Uttar Pradesh

StateCommission

A/1200/2023

ICICI Lombard General Insurance Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Manager/Owner, United Motors & General Fabricators & Another - Opp.Party(s)

Brijendra Chaudhary

31 May 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1200/2023
( Date of Filing : 20 Jul 2023 )
(Arisen out of Order Dated 01/02/2023 in Case No. C/2007/167 of District Lucknow-I)
 
1. ICICI Lombard General Insurance Co. Ltd.
Through the Manager Legal Office at B-503 to 508, Fifth Floor, Summit Building, Vibhuti Khand, Gomti Nagar, Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Manager/Owner, United Motors & General Fabricators & Another
Telco, Authorized Service center, Automobile Engineers & Body Builders, Khurram Nagar,Picnic Spot Road, Vikas Nagar Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 31 May 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1200/2023

आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्‍बार्ड जनरल इं0कं0लि0 बनाम मैनेजर/ओनर, यूनाइटेड मोटर्स एण्‍ड जनरल फैब्रिकेटर्स व अन्‍य

दिनांक:-31.5.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-167/2007 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 01.02.2023 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍य पर विस्‍तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

''परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि सर्वेयर द्वारा आंकलित धनराशि मुबलिग 2,00,289.00 (दो लाख दो सौ नवासी रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय के 45 दिन के अन्दर अदा करेंगे। परिवादी को हुए मानसिक उत्पीड़न के लिये मुबलिग 20,000.00 (बीस हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रुपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।

निर्णय की प्रति उभयपक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।"

 

 

-2-

जिला उपभोक्‍ता आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी की ओर से प्रस्‍तुत अपील योजित की गई है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री प्रसून कुमार राय को सुना तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। प्रत्‍यर्थीगण के अधिवक्‍ता अनुपस्थित हैं।

मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि सम्‍मत है, परन्‍तु जहॉ तक विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने प्रश्‍नगत आदेश में सर्वेयर द्वारा आंकलित धनराशि पर जो 09(नौ) प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित अदा करने हेतु आदेशित किया गया है वह वाद के सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के अधिवक्‍ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए अधिक प्रतीत हो रही है तद्नुसार उसे अपीलार्थी के अधिवक्‍ता की सहमति से 09(नौ) प्रतिशत के स्‍थान पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक 07(सात) प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की देयता में परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है।

साथ ही प्रश्‍नगत आदेश में अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी के विरूद्ध जो मानसिक क्षतिपूर्ति के मद में रू0 20,000.00 (बीस हजार रू0) की देयता निर्धारित की गई है, वह वाद के सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के अधिवक्‍ता के कथन को दृष्टिगत

-3-

रखते हुए अधिक प्रतीत हो रही है तद्नुसार उसे भी रू0 20,000.00 (बीस हजार रू0) की देयता के स्‍थान पर रू0 10,000.00 (दस हजार रू0) की देयता में परिवर्तित किया जाता है एवं प्रश्‍नगत आदेश में वाद व्‍यय के मद में जो रू0 10,000.00 (दस हजार रू0) की देयता निर्धारित की गई है, उसे भी रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) की देयता में परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है। तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। निर्णय/आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।

अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन 06 (छ:) सप्‍ताह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें। अंतरिम आदेश यदि कोई पारित हो, तो उसे समाप्‍त किया जाता है।

प्रस्‍तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

                                       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                             

                                           अध्‍यक्ष                                                                                                                

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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