Rajasthan

Pali

CC/126/2014

P.R.GEHLOT - Complainant(s)

Versus

MANGLAM INFO. - Opp.Party(s)

10 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/126/2014
 
1. P.R.GEHLOT
PALI
...........Complainant(s)
Versus
1. MANGLAM INFO.
PALI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SURESH CHAND SHARMA PRESIDENT
 HON'BLE MR. DINESH CHATURVEDI MEMBER
 HON'BLE MRS. JYOTI SHRIWASTAV MEMBER
 
For the Complainant:
Disposed Off
 
For the Opp. Party:
Disposed Off
 
ORDER

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम,पाली(राजस्थान)
परिवाद संख्या सी.सी.126/2014

पी, आर ,गहलोत पुत्र श्री भंवरलाल गहलोत जाति माली निवासी रामदेव रोड, अपोजिट पुलिस चौकी के सामने, पाली तहसील व जिला पाली (राजस्थान)।
                                                                          परिवादी
बनाम
1-प्रोपरार्इटर मंगलम इनफोेसिस, भैरूधाट, पाली  तहसील पाली जिला पाली (राजस्थान)।
2-प्रोपराइटर कृष्णा आर्इ.टी. सोल्युषन, रोटरी भवन के सामने, सोजतरोड, पाली ।
3-पेनासोनिक इणिडया लि. 5, फलोर  ,ए. बी .डब्लू टावर र्इफको चौक,, एम. जी. रोड सेक्टर 25,गुडगाव-122001 हरियाणा।
                                                                             अप्रार्थीगण
                                                                                दिनांंक 10-02-2015                                                                                        
आदेष
ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्

                           यह आदेष अप्रार्थी सं. तीन पेनासोनिक इणिडया लि. की ओर से प्रस्तुत प्रार्थनापत्र बाबत निरस्त करने एकपक्षीय आदेष दिनांक 12-1-2015 को निर्णित करता है । 
2-               संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने अप्रार्थी सं0 एक ता तीन के विरूद्व धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत एक परिवाद मंच के समक्ष दिनांक 16-2-2014 को प्रस्तुत किया । जिस पर अप्रार्थीगण को जरिये नोटिस तलब किया गया । अप्रार्थी सं0 दो व तीन बावजूद तामील नोटिस मंच के समक्ष उपसिथत नहीं होने से दिनांक 12-1-2015 को उसके विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही की गर्इ । पत्रावली अंतिम बहस हेतु दिनांक 13-1-2015 को नियत की गर्इ । 
3-              अप्रार्थी सं. 3 की ओर से उक्त आदेष पारित होने के पष्चात महिपालसिंह अधिवक्ता ने इस आषय का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया कि मुझ अधिवक्ता के पास दोपहर दो बजे जयपुर से श्री विनोदषर्मा,अधिवक्ता का फोन आया, जो अप्रार्थी सं0 3 पेनासोनिक कम्पनी का अधिकृत अधिवक्ता है । उन्होने मुझे अप्रार्थी सं0 3 की ओर से वकालतनामा पेष करने की अण्डरटेकिंग देने हेतु कहा है । जिस पर मैने मंच में उपसिथत होकर पत्रावली में आदेषिका देेखने पर ज्ञात हुआ कि अप्रार्थी सं0 3 के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही अमल में लार्इ जा चुकी है । प्रार्थना में यह भी उल्लेख किया कि अप्रार्थी सं0 3 एक लिमिटेड कम्पनी है । उक्त अनुवान का नोटिस प्राप्त होने पर उक्त नोटिस प्राप्त करने वाले कर्मचारी द्वारा नोटिस कहीं रख देने से समय पर संबंधित अधिकारी एवं अधिवक्ता तक नहीं पहुच पाया, ,इस कारण इस प्रकरण में उपसिथति देने में देरी हुर्इ है । प्राकृतिक न्याय के सिद्वान्त के अनुसार अप्रार्थी सं0 3 को सुनवार्इ का अवसर दिया जाना उचित है । अत: अप्रार्थी सं0 3 के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही का आदेष निरस्त फरमाया जावे। उसे उचित सुनवार्इ का अवसर प्रदान किया जावे। 
4-              परिवादी ने अप्रार्थी सं0 3के द्वारा प्रस्तुत प्रार्थनापत्र का जवाब इस आषय का प्रस्तुत किया है कि अप्रार्थी सं0 3 के विरूद्व एकतरफा आदेष पारित किया जा चुका है और परिवादी की एकपक्षीय बहस सुनी जा चुकी है । अचानक अप्रार्थी सं0 3 ने मनगढन्त एवं कोर्ट को अंधरे में रखने एवं न्याय से परिवादी कोेमहरूम रखने के उदेेष्य से यह प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है । अप्रार्थी सं.0 3 के विरूद्व पारित एकपक्षीय कार्यवाही न्यायोचित एवं विधिसम्मत है उसे अपास्त करने का कोर्इ ठोस आधार नहीं है । अप्रार्थी सं0 3 के द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर दोनो पक्षो की बहस सुनी गर्इ । 
5-                बहस के उपरान्त परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि अप्रार्थी सं0 3 के विरूद्व माननीय मंच ने दिनांक 12-1-2015 को एकपक्षीय आदेष पारित कर दिया है अब उस आदेष को रिकाल करने का माननीय मंच को कोर्इ अधिकार नहीं है । विद्वान अधिवक्ता ने अपने तर्क के समर्थन में ए.आर्इ.आर .2005 मद्रास पेज 181 गुणासुन्दरी बनाम बी.चि़त्रा प्रस्तुत किया । 
6-                 अप्रार्थी सं0 3के अधिवक्ता महिपालसिंह ने तर्क प्रस्तुत किया है कि अप्रार्थी सं03के विरूद्व एकपक्षीय आदेष निरस्त करने से अप्रार्थी सं0 3 को सुनवार्इ का पर्याप्त अवसर मिलेगा जिससे माननीय मंच को विवादित मामले में सुनवार्इ करने में मदद मिलेगी। विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि अप्रार्थी सं0 3 की ओर से एकपक्षीय आदेष होने के दिन ही तुरन्त एकपक्षीय कार्यवाही निरस्त करने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर दिया है इसलिये अप्रार्थी सं0 3 के विरूद्व पारित एकपक्षीय आदेष निरस्त फरमाया जावे।
7-                  हमने उभय पक्षो के तर्को पर मनन किया । यह स्वीकृत तथ्य है कि अप्रार्थी सं0 दो व तीन नोटिस तामील होने के बावजूद भी उनका व्यकितगत तौर पर या उनके अधिवक्ता द्वारा उपसिथति नहीं देने पर उनके विरूद्व दिनांक 12-1-2015 को एकपक्षीय आदेष पारित किया जा चुका है । उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में ऐसा कोर्इ प्रावधान नहीं है कि मंच अपने द्वारा पारित आदेष को सेटेएसार्इट अथवा रिकाल कर सकता है । परिवादी की ओर से जो न्यायिक दृष्टान्त पेष किया गया है उसमें भी यही व्यवस्था दी गर्इ है कि जिला उपभोक्ता मंच को उसके द्वारा पारित एकपक्षीय आदेष को निरस्त करने का कोर्इ क्षैेत्राधिकार प्राप्त नहीं है । 
आदेष
न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्

                     अत: उक्त विवेचन के आधार पर अप्रार्थी सं. 3 के द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाता है। 


   

 
 
[HON'BLE MR. SURESH CHAND SHARMA]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. DINESH CHATURVEDI]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. JYOTI SHRIWASTAV]
MEMBER

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