Uttar Pradesh

Faizabad

CC/94/2015

Ashfaq - Complainant(s)

Versus

Manish Srivastava - Opp.Party(s)

20 Feb 2016

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/94/2015
 
1. Ashfaq
Ambedkarnagar
...........Complainant(s)
Versus
1. Manish Srivastava
lalbagh faizabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 

उपस्थित -    (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
        (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

            परिवाद सं0-94/2015

            
अषफाफ पुत्र आयु लगभग 41 वर्श ग्राम षहजादपुर, पण्डा टोला, अकबरपुर,अम्बेडकर नगर                                                                                                                               ..........परिवादी
बनाम
1. मनीश श्रीवास्तव पुत्र सुरेष श्रीवास्तव निवासी- न्यू कालोनी लालबाग, जनपद फैजाबाद। 
2.षाखा प्रबन्धक आई0सी0आई0सी0आई0 बैंेेक षाखा नियावां अयोध्या रोड, जनपद फैजाबाद                 ............       विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 20.02.2016            
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या
                    निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व चेक के अनादृत धनराषि प्राप्त करने हेतु दायर किया है। 
 संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि विपक्षी संख्या 1 संस्था षहजादपुर, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में चलाता था जिसकी ब्याजदर अन्य बैंकों से ज्यादा बताया था। इसी लालच में परिवादी के साथ-साथ अन्य सैकड़ों लोग विपक्षी संख्या 1 के उक्त षाखा में खाता ख्ुालवाये थे। परिवादी अपनी मजदूरी से कटौती करके विपक्षी संख्या 1 के उक्त षाखा में रूपये धनराषि 99,000/- कई किस्तों में जमा कर पाया था और इसी बीच विपक्षी संख्या 1 अपनी संस्था भंग कर अपने मूल निवास उपरोक्त पर चला आया। परिवादी के साथ-साथ अन्य खाता धारक जब विपक्षी से बार-बार सम्पर्क किये तो विपक्षी संख्या 1 के द्वारा केवल मूलधन वापस करने का आष्वासन दिया गया। विपक्षी संख्या 1, विपक्षी संख्या 2 के षाखा का चेक संख्या 469698 दिनंाकित 15-12-2014 रूपये धनराषि 99,000/- का चेक परिवादी को दिया गया। विपक्षी संख्या 1 द्वारा प्रदत्त उक्त चेक जब परिवादी अपने बैंेक षाखा सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया षाखा षहजादपुर- अकबरपुर अम्बेडकरनगर के अपने खाता संख्या 3223766367 में भुगतान हेतु दिनांक 26-02-2015 को जमा किया तो विपक्षी संख्या 1 के खाते में धन न होने के कारण अनादृत होकर याची को वापस मिल गया। विपक्षी संख्या 1 को आदेषित किया जाय कि वह जमा धनराषि रूपये 99,000/- मय ब्याज चेक दिनंाक 15-12-2014 से ता अदायगी 15 प्रतिषत साधारण वार्शिक ब्याज के साथ अदा करें। परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ति विपक्षी संख्या 1 से रूपये धनराषि 20,000/- दिलाया जाय। 
    विपक्षीगण को नोटिस भेजी गयी जो उन पर तामील हुई किन्तु विपक्षीगण के उपस्थित न होने पर परिवाद की सुनवाई एक पक्षीय रूप से किये जाने का आदेष दिनंाक 15-10-2015 को किया गया। विपक्षीगण ने निर्णय के पूर्व तक अपना कोई रिेकाल प्रार्थना पत्र फोरम के समक्ष नहीं प्रेशित किया।
    परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एक पक्षीय बहस सुनी गयी। 
    मैं परिवाद में मैाजूद साक्ष्य का अवलोकन किया। परिवादी को विपक्षी संख्या 1 ने चेक नं0 469698 दिनंाक 15-12-2014 रूपये धनराषि 99,000/- का दिया। परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 द्वारा दी गयी चेक को सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया षाखा षहजादपुर,अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में खाता संख्या 3223766367 में दिनंाक 26-02-2015 को जमा किया। इसके अतिरिक्त परिवादी की ओर से चेक की छायाप्रति कागज संख्या 2/6 तथा आई0सी0आई0सी0आई बैंक के कागजात कागज संख्या 2/7 लगायत 2/11 दाखिल किया। दिनंाक 17-03-2015, 11-03-2015, 06-02-2015 को विपक्षी संख्या 1 मनीश श्रीवास्तव के खाते में अपार्याप्त धन पाया गया। जिससे विपक्षी सं 1 द्वारा दी गयी चेक की धनराषि का भुगतान परिवादी को नही मिल सका। विपक्षी संख्या 1 के बैंक खातें में 99,000/- नहीं था तो विपक्षी संख्या 1 द्वारा परिवादी को चेक नही देना चाहिए। इस प्रकार परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व अषतः स्वीकार अषतः खारिज किया जाता है।

आदेष
        परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व अष्ंातः स्वीकार तथा अषंतः खारिज किया जाता है। परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या 2 के विरूद्व खारिज किया जाता है तथा विपक्षी संख्या 1 के विरूद्व स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 को आदेषित किया जाता है कि परिवादी को रूपये 99,000/- निर्णय एवं आदेष की तिथि से 30 दिन के अन्दर अदा कर देवें। यदि विपक्षी संख्या 1 परिवादी को उक्त दिये गये समय में उक्त धनराषि की अदायगी नही करता है, तो परिवादी विपक्षी संख्या 1 से परिवाद योजित करने की तिथि से तारोज वसूली 12 प्रतिषत साधारण ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्त परिवादी विपक्षी संख्या 1 से रूपये 3000/- वाद व्यय तथा रूपये  5000/- मानसिक क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी होगा।  

(विष्णु उपाध्याय)        (माया देवी शाक्य)           (चन्द्र पाल)
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष                                                
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 20.02.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

(विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष                                                

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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