राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील सं0-११०७/२०१५
(जिला मंच, मीरजापुर द्वारा परिवाद सं0-८३/२०११ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १५-०४-२०१५ के विरूद्ध)
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, ई-८, ईपीआईपी, रीको इण्डस्ट्रियल एरिया, सीतापुरा, जयपुर (राजस्थान)-३०२०२२ ब्रान्च आफिस १६, चिन्तल हाउस, स्टेशन रोड, लखनऊ द्वारा प्रबन्धक।
................. अपीलार्थी/विपक्षी सं0-२.
बनाम्
१. मंगला राय सिंह पुत्र अमरेश चन्द्र सिंह निवासी ग्राम रेक्सा (रेक्सा कला), पोस्ट-दाढ़ीराम, जिला मीरजापुर।
.................. प्रत्यर्थी/परिवादी।
२. सिटी कोर्प फाइनेंस इण्डिया लि0, स्वरूप नगर, कानपुर।
................... प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-३.
समक्ष:-
१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२. मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी ओर से उपस्थित :- श्री दिनेश कुमार विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-१ की ओर से उपस्थित :- श्री श्रीकृष्ण पाठक विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-२ की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक : १३-०३-२०२०.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, मीरजापुर द्वारा परिवाद सं0-८३/२०११ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १५-०४-२०१५ के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी ट्रक नं0-यू0पी0 ६३ एल ९०५० का पंजीकृत स्वामी है। उक्त ट्रक अपीलार्थी बीमा कम्पनी से दिनांक २२-०२-२०१० से २१-०२-२०११ तक के लिए बीमित था तथा बीमा पालिसी में वाहन का मूल्य १३,८६,०५०/- रू० निर्धारित किया गया। परिवादी का वाहन दिनांक १२-१२-२०१० को करीब ०४ बजे प्रात:काल रामपुर बाघेलान थाने के सामने पशु बचाने के
-२-
चक्कर में बिजली के पोल से टकाराते हुए आम के पेड़ से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया जिसकी सूचना बीमा कम्पनी को दी गई। बीमा कम्पनी ने शिकायत दर्ज करके सर्वेयर द्वारा वाहन का निरीक्षण कराया। परिवादी द्वारा वाहन की मरम्मत में आने वाले खर्च का आगणन टाटा मोटर्स से कराया। तब उसने ९,३२,८३५/- रू० का ऐस्टीमेट दिया जबकि सर्वेयर ने क्षति आंकलन ७,३६,०००/- रू० का किया। सर्वेयर की रिपोर्ट दिनांक २२-०२-२०११ को बीमा कम्पनी को प्राप्त होने के बाद बीमा कम्पनी द्वारा दिनांक ११-०३-२०११ को परिवादी के उक्त वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के सन्दर्भ में खींचे गये फोटोग्राफ के सम्बन्ध में ०७ दिन के स्पष्टीकरण मांगा गया। इसका जबाव परिवादी ने रजिस्टर्ड डाक से दिनांक १७-०३-२०११ को प्रेषित किया। परिवादी का स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद बीमा कम्पनी ने गलत तरीके से दुर्घटना को संदेहास्पद मानकर अपने पत्र दिनांक ०३-०५-२०११ द्वारा परिवादी के दावे को अस्वीकार कर दिया। अत: परिवाद क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु जिला मंच में योजित किया गया।
अपीलार्थी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अपीलार्थी के कथनानुसार सर्वेयर द्वारा वाहन का निरीक्षण करने पर यह पाया गया कि वाहन में मामूली क्षति हुई है। परिवादी द्वारा असत्य कथनों के आधार पर क्षतिपूर्ति का भुगतान प्राप्त करने के उद्देश्य से वाहन में पूर्ण क्षति अभिकथित की गई। अपीलार्थी का यह भी कथन है कि सर्वेयर की रिपोर्ट प्राप्त होने पर परीक्षण कराए जाने पर पाया गया कि परिवादी द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर दावा प्रस्तुत किया गया। इस सन्दर्भ में परिवादी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया जिसका परिवादी द्वारा कोई सन्तोषजनक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। अत: बीमा दावा स्वीकार नहीं किया गया।
जिला मंच ने यह मत व्यक्त करते हुए कि दुर्घटना के सन्दर्भ में परिवादी का अभिकथन स्वीकार न किए जाने हेतु बीमा कम्पनी की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई। अत: इस सन्दर्भ में अपीलार्थी बीमा कम्पनी का कथन जिला मंच द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। सर्वेयर द्वारा क्षति आंकलन ७,३६,०००/- रू० किया गया।
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सर्वेयर द्वारा किए गये क्षति आंकलन के आधार पर जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय द्वारा परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया तथा अपीलार्थी बीमा कम्पनी को आदेशित किया कि परिवादी को ७,३६,०००/- रू० क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान करे। इसके अतिरिक्त उक्त धनराशि पर परिवाद योजित करने की तिथि १५-०७-२०११ से अदायगी की तिथि तक ०८ प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी अदा करे तथा ३,०००/- रू० वाद व्यय के रूप में भी अदा करे। उक्त अदायगी निर्णय की तिथि से ४५ दिन के अन्दर किए जाने हेतु आदेशित किया गया।
इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी।
हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार तथा प्रत्यर्थी सं0-१ के विद्वान अधिवक्ता श्री श्रीकृष्ण पाठक के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी सं0-२ की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि कथित क्षतिग्रस्त वाहन के सर्वेयर द्वारा खींचे गये फोटो से परिवादी द्वारा कथित दुर्घटना घटित होनी नहीं मानी जा सकती।
प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि जिला मंच के समक्ष अपीलार्थी ने कोई ऐसी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की जिससे परिवादी द्वारा कथित दुर्घटना को संदेहास्पद माना जाय। जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय में स्वयं अपीलार्थी बीमा कम्पनी द्वारा नियुक्त सर्वेयर द्वारा किए गये क्षति आंकलन के अनुसार क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु अपीलार्थी को निर्देशित किया है। अपीलार्थी बीमा कम्पनी ने सर्वेयर द्वारा किए गये क्षति आंकलन के विरूद्ध कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं की है। ऐसी परिस्थिति में सर्वेयर द्वारा किए गये क्षति आंकलन को अस्वीकार करने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता। अपील में बल नहीं है। अपील तद्नुसार निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है। जिला मंच, मीरजापुर द्वारा परिवाद सं0-
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८३/२०११ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १५-०४-२०१५ की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष इस अपील का व्यय-भार स्वयं अपना-अपना वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-२.