Uttar Pradesh

StateCommission

A/1418/2016

Satpal Singh Director Paritosh Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Manohar Singh - Opp.Party(s)

Jitendra Kumar

02 Sep 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1418/2016
(Arisen out of Order Dated 23/04/2016 in Case No. C/218/2015 of District Agra-II)
 
1. Satpal Singh Director Paritosh Cold Storage
S/O Krishna Pal Singh (Director) Pparitosh Cold Storage Pvt Ltd Truckpura Palawali (Biseri ) Fatehabad Road Agra
...........Appellant(s)
Versus
1. Manohar Singh
Vill. Gadhi Ramphal Post Baroli Gurjar Tehsil Sadar Distt, Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Bal Kumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 02 Sep 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-1418/2016

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या 218/2015 में पारित आदेश दिनांक 23.04.2016 के विरूद्ध)

Satyapal Singh

S/o Krishna Pal Singh (Director)

Paritosh Cold Storage Pvt. Ltd.

Truckpura, Palawali (Biseri)

Fatehabad Road, Agra-282001.

                                     ....................अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

Manohar Singh S/o Sri Bhagwan Singh

R/o Village-Gadhi Ramphal, Post-Baroli Gurjar,

Tehsil-Sadar, District-Agra.         ................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री जितेन्‍द्र कुमार,                                          

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित  : श्री नवीन तिवारी,                                                   

                           विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 28-09-2016

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या- 218/2015 मनोहर सिंह बनाम परितोष कोल्‍ड स्‍टोरेज प्रा0लि0 में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 23.04.2016 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षी परितोष कोल्‍ड स्‍टोरेज प्रा0लि0 की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

 

 

-2-

आक्षेपित निर्णय और  आदेश  के  द्वारा  जिला  फोरम  ने परिवादी का परिवाद एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि वह आलू की कीमत 1483300/-रू0 परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक अदायगी की तिथि तक    06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज सहित परिवादी को एक माह के अन्‍दर अदा करे। जिला फोरम ने अपने आक्षेपित निर्णय और आदेश में यह भी आदेशित किया है कि विपक्षी, परिवादी को मानसिक कष्‍ट वेदना एवं वाद व्‍यय हेतु 5000/-रू0 एक माह के अन्‍दर अदा करे।

अपीलार्थी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री जितेन्‍द्र कुमार और प्रत्‍यर्थी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री नवीन तिवारी उपस्थित आए।

हमने उभय पक्ष के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश एकपक्षीय रूप से परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत गलत पी0ओ0डी0 के आधार पर पारित किया है। अपीलार्थी को परिवाद का कोई नोटिस प्राप्‍त नहीं हुआ है। अपीलार्थी       के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा     पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि           के विपरीत है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी आलू वापस प्राप्‍त कर चुका      है।

 

 

-3-

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि नोटिस      के तामीला के बाद भी अपीलार्थी/विपक्षी  जिला  फोरम  के  समक्ष उपस्थित नहीं हुआ और न ही लिखित कथन प्रस्‍तुत किया। अत: जिला फोरम द्वारा एकपक्षीय रूप से परिवाद को निर्णीत किया जाना अनुचित और अवैधानिक नहीं है। प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित एकपक्षीय निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है।

हमने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

आक्षेपित निर्णय और आदेश में जिला फोरम ने उल्‍लेख किया है कि अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से प्रत्‍यर्थी/परिवादी की नोटिस का जवाब भेजा गया, जो परिवादी द्वारा दाखिल किया गया है। इस जवाब में उसने परिवादी द्वारा उक्‍त आलू विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में भण्‍डारण किया जाना स्‍वीकार किया है। इस प्रकार एकपक्षीय रूप से यह साबित हो जाता है कि परिवादी द्वारा 1141 आलू के बोरे विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखे गए, जो परिवादी द्वारा वापस मांगने पर न तो आलू वापस किए गए और न ही उसकी कीमत अदा की गयी।

अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी की नोटिस का भेजा गया जवाब अपील मेमो का संलग्‍नक-7 है, जिसकी धारा-3 में अपीलार्थी की ओर से यह कहा गया है कि यह कहना गलत है कि अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी के आलू के बोरों की बिक्री की है। वास्‍तविकता यह है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपने सभी आलू  के

 

 

-4-

बोरे, जो उसने कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखे थे, को वापस प्राप्‍त किया है। इस जवाब नोटिस के शिड्यूल में उसने प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा आलू प्राप्‍त करने का विवरण दिया है।

     निर्विवाद रूप से परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से अपीलार्थी/विपक्षी की अनुपस्थिति में की गयी है। अपीलार्थी/विपक्षी पर नोटिस के तामीला का Acknowledgement प्राप्‍त नहीं हुआ है। परिवाद की पत्रावली में अपीलार्थी/विपक्षी को नोटिस जिला फोरम द्वारा जारी किए जाने का कोई उल्‍लेख नहीं है। परिवाद के आदेश पत्र दिनांक 17.10.2015 में उल्‍लेख है कि पी0ओ0डी0 दाखिल की गयी, जिसके आधार पर तामीला पर्याप्‍त है। पुन: आदेश पत्र   दिनांक 02.12.2015 में नोटिस अदम तामील वापस न आने के कारण तामीला पर्याप्‍त माना गया है और एकपक्षीय कार्यवाही की गयी है। उल्‍लेखनीय है कि परिवाद में अपीलार्थी का नाम व पता इस प्रकार अंकित है। ''परितोष कोल्‍ड स्‍टोरेज प्राइवेट लिमिटेड, ट्रकपुरा, पाबावली (बिसेरी), फतेहाबाद रोड, आगरा-282001, पी0एस0 ताज गंज।'' पी0ओ0डी0 के अनुसार नोटिस की डिलीवरी आगरा फोर्ट HO को हुई है। फतेहाबाद से डिलीवरी नहीं हुई है। अत: स्‍पष्‍ट है कि डिलीवरी अपीलार्थी के दिए गए पते पर नहीं है। अपीलार्थी ने नोटिस पाने से स्‍पष्‍ट इन्‍कार किया है। अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों पर विचार करते हुए हम इस मत के हैं कि अपीलार्थी पर नोटिस का तामीला सन्दिग्‍ध है और विवाद वस्‍तु का मूल्‍य      16 लाख रूपए परिवाद के अनुसार है। इतने मूल्‍यांकन के वाद का

 

 

-5-

निर्णय उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर देकर ही किया जाना उचित है।

     उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए हम इस मत के हैं कि जिला फोरम द्वारा पारित एकपक्षीय निर्णय और

आदेश अपास्‍त कर यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित किया जाए कि वह अपीलार्थी/विपक्षी को लिखित  कथन

प्रस्‍तुत करने का अवसर देकर उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करे और परिवाद का निर्णय पुन: हाजिरी की तिथि से तीन माह के अन्‍दर करे।

     हमारी राय में अपील उपरोक्‍त प्रकार से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।   

आदेश

वर्तमान अपील स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश अपास्‍त करते हुए यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित किया जाता है कि जिला फोरम अपीलार्थी/विपक्षी को हाजिरी की तिथि से 15 दिन के अन्‍दर लिखित कथन प्रस्‍तुत करने हेतु समय देगा और उसके बाद उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर देकर परिवाद का अंतिम निस्‍तारण विधि के अनुसार तीन माह के अन्‍दर अवश्‍य करेगा।

उभय पक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 28.10.2016 को उपस्थित होंगे। तदोपरान्‍त जिला फोरम अपीलार्थी/विपक्षी को अपना

 

-6-

लिखित कथन हाजिरी की तिथि से 15 दिन के अन्‍दर प्रस्‍तुत करने हेतु समय देगा और उसके बाद लिखित कथन प्रस्‍तुत करने हेतु और कोई समय नहीं दिया जाएगा।

 

      (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)          (बाल कुमारी)       

          अध्‍यक्ष                     सदस्‍य          

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Bal Kumari]
MEMBER

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