Chhattisgarh

Raigarh

CC/139/2014

Ramswaroop Shah - Complainant(s)

Versus

Manager SBI - Opp.Party(s)

H.S. Rathaur

10 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/139/2014
 
1. Ramswaroop Shah
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Manager S.B.I.
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SANMAN SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH MEMBER
 HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY MEMBER
 
For the Complainant:H.S. Rathaur, Advocate
For the Opp. Party: Rajendar Vishwal, Advocate
ORDER

 

                           जिला उपभोक्ता  विवाद प्रतितोषण फोरम, रायगढ़ (छ.ग.)

 

समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष                                            प्रकरण क्रमांक   139/2014

सुभाष पाण्डेय,सदस्य                                                       संस्थित दिनांक  19.09.2014

               

रामस्वरूप शाह आ0 हरिराम शाह

उम्र 59 वर्ष नि. कन्या विवाह भवन

के पास तह0 खरसिया जिला रायगढ़ (छ.ग.)                    .................आवेदक

 

                                                                                //वि        रू        द/

श्रीमान शाखा प्रबंधक

भारतीय स्टेट बैक आॅफ इंडिया शाखा खरसिया

तह0 खरसिया जिला रायगढ़ (छ.ग.)                          .................अनावेदक

                                          आवेदक द्वारा श्री एच.एस.राठौर अधिवक्ता।

                                         अनावेदक द्वारा श्री राजेन्द्र विश्वाल अधिवक्ता।

 

                                                                      (आदेश)

                                                (आज दिनांक 10/03 /2015 को पारित आदेश्‍)

सनमान सिह, अध्यक्ष

1/-                          आवेदक ने अनावेदक के विरूद् खाता क्रं. 107594467875 से दिनांक 06.06.09 को निकाली गई राशि 18,995/-रूपये उक्त राशि पर दिनांक 06.06.09 से वसूली दिनांक तक  9 प्रतिशत ब्याज एवं 50,000/-रूपये मानसिक/आर्थिक क्षतिपूर्ति कुल 68,995/-रूपये दिलाये जाने हेतु धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत यह परिवाद प्रस्तुत किया है।

2/-                          आवेदक का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 01.02.08 को रिलायंस पावर लिमिटेड मुबंई द्वारा एच.डी.एफ.सी. के चेंक क्रं. 522653 राशि 18,995/-रूपये आवेदक के नाम जारी किया गया था। आवेदक ने उक्त चेक भारतीय स्टेट बैक आफ इंडि़या शाखा खरसिया में अपने खाता क्रं. 107594467875 में दिनांक 25.08.08 को भुगतान हेतु जमा किया।  दिनांक 11.05.08 को अनावेदक ने उक्त चेक की राशि 18,995/-रूपये आवेदक के खाते में जमा कर दिया। दिनांक 06.06.09 को अनावेदक ने आवेदक को सूचना दिये बिना 18,995/-रूपये आवेदक के खाता से पेमेंट नाट रिसिव करके निकाल लिया। आवेदक को अपने खाता में कम राशि जमा होना ज्ञात होने पर दिनांक 26.02.10 को अनावेदक से अपने खाता का स्टेटमेंट लिया तब उसे जानकारी हुई की अनावेदक ने आवेदक को सूचित किये बिना ही चेक क्रं. 522653 की राशि 18,995/-रूपये पेमेंट नाट रिसीव दर्शाकर आवेदक के खाता से (डेविट) निकाल लिया। आवेदक ने अनावेदक से 18,995/-रूपये उसके खाता में जमा करने का निवेदन किया तो अनावेदक के द्वारा बताया गया कि चेक क्रं. 522653 कलेक्शन के लिए भेजा गया था उसी दरम्यिान चेक गुम हो गया। चेक मिलने पर राशि उसके खाता में जमा कर दिया जाएगा। अनावेदक द्वारा चेक राशि खाता में जमा न करने पर आवेदक बैकिग लोकपाल कार्यालय म.प्र. भोपाल से  शिकायत किया किन्तु

                                                                                                                                                                     

बैकिंग लोकपाल योजना 2006 के खण्ड 9(2) के अन्तर्गत शिकायत का विस्तृत ब्यौरा एवं बैक का नाम, पता नहीं दिया कहकर अभिलेख बंद कर दिया। बैकिंग लोकपाल का आदेश आवेदक को दिनांक 06.07.13 को प्राप्त हुआ। आवेदक ने अपने अधिवक्ता के द्वारा दिनांक 26.08.14 को अनावेदक को नोटिस प्रेषित कर चेक की राशि उसके खाता में जमा करने हेतु नोटिस प्रेषित किया। उसके बाद भी अनावेदक के द्वारा उसके खाता में राशि जमा नहीं की गई जिसके फलस्वरूप आवेदक को आर्थिक/मानसिक परेशानी हुई। इसलिए आवेदक ने उपरोक्त अनुतोष दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है।

 

3/-                          अनावेदक ने अपने जवाब में बताया है कि आवेदक के परिवाद की कंडिका 2,3 को स्वीकार करते हुए कंडिका 4,5 को अशतः स्वीकार करते हुए अभिकथन किया है कि आवेदक के खाता से 18,995/-रूपये पेमेंट नाट रिसीव करके निकाल लिया गया है। चेक कलेक्शन के दरम्यिान गुम हो जाने की सूचना आवेदक को दी गई थी और यह भी बताया गया था कि राशि बैक द्वारा निकाल लिया गया है। चेक मिलते ही राशि जमा कर दिया जाएगा। आवेदक बैंकिंग लोकपाल म.प्र. भोपाल को शिकायत भेजा था। बैकिंग लोकपाल ने शिकायत त्रुटिपूर्ण होने के आधार पर अभिलेख बंद कर दिया। बैक के नियमानुसार चेक जमा होने के बाद कलेक्शन के लिए भेजा जाता है। अनावेदक ने कलेक्शन हेतु भेजने के पहले राशि आवेदक के खाता में जमा कर दिया था। जिसे बाद में निकाल लिया गया जिसकी सूचना आवेदक को दी गई थी। आवेदक द्वारा जमा किया गया चेक डाक में गुम हो गई गुम हुए चेक के संबंध में कई प्रयास किए गये किन्तु चेक प्राप्त नहीं हुआ जिसके फलस्वरूप चेक का भुगतान नहीं किया जा सकता। उक्त भूल सद्भाविक है। आवेदक चाहे तो चेक जारी कर्ता से पुनः चेक प्राप्त कर सकता है।

 

4/-                          आवेदक की ओर से स्टेट बैक शाखा खरसिया में चेक जमा पर्ची दिनांक 25.04.08, स्टेट बैक रायपुर को प्रेषित पत्र दिनांक 22.09.11, स्टेटमेंट दिनांक 26.09.10, मुख्य महाप्रबंधक भारतीय रिजर्व बैक मुबंई को पत्र दिनांक 28.01.13, दिनांक 28.01.13 को रजिस्ट्री पोस्ट की रसीद, एस.एम. सोनटक्के सहायक प्रबंधक द्वारा नोडल अधिकारी भा.स्टेट बैक मुबंई को दिया गया पत्र दिनांक 11.03.13, रिर्जव बैक आफ इंडिया होशंगाबाद को प्रेषित पत्र दिनांक 10.06.13, बैकिंग लोकपाल कार्यालय का आदेश दिनांक 24.06.13, अधिवक्ता द्वारा प्रेषित नोटिस दिनांक 26.08.14 की छायाप्रति दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है।

 

5/-                          आवेदक की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि आवेदक ने दिनांक 25.04.08 को चेक क्रं. 522653 राशि 18,995/-रूपये अनावेदक की शाखा में जमा कर पावती प्राप्त किया था। दिनांक 22.09.11 को आवेदक चेक क्रं. 522653 की राशि 18,995/-रूपये अनावेदक द्वारा खाता में जमा करने के बाद राशि निकाल लिये जाने पर अनावेदक को शिकायत किया था। बैक के स्टेटमेंट आफ एकाउन्ट के अनुसार दिनांक 11.05.08 को आवेदक के खाता क्रं.107594467875 चेक क्रं.522653 की राशि 18,995/-रूपये जमा किया गया था। किन्तु दिनांक 06.06.09 को उक्त राशि खाते से (डेविट) निकाल लिया गया। आवेदक ने दिनांक 28.01.13 को मुख्य महाप्रबंधक ग्राहक सेवा विभाग भारतीय रिर्जव बैक मुबंई को भी शिकायत किया था। भारतीय रिर्जव बैक ने नोडल अधिकारी भारतीय स्टेट बैक को आवेदक व अन्य शिकायकर्ताओं की शिकायत के संबंध में 30 दिन के भीतर शिकायत का निराकरण करने का निर्देश दिया था। पत्र के साथ शिकायत की सूची भी प्रस्तुत किया था। जिसमें आवेदक की भी शिकायत सम्मलित थी। दिनांक 10.06.13 को आवेदक ने पुनः रिर्जव बैक आफ इंडिया को शिकायत किया था। बैकिंग लोकपाल कार्यालय भोपाल ने आवेदक की शिकायत अपूर्ण होने के आधार पर अभिलेख बंद कर दिया जिसकी सूचना आवेदक को दिया था। दिनांक 26.08.14 को आवेदक अनावेदक को अपने अधिवक्ता के द्वारा पंजीकृत सूचना पत्र प्रेषित कर चेक की राशि 18,995/-रूपये 15 दिन के अंदर मय ब्याज जमा करने हेतु नोटिस प्रेषित किया था।

 

6/-                          आवेदक ने अपने लिखित तर्क में भी बताया है कि रिलांयस पावर लिमि.मुबंई ने एच.डी.एफ.सी. बैक का चेक क्रं. 522653 राशि 18,995/-रूपये उसके नाम दिनांक 01.02.08 को जारी किया था। उक्त चेक दिनांक 25.04.08 को अनावेदक बैक में जमा किया था। अनावेदक बैक ने उक्त चेक की राशि दिनांक 11.05.08 को आवेदक के खाता में जमा किया था। किन्तु दिनांक 06.06.09 को पेमेंट नाट रिसीव करके निकाल लिया। जिसकी जानकारी आवेदक को बैक स्टेटमेंट दिनांक 26.10.10 को अनावेदक ने उसके खाता में जमा राशि आवेदक को सूचना दिये बिना ही 1 वर्ष पश्चात् निकाल कर व्यवसायिक दुराचरण एवं सेवा में कमी किया गया। आवेदक का यह भी तर्क है कि निकाले गये चेक की राशि खाता में जमा करने के संबंध में अनावेदक को लिखित शिकायत किये जाने पर उसे बताया गया था कि चेक कलेक्शन के दरम्यिान चेक डाक से गुम हो गई है। चेक मिलने पर राशि उसके खाता में जमा कर दी जाएगी। आवेदक का यह भी तर्क है कि उसने बैक लोकपाल भोपाल को भी शिकायत किया था। किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। दिनांक 26.08.14 को अधिवक्ता के माध्यम से अनावेदक को पंजीकृत सूचना पत्र प्रेषित किया था। उसके बाद भी चेक की राशि खाता में जमा नहीं की गई। आवेदक ने ब्याज सहित चेक की राशि उसके खाता में जमा किये जाने एव मानसिक/आर्थिक क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का निवेदन किया है।

 

7/-                          अनावेदक की ओर से चेक की ि‍द्तीय प्रति जारी किये जाने हेतु प्रेषित पत्र दिनांक 06.01.11, 10.04.13 एवं 22.06.13 छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

 

8/-                          अनावेदक की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के अवलोकन से विदित है कि अनावेदक ने The manager Karvy Computershare Privat Limted Andhra Pradesh  को ि‍द्तीय प्रति जारी किये जाने बाबत विभिन्न तिथियों में पत्र लिखा था।

 

9/-                          अनावेदक की ओर से लिखित तर्क प्रस्तुत नहीं किया गया है। तर्क में बताया गया है कि उनके बैक की शाखा में आवेदक का खाता है। आवेदक चेक क्रं. 522653 राशि 18,995/-रूपये दिनांक 25.04.08 को जमा किया था। भूलवश कलेक्शन के पूर्व चेक की राशि आवेदक के खाता में जमा कर दिया गया था। चेक कलेक्शन के दरम्यिान डाक से गुम हो गई जिसकी सूचना आवेदक को दिया गया था। आवेदक के खाता में जमा की गई राशि निकाल लिया गया। अनावेदक का यह भी तर्क है कि चेक जारी कर्ता को चेक की ि‍द्तीय प्रति जारी करने हेतु अनावेदक के द्वारा पत्र भी लिखा गया था। किन्तु चेक जारी कर्ता द्वारा चेक की ि‍द्तीय प्रति जारी नहीं किया गया। कलेक्शन हेतु चेक भेजा गया था जो डाक से गुम हो गई जो कि सद्भभाविक भूल है। अनावेदक के द्वारा जानबूझकर सेवा में कमी नहीं गई है। आवेदक का परिवाद निरस्त किया जावे।

 

10/-                        बैक के नियमानुसार चेक जमा होने पर चेक जारी कर्ता बैक को कलेक्शन हेतु भेजा जाता है। क्यिरेन्स होने पर ही चेक की राशि संबंधित खाता धारक के खाता में जमा किया जाता है। किन्तु इस प्रकरण में अनावेदक चेक क्यिरेन्स होने के पूर्व ही दिनांक 11.05.08 को आवेदक के खाता क्रं.107594467875 में चेक क्रं.522653 राशि 18,995/-रूपये जमा कर दिया। बाद में दिनांक 06.06.09 को पेमेंन्ट नाट रिसीव के आधार पर आवेदक के खाता से राशि निकाल लिया जिसकी सूचना आवेदक को नहीं दी गई। आवेदक द्वारा दिनांक 26.02.10 को अपने खाते का स्टेटमेंट                                                                                                                                                

 

                                 

प्राप्त करने पर चेक की राशि 18,995/-रूपये निकाल लेने की जानकारी हुई। आवेदक के द्वारा शिकायत करने पर आवेदक को बताया गया की चेक कलेक्शन हेतु भेजे जाने के दरम्यिान चेक डाक से गुम हो गई चेक प्राप्त होने पर राशि उसके खाता में जमा कर दिया जाएगा। आवेदक, अनावेदक के अलावा मुख्य महाप्रबंधक मुबंई, बैकिंग लोकपाल भोपाल को भी शिकायत किया था। कोई कार्यवाही न होने पर अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस प्रेषित किया। उसके बाद भी आज तक चेक की राशि आवेदक के खाता में जमा नहीं किया गया। अनावेदक ने सद्भभाविक भूल मानते हुए आवेदक को ही कहा की वह जारी कर्ता से पुनः चेक प्राप्त कर सकता है। जबकि अनावेदक ने चेक की ि‍द्तीय प्रति जारी करने हेतु The manager Karvy Computershare Privat Limted Andhra Pradesh  को दिनांक 06.01.11, 10.04.13 तथा 22.06.13 को पत्र लिखा था। उसके बाद भी चेक जारी कर्ता द्वारा ि‍द्तीय प्रति चेक जारी नहीं किया गया। आवेदक दिनांक 25.08.08 को अनावेदक के शाखा में चेक क्रं.522653 राशि 18,995/-रूपये जमा किया था। आज तक उक्त चेक की राशि आवेदक को प्राप्त नहीं हुआ। जिससे आवेदक को मानसिक/आर्थिक क्षति पहुंची है। अनावेदक ने आवेदक द्वारा दिये गये चेक गुमाकर सेवा में कमी एवं व्यवसायिक दुराचरण किया है। आवेदक चेक की राशि 18,995/-रूपये मय ब्याज एवं मानसिक/आर्थिक क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी है।

 

                                अतः यह आदेश पारित किया जाता है किः-

 

1.            अनावेदक, आवेदक को आदेश दिनांक से एक माह के भीतर चेक क्रं. 522653 राशि 18,995/-रूपये आवेदक के खाता क्रं. 107594467875 में जमा करेंगा।

2.            अनावेदक, आवेदक को 18,995/-रूपये पर दिनांक 01.05.08 से भुगतान दिनांक तक 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देवेंगा।

3.            अनावेदक , आवेदक को 20,000/-रूपये मानसिक/आर्थिक क्षतिपूर्ति एवं 2,000/-रूपये वाद व्यय भी देवेंगा।

 

 

 (सुभाष पाण्डेय)                                                                                                           (सनमान सिंह)

    सदस्य                                                                                                                     अध्यक्ष

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण                                                                       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण

  फोरम रायगढ़ (छ0ग0)                                                                                             फोरम रायगढ़ (छ0ग0)

 
 
[HON'BLE MR. SANMAN SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY]
MEMBER

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