राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-02/2015
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम-प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 535/2014 में पारित आदेश दिनांक 12.12.2014 के विरूद्ध)
Pushp Lata Saxena wife of Dinesh Narain Saxena, resident of House No. C-180, Sector-C, Mahanagar, Lucknow. ....................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd. through its Managing Director, Shakti
Bhawan, Lucknow.
2. Executive Engineer, Vidyut Vitran Khand (Mahangar)
Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd. D.N. Shah Park,
Kapoorthala, Lucknow. ................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, सदस्य।
3. माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री डी0एन0 सक्सेना, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 02.02.2015
माननीय न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम-प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 535/2014 में पारित आदेश दिनांक 12.12.2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत परिवादिनी का परिवाद फोरम में पोषणीय न होने के कारण निरस्त किया गया।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री डी0एन0 सक्सेना उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। श्री डी0एन0 सक्सेना को सुना गया और अभिलेख का अवलोकन किया गया।
पत्रावली का अवलोकन यह दर्शाता है कि जिला मंच द्वारा अपने प्रश्नगत निर्णय में परिवादिनी का परिवाद पोषणीय न होने के कारण निरस्त किया गया क्योंकि परिवादिनी के यहां विद्युत कनेक्शन में मीटर 92.5 प्रतिशत धीमा पाया गया, जिस पर विपक्षी द्वारा विद्युत अधिनियम की धारा 126 के अंतर्गत राजस्व निर्धारण कर नोटिस जारी की गयी। हमारी राय में जिला मंच द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय विधिसम्मत है क्योंकि ऐसे मामले जो विद्युत चोरी अथवा विद्युत के अवैधानिक रूप से प्रयोग करने
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पर राजस्व निर्धारण से सम्बन्धित हैं, मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील नं0 5466/2012 (arising out of SLP No. 35906 of 2011), यू0पी0 पावर कारपोरेशन लि0 व अन्य बनाम अनीस अहमद में पारित निर्णय दिनांक 01.07.2013 के अनुसार उपभोक्ता फोरम के समक्ष चलने योग्य नहीं हैं। अत: यह अपील अस्वीकार की जाने योग्य है।
आदेश
अपील उपरोक्त अस्वीकार की जाती है।
(न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह) (जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (जुगुल किशोर)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1