(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2039/2010
Post Master General, U.P. Circle, Lucknow & others
Versus
Smt. Manju Devi widow of Rati Ram & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: डॉ0 उदयवीर सिंह के कनिष्ठ
अधिवक्ता श्री श्री श्रीकृष्ण पाठक
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :22.07.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-199/2009, श्रीमती मंजू देवी व अन्य बनाम पोस्ट मास्टर जनरल डाक विभाग व अन्य में विद्वान जिला आयोग उन्नाव द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 30.09.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 28,543/-रू0 की राशि 18 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादिनी सं0 1 के पति तथा अन्य परिवादीगण के पिता स्वर्गीय रतीराम द्वारा आर0डी0 खाता सं0 39259 विपक्षीगण के यहां खोला गया था, जिसमें 500/-रू0 प्रतिमाह जमा किया गया था। दिनांक 31.07.2000 तक 15,000/-रू0 जमा हो चुका था, जिस पर ब्याज तथा बोनस देय था। दिनांक 29.09.2000 को खाताधारक की मृत्यु हो गयी। इस राशि के भुगतान का अनुरोध किया गया और मृत्यु प्रमाण पत्र व उत्तराधिकार प्रमाण पत्र तथा अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किये गये, परंतु राशि अदा नहीं की गयी।
4. विपक्षीगण ने रतिराम के नाम से खाता होना, उस खाते में 28,543/-रू0 की राशि जमा होना स्वीकार है। समस्त औपचारितायें पूर्ण कर दावा सत्यापित कराने हेतु दिनांक 16.06.2009 को पी0एम0जी0 भेज दिया गया था, परंतु उन्होंने इस आधार पर भेजा कि विलम्ब का कारण स्पष्ट किया जाए, परंतु परिवादीगण ने विलम्ब का कारण स्पष्ट नहीं किया और उत्तराधिकार प्रमाण पत्र भी नहीं दिया।
5. जिला उपभोक्ता आयोग ने साक्ष्य की व्याख्या करते हुए यह निष्कर्ष दिया है कि उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के संबंध में कोई आपत्ति नहीं लगायी गयी थी। केवल देरी के संबंध में आपत्ति लगायी गयी थी। देरी के संबंध में आपत्ति एक तकनीकी मामला है। देरी डाक विभाग के कर्मचारी द्वारा की गयी है। अत: उनके द्वारा स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए था। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है, सिवाय इसके कि ब्याज दर 18 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत की दर से अदा किया जाना चाहिए। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादीगण को देय राशि अंकन 28,543/-रू0 पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2