्भ में दूसरी शिकायत दिनांक २०-०५-२००५ को सी0डी0 में त्रुटि के सन्‍दर्भ में प्रस्‍तुत की गई। अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा परिवादी की शिकायत का निराकरण किया गया तथा परिवादी को म्‍यूजिक सिस्‍टम दिनांक २८-०५-२००५ को पूर्णत: सही स्थिति में प्रदान किया गया। परिवादी, प्रत्‍यर्थी सं0-३ के समक्ष दिनांक २२-०४-२००६ को प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम में

 

 

-३-

सी0डी0 की त्रुटि होने की शिकायत के साथ गया। अपीलार्थी के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा शिकायत पर ध्‍यान दिया गया तथा परिवादी को सूचित किया गया कि क्रय किए गये म्‍यूजिक सिस्‍टम के सम्‍बन्‍ध में वारण्‍टी अवधि समाप्‍त हो चुकी है तथा परिवादी से मरम्‍मत की धनराशि की मांग की गई, जिस पर परिवादी सहमत था तथा उसने जॉबशीट दिनांकित २२-०४-२००६ पर हस्‍ताक्षर भी किया। प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम मरम्‍मत के उपरान्‍त ठीक कर दिया गया किन्‍तु परिवादी अपने म्‍यूजिक सिस्‍टम को प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित नहीं हुआ। परिवादी का म्‍यूजिक सिस्‍टम पूर्णत: सही स्थिति में अपीलार्थी के पास मौजूद है।

      जिला मंच ने प्रश्‍नगत निर्णय में प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम में निर्माण सम्‍बन्‍धी त्रुटि होना मानते हेतु तथा तद्नुसार अपीलार्थी द्वारा सेवा में त्रुटि कारित किया जाना मानते हुए परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया तथा अपीलार्थी को आदेशित किया कि अपीलार्थी आदेश की प्राप्ति के एक माह के अन्‍दर फोरम को सूचित करते परिवादी को विवादित म्‍यूजिक सिस्‍टम के मूल्‍य के समतुल्‍य मूल्‍य का दूसरा नया म्‍यूजिक सिस्‍टम प्रदान करे। सेवा में कमी के कारण परिवादी को पहुँची मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति के रूप में २,०००/- रू० उक्‍त अवधि के अन्‍तर्गत्‍ अपीलार्थी द्वारा परिवादी को भुगतान करने हेतु आदेशित किया तथा यह भी आदेशित किया कि उक्‍त आदेश का अनुपालन न होने की स्थिति में परिवादी, अपीलार्थी से १९,०००/- रू० ०९ प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित आदेश की तिथि अन्तिम भुगतान होने तक प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा।  

      इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गई।

हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्रीमती सुचिता सिंह तथा प्रत्‍यर्थी सं0-१/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्‍यर्थी सं0-२ व ३ की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि जिला मंच ने प्रश्‍नगत निर्णय तकनीकी आधार पर अपीलार्थी के पक्ष की अनदेखी करते हुए पारित किया है। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा कोई साक्ष्‍य जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत नहीं की गई। जिला मंच

 

-४-

ने मात्र अनुमान के आधार पर प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम में निर्माण सम्‍बन्‍धी त्रुटि मानी है। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि वारण्‍टी की शर्तों के अन्‍तर्गत प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम के किसी पार्ट के त्रुटिपूर्ण होने की स्थिति में अपीलार्थी मात्र उस पार्ट की मरम्‍मत अथवा उस पार्ट को बदले जाने के लिए ही उत्‍तरदायी माना जा सकता है। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम दिनांक १३-०६-२००४ को क्रय किया गया। क्रय की तिथि से एक वर्ष की वारण्‍टी इस म्‍यूजिक सिस्‍टम पर प्रदान की गई थी। इस म्‍यूजिक सिस्‍टम के सम्‍बन्‍ध में सर्वप्रथम शिकायत २५-१२-२००४ को की गई जिसका निराकरण अपीलार्थी के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा किया गया तथा म्‍यूजिक सिस्‍टम पूर्ण ठीक किया गया। दूसरी शिकायत दिनांक २०-०५-२००५ को की गई जिसका निराकरण भी अपीलार्थी के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा किया गया। तदोपरान्‍त यह म्‍यूजिक सिस्‍टम लगभग ०१ वर्ष बाद दिनांक २२-०४-२००६ को सी0डी0 कार्य न करने की शिकायत के साथ प्रस्‍तुत किया गया। परिवादी को सूचित किया गया कि क्‍योंकि वारण्‍टी की अवधि समाप्‍त हो चुकी है, अत: मरम्‍मत के खर्चे का भुगतान परिवादी को करना पड़ेगा, जिस पर परिवादी सहमत हो गया और उसने जॉबशीट पर उसी दिन अपने हस्‍ताक्षर भी किए। अपीलार्थी के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा म्‍यूजिक सिस्‍टम ठीक कर दिया गया। इसकी सूचना भी परिवादी को प्रेषित किया गया किन्‍तु परिवादी म्‍यूजिक सिस्‍टम प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित नहीं हुआ और उसने असत्‍य कथनों के आधार पर परिवाद जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि अपीलार्थी प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम जो पूर्णत: सही हो चुका था, उसे जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत करने को तैयार था किन्‍तु जिला मंच ने प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम जिला मंच में प्रस्‍तुत नहीं कराया, बल्कि त्रुटिपूर्ण निर्णय पारित किया। अपीलार्थी की ओर से यह भी सूचित किया गया कि अपीलार्थी प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम जो पूर्णत: ठीक है, उसे परिवादी को प्राप्‍त कराने के लिए तैयार है तथा अपीलार्थी म्‍यूजिक सिस्‍टम की मरम्‍मत में हुआ व्‍यय भी छोड़ने के लिए तैयार है।

 

 

-५-

प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रश्‍नगत निर्णय को उचित बताते हुए अपील निरस्‍त किए जाने की प्रार्थना की।

प्रस्‍तुत प्रकरण में यह तथ्‍य निर्विवाद है कि प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम दिनांक १३-०६-२००४ को क्रय किया गया तथा इस म्‍यूजिक सिस्‍टम के सन्‍दर्भ में क्रय की तिथि से एक वर्ष की वारण्‍टी प्रदान की गई थी। यह तथ्‍य भी निर्विवाद है कि इस म्‍यूजिक सिस्‍टम में सी0डी0 कार्यशील न होने की शिकायत दिनांक २०-०५-२००५ को अपीलार्थी के सर्विस सेण्‍टर प्रत्‍यर्थी सं0-२ में वारण्‍टी अवधि के मध्‍य प्रस्‍तुत की गई। अपीलार्थी के कथनानुसार प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम की त्रुटि दूर की गई जबकि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार त्रुटियॉं दूर नहीं की गईं। इस आशय का पृष्‍ठांकन परिवादी ने जॉबशीट में भी अंकित किया। जॉबशीट दिनांकित २०-०५-२००५ की फोटोप्रति अपील मेमो के साथ पृष्‍ठ सं0-३६ के रूप में दाखिल की गई है जिसके अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने म्‍यूजिक सिस्‍टम में सम्‍पूर्ण त्रुटियॉं दूर न होने का पृष्‍ठांकन करते हुए म्‍यूजिक सिस्‍टम प्राप्‍त किया था। ऐसी परिस्थिति में अपीलार्थी का यह कथन स्‍वीकार किए जाने योग्‍य नहीं है कि दिनांक २०-०५-२००५ को प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम परिवादी को त्रुटि निवारण के पश्‍चात् प्राप्‍त कराया गया। पुन: निर्विवाद रूप से यह म्‍यूजिक सिस्‍टम दिनांक २२-०४-२००६ को सी0डी0 की भी शिकायत के साथ प्रस्‍तुत किया। स्‍वयं अपीलार्थी यह स्‍वीकार करता है कि दिनांक २२-०४-२००६ को यह म्‍यूजिक सिस्‍टम मरम्‍मत हेतु उसके अधिकृत सर्विस सेण्‍टर पर लाया गया तथा परिवादी से मरम्‍मत के लिए धनराशि की मांग की गई जिसके लिए परिवादी सहमत था और उसने तद्नुसार जॉबशीट पर अपने हस्‍ताक्षर भी किए थे। अपीलार्थी के कथनानुसार प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम पूर्णत: ठीक कर दिया गया किन्‍तु परिवादी उसे प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित नहीं हुआ।

जहॉं प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम में सी0डी0 सम्‍बन्‍धी त्रुटि का प्रश्‍न है, यह त्रुटि वारण्‍टी अवधि के मध्‍य ही निर्विवाद रूप से उत्‍पन्‍न हो चुकी थी तथा इस त्रुटि का निवारण किया जाना साबित नहीं है। ऐसी परिस्थिति में अपीलार्थी के सर्विस सेण्‍टर से

 

 

-६-

यह अपेक्षित था कि इस त्रुटि के निवारण हेतु प्रत्‍यर्थी/परिवादी से कोई धनराशि की मांग नहीं जाती किन्‍तु इस त्रुटि निवारण हेतु धनराशि की मांग करके सेवा में त्रुटि की गई है।

उल्‍लेखनीय है कि अपीलार्थी के कथनानुसार प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम पूर्णत: ठीक हो चुका था किन्‍तु परिवादी उसे प्राप्‍त करने नहीं आया जबकि परिवादी के कथनानुसार म्‍यूजिक सिस्‍टम ठीक नहीं हुआ तथा अपीलार्थी के सर्विस सेण्‍टर द्वारा परिवादी को सूचित किया गया कि पार्ट उपलब्‍ध न होने के कारण म्‍यूजिक सिस्‍टम ठीक नहीं किया जा सकता। ऐसी परिस्थिति में जिला मंच के लिए यह उपयुक्‍त था कि म्‍यूजिक सिस्‍टम मंच के समक्ष मंगाकर उसके त्रुटिविहीन पाये जाने अथवा न पाये जाने की स्थिति में तद्नुसार उपयुक्‍त आदेश पारित किया जाता। अत: यह उपयुक्‍त होगा कि प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम जिला मंच के समक्ष मंगाकर उसके पूर्णत: त्रुटिविहीन होने की स्थिति में उसे प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्राप्‍त कराया जाय किन्‍तु म्‍यूजिक सिस्‍टम त्रुटिविहीन न पाये जाने की स्थिति में यह माना जायेगा कि त्रुटि निवारण सम्‍भव नहीं है, इस परिस्थिति में म्‍यूजिक सिस्‍टम का मूल्‍य परिवादी को प्राप्‍त कराया जाना उपयुक्‍त होगा। अपील तद्नुसार आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।       

आदेश

      अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद सं0-१०१/२००६ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १२-०३-२००७ अपास्‍त करते हुए परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। अपीलार्थी को निर्देशित किया जाता है कि इस निर्णय की प्रमाणित प्रति प्राप्‍त किए जाने की तिथि से ३० दिन के अन्‍दर प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम को जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत करे। जिला मंच द्वारा प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम के त्रुटिविहीन होने से सन्‍तुष्‍ट होने के उपरान्‍त यह म्‍यूजिक सिस्‍टम परिवादी को प्राप्‍त कराया जाय। उक्‍त अवधि में म्‍यूजिक सिस्‍टम जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत न किए जाने की स्थिति में अथवा प्रस्‍तुत किए जाने पर त्रुटिविहीन न पाए जाने की स्थिति में अपीलार्थी को निर्देशित किया जाता है कि अपीलार्थी, प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रश्‍नगत म्‍यूजिक सिस्‍टम का मूल्‍य १७,०००/- रू० मय ब्‍याज वापस भुगतान करे।

 

 

-७-

इस धनराशि पर परिवाद योजित किए जाने की तिथि से सम्‍पूर्ण धनराशि की अदायगी तक प्रत्‍यर्थी/परिवादी ०६ प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्‍याज प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्‍त अपीलार्थी को यह भी निर्देशित किया जाता है कि उक्‍त अवधि के मध्‍य प्रत्‍यर्थी/परिवादी को २,०००/- रू० वाद व्‍यय के रूप में भी भुगतान करे।  

      उभय पक्ष इस अपील का अपना-अपना व्‍यय-भार स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस आदेश की सत्‍य प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

     

 

 

                                               (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                 पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                                 (गोवर्द्धन यादव)

                                                     सदस्‍य

 

 

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट-२.

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 

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