Rajasthan

Kota

CC/102/2011

Bhupendra nagar - Complainant(s)

Versus

Managing Director, Higher Office & Higher Aplinses India pvt. ltd. - Opp.Party(s)

Sanjay Sharma

26 Nov 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।

प्रकरण संख्या-102/11
भूपेन्द्र नागर पुत्र रामपाल नागर आयु 28 साल जाति नागर निवासी ग्राम चन्द्रेसल, तहसील लाडपुरा जिला कोटा।                              -परिवादी।
                     बनाम
01.    हायर आॅफिस एण्ड हायर एप्लांसेज इण्डिया पा्र.लि. जरिये मैनेजिंग डाइरेक्टर, बी-1/ए, मोहन को-आॅपरेटिव इण्डस्ट्रीयल मथुरा रोड, नई दिल्ली-110044
02.    सलोनी एम्पोरियम जरिये प्रोपराईटर पानी की टंकी के पास, केशव मंदिर मार्ग, केशवराय पाटन, जिला बूंदी, राजस्थान।
03.    एम.एम. ब्रदर्स कोटडी रोड, गुमानपुरा, कोटा। 
-विपक्षीगण
समक्ष   :
अध्यक्ष  :        भगवान दास     
सदस्य  :        हेमलता भार्गव 
       परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1  श्री संजय शर्मा, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2  विपक्षी सं. 1 व 2के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही ।
3. विपक्षी सं. 3 की तल्वी बंद।
   
    निर्णय           दिनांक 26.11.15
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उनका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि विपक्षी सं.1 द्वारा निर्मित मोबाईल सेट विपक्षी सं. 2 से दिनांक 20.06.09 को नकद 4,800/- रूपये अदा करके खरीदा था। उसी दिन उसमें खराबी आ गई, जिसकी शिकायत विपक्षी सं. 2 को की गई उसने विपक्षी सं. 3 सर्विस सेन्टर को दिखाने के लिये कहा। विपक्षी सं. 3 ने मोबाईल ठीक करने के लिये रख लिया, लेकिन ठीक करके नहीं दिया। उसने मोबाईल बदल कर दूसरा नहीं दिया,  विपक्षी सं. 2 ने भी नया मोबाईल देने से इंकार कर दिया विपक्षीगण को रजिस्टर्ड डाक से कानूनी नोटिस भेजा गया उसके बावजूद मोबाईल बदल कर नहीं दिया। जिससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ।  
    विपक्षी सं. 1 व 2 पर नोटिस की रजिस्टर्ड डाक से विधिवत तामील हो गई, लेकिन वे उपस्थित नहीं आये और ना ही जवाब पेश किया, इसलिये उनके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही के आदेश दिये गये।  विपक्षी सं. 3 को तलब नहीं करने की परिवादी ने प्रार्थना की, इसलिये उसे नोटिस जारी नहीं किया गया। 
    परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा  मोबाईल खरीद बिल, विपक्षीगण को प्रेषित कानूनी नोटिस, पोस्टल रसीद,तामील होने के प्रमाण-पत्र आदि की प्रतिया प्रस्तुत की हैं ।
    हमने दोनों पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
    विवादित मोबाईल विपक्षी स.ं 2 से खरीद किया है जिसकी दुकान प्रादेशिक क्षैत्राधिकार में नहीं है। विपक्षी सं. 1 निर्माता है उसका कार्यालय भी इस मंच के प्रादेशिक क्षैत्राधिकार में नहीं है। वैसे भी मोबाईल मं निर्माणदोष नहीं बताया गया है। मुख्य रूप से विपक्षी सं. 3 द्वारा मोबाईल ठीक करने  के लिये रख लेना एवं नहीं लौटाने का दोष बताया, लेकिन उसे स्वयं परिवादी ने तलब नहीं करवाया है। इस प्रकार हम पाते है कि विपक्षी सं. 1 व 2 इस मंच के क्षैत्राधिकार में कार्य नहीं करने के कारण इस मंच को परिवाद सुनने का अधिकार प्राप्त नहीं है। इसी आधार पर परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।  

                     आदेश 

     परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 

(हेमलता भार्गव)                             ( भगवान दास)  
  सदस्य                                             अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                          जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                           प्रतितोष मंच, कोटा।
    निर्णय  आज दिनंाक 26.11.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                                           अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                         जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                          प्रतितोष मंच, कोटा।

 

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