Uttar Pradesh

Ghazipur

CC/262/2014

Shri Mahant Akhileshwar Das Chetan Sitaram Das - Complainant(s)

Versus

Manager/Agent Vodafone Company - Opp.Party(s)

Shri Ban Bihari Singh

12 Aug 2015

ORDER

                             प्रस्‍तुत होने का दिनांक: 27-10-2014

                            निर्णय दिनाक: 12-08-2015

          जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, गाजीपुर

उपस्थित: श्री राम प्रकाश वर्मा ...................................  ......... अध्‍यक्ष

           श्रीमती परमशीला ..................       ........................सदस्‍या

           श्री मनोज कुमार............      ..............      ...........सदस्‍य,        

                   उपभोक्‍ता परिवाद सं0 262/2014

श्री महन्‍त अखिलेश्‍वर दास चेला सीताराम दास मुह0- तुलसीसागर लंका पूर्वी जिला- गाजीपुर ।.................................................................परिवादी

                        बनाम

  1. मैनेजर/ एजेन्‍ट, वोडाफोन कम्‍पनी मुह0 सिद्धेश्‍वर नगर कालोनी गाजीपुर।
  2. क्षेत्रीय प्रबंधक, वोडाफोन डिजलिंक लि0 शालीमार टिटनलम टी/सी जी- 1/1 विभूति खण्‍ड गोमती नगर लखनऊ 226010  ।

                      निर्णय

       परिवादी ने यह परिवाद इस आशय से योजित किया है कि व्‍यापार में क्षति के लिए उसे रू0 100000/- तथा मानसिक, आर्थिक व शारीरिक कष्‍ट के लिए रू0 50000/- कुल रू0 150000/- प्रतिकर के रूप में विपक्षी गण दिलाये जाय।

       परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन संक्षेप में  इस प्रकार है कि उसने विपक्षी सं01 से दि0 15-7-14 को पोस्‍ट पेड वोडाफोन सं0 9455628702 रू0 500/- भुगतान करके प्राप्‍त किया था। पहली किस्‍त दि0 01-08-14 से 31-08-14 तक की आयी और इस बावत परिवादी ने रू0412/- का भुगतान किया। दूसरी किस्‍त रू0 712/- की आयी, जिसे परिवादी ने दि012-09-14 को भुगतान कर दिया। परिवादी ने दि0 12-09-2014 को अन्तिम बिल का भुगतान कर दिया। तत्‍पश्‍चात् विपक्षी गण ने उसका कनेक्‍शन बंद कर दिया। यदि परिवादी ने रू0 412/- अदा न किया होता तो उसका मोबाइल बंद हो सकता था, लेकिन समय पर बिल अदा करने के बावजूद विपक्षी गण ने उसका मोबाइल बंद कर दिया जिससे उसे करीब रू0 100000/- का नुकसान हुआ। परिवादी मूर्तियों का कारोबार तथा अपने चेलों से वार्ता करता है। मोबाइल बंद होने के कारण उसे आर्थिक व मानसिक कष्‍ट हुआ जिसके लिए रू0 50000/- प्रतिकर देय है । परिवादी का मोबाइल अब तक बंद चल रहा है। विपक्षी गण के मनमाने कृत्‍य व  लापरवाही के कारण परिवादी को क्षति हुई है।

       विपक्षी सं01व 2 की ओर से अपने प्रतिवाद पत्र कहा गया है कि परिवाद पत्र में जिस प्रकार से कथन किये गये हैं, उन्‍हें स्‍वीकार नहीं है। विपक्षी गण की ओर से आगे कहा गया है कि परिवादी द्वारा लिये गये मोबाइल कनेक्‍शन पर रू0 1500/- की क्रेडिट लिमिट थी। चॅूकि विपक्षी का बिल क्रेडिट लिमिट से अधिक थी] जिसकी अदायगी नहीं की गयी थी इसलिए कनेक्‍शन को रोका गया था और जब अदायगी कर दी गयी तो कनेक्‍शन मुक्‍त कर दिया गया था। माह सितम्‍बर 2014 का बिल रू0 1579.25 का था और माह अक्‍टूबर में  रू0 705-25 का बिल था । इस प्रकार इन दोनों बिलों का भुगतान न होने के कारण दिनांक 30-10-14 को मोबाइल कनेक्‍सन  निलंबित कर दिया गया। विपक्षी से परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है और उसका परिवाद खारिज होने येाग्‍य है। विपक्षी सं01 व 2 की ओर से यह भी कहा गया है कि  ।।। (2009) सी.पी.जे. 71 (एस सी)  जनरल मैनेजर टेलीकाम बनाम एम. कृष्‍णा आदि मामले में मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्‍त] जिसका अनुसरण II  (2010) सी.पी.जे. 299 वाई के तनेजा बनाम कूनेक्‍ट एच.एफ.सी.एल. इनफोटेल लि0 मामले में भी किया गया है।  मामले में प्रतिपादित सिद्धान्‍त के अनुसार उपभोक्‍ता फोरम को टेलीफोन बिल आदि से सम्‍बन्धित  विवाद निस्‍तारण करने का क्षेत्राधिकार नहीं है।

       परिवाद में किये गये कथनों के समर्थन में परिवादी ने शपथ पत्र 8ग प्रस्‍तुत किया है और सूची कागज सं011ग के जरिये 3 अभिलेख पत्रावली पर उपलब्‍ध किये हैं । विपक्षी गण की ओर से अपने प्रतिवाद पत्र में किये गये कथनों के समर्थन में श्री सप्‍ताशु मित्रा जोनल हेड का शपथ पत्र 18ग पत्रावली पर उपलब्ध  किया गया है।

  परिवादी ने अपने कथनों के समर्थन में लिखित बहस कागज संख्‍या 21ग तथा विपक्षी ने अपने कथनों के समर्थन में लिखित बहस कागज सं0 19ग पत्रावली पर उपलब कराई हैं ।

              वर्तमान मामले में यह विवादित नहीं है कि परिवादी ने विपक्षी सं01 से दिनांक 15-07-14 को पोस्‍ट पेड वोडाफोन कनेक्‍शन सं0 94556728702 प्राप्‍त किया था। यह तथ्‍य भी विवादित नहीं है कि उक्‍त कनेक्‍शन पर  क्रेडिट लिमिट रू0 1500/- थी। यह भी स्‍वीकृत तथ्‍य है किजुलाई माह का पहला बिल रू0 412/- का था, जिसे परिवादी ने दिनांक 16-08-14 को  जमा किया था और दिनांक 01-08-14 से 31-08-14  तक की अवधि का  दूसरा बिल रू0 712-00 का था, जिसे परिवादी ने 12-09-14 को जमा किया था । दिनांक

 01-09-14 से 30-09-14 तक की अवधि का तीसरा बिल  रू0 1579/- का तथा दिनांक 01-10-14 से 31-10-14 तक की अवधि तक का, चौथा बिल  रू0 705/- का था यह दोनों बिल परिवादी द्वारा जमा करने का न तो उल्‍लेख परिवाद पत्र  में किया गया है और न इन बिलों की अउदायगी  साबित करने के लिए कोई साक्ष्‍य  परिवादी ने पत्रावली पर उपलब्‍ध की हैं। विपक्षी का कहना है कि डायनैमिक, क्रेडिट लिमिट रू01500/- से अधिक बकाया हो जाने के कारण परिवादी का कनेक्‍शन निलंबित किया गया है। ऐसी दशा में प्रकट है कि पक्षों के मध्‍य विवाद बिल की अदायगी को लेकर है।

       विपक्षी गण की ओर से कहा गया है कि बिल‍ सम्‍बन्‍धी विवाद के लिए उपभोक्‍ता फोरम में परिवाद योजित नहीं किया जा सकता। इसके लिए इण्डियन टेलीग्राफ एक्‍ट की धारा 7- बी के अधीन कार्यवाही करके  अनुतोष प्राप्‍त किया जा सकता है। विपक्षी गण की ओर से उद्घृत विभिन्‍न विधिक नजीरों पर आगे चर्चा की जा रही है:-

       ।।। (2009) सी.बी.जे. 71 (एस सी) जनरल मैनेजर टेलीकाम  बनाम एम कृष्णन आदि मामले में  टेलीफोन बिल अदा न करने के कारण कनेक्‍शन विच्‍छेद कर दिया गया था, जिसके विरुद्ध  उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष परिवाद योजित किया गया था। उपभोक्‍ता  फोरम  द्वारा  हर्जा देने के  साथ ही  कनेक्‍शन जोड़ने का निर्देश दिया गया था। उपभोक्‍ता फोरम के क्षेत्राधिकार को चुनौती देते हुए मा0  उच्‍च  न्‍यायालय  के समक्ष याचिका योजित की गयी थी जो खारिज हुई थी‍। उक्‍त निर्णय के विरुद्ध  मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय में सिविल अपील योजित हुई। मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय ने  उक्‍त सिविल अपील में  प्रतिपादित किया है कि  टेलीफोन बिल के सम्‍बन्‍ध में विवाद का मामला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष नहीं चल सकता। इण्डियन टेलीग्राफ एक्‍ट  की धारा 7बी में विशेष उपचार की व्‍यवस्‍था की गयी है।

       रिवीजन याचिका स01703/2010 प्रकाश वर्मा बनाम आइडिया सेलुलर लिमिटेड तथा रिवीजन याचिका सं0 3842/ 2007 ऊषा सेठ बनाम रिलाएंस इन्‍फोकाम लिमिटेड में मा0 राष्‍ट्रीय आयेाग ने उक्‍त मामले में मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्‍त का अनुसरण किया है।

  अपील सं0 2319/2011 रिलाएन्‍स कम्‍युनिकेसन लि0 बनाम श्री जितेन्‍द्र कुमार में  मा0 राज्‍य आयोग उ0प्र0 ने  तथा IV (2010) सी पी जे 447 भारती एयरटेल लि बनाम करन सिंह पन्नू आदि मामले में मा0 राज्‍य  आयोग हरियाणा ने तथा ।। (2011) सी पी जे 448 भारती सेलुलर लिमिटेड बनाम एन श्री निवासन आदि मामले में मा0 राज्‍य आयेाग तमिलनाडु ने भी उपरोक्‍त मामले में मा0 उच्‍च्‍तम न्‍यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्‍त का अनुसरण किया है।उक्‍त मामलों में प्रतिपादित सिद्धान्त  से प्रकट है कि बिल बकाया होने के कारण कनेक्‍सन काटे जाने  या बाधित किये जाने की दशा में  इण्डियन टेलीग्राफ ऐक्‍ट की धारा-7बीके अधीन कार्यवाही करके अनुतोष प्राप्‍त किया जा सकता है और उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष अनुतोष पाने हेतु परिवाद पोषणीय नहीं है।

  2012(2) सी पी आर 313 (एन सी) लोकेश परासर एडवोकेट  बनाम मे0 आइडिया सलुलर लिमिटेड, 2013 (3) सी पी आर 327 (एनसी) तापस कुमार राय नाम जनरल मैनेजर बी.एस.एन.एल, 2012 (1) सी पी आर 122 (एन सी) मनीराम परीक बनाम भारत संचार निगम  लिमिटेड मामले में भी मा0 राष्‍ट्रीय आयोग ने प्रतिपादित किया है कि  इस तरह के विवाद के मामलें में इण्डियन टेलीग्राफ ऐक्‍ट की धारा 7 बी के अधीन कार्यवाही करके अनुतोष प्राप्‍त किया जा सकता है और उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अधीन परिवाद पोषणीय नहीं है।

  वर्तमान मामले में तथ्‍यों तथा उपलब्‍ध  साक्ष्‍य से प्रकट है कि  यहॉ पक्षों के मध्‍य  देय बिल के सम्‍बन्‍ध में विवाद है। उपरोक्‍त मामलों में प्रतिपादित  विधिक सिद्धान्‍त से प्रकट है कि वर्तमान प्रकृति  के विवाद में  इण्डियन टेलीग्राफ ऐक्‍ट की धारा 7बी के अधीन कार्यवाही करके अनुतोष प्राप्‍त किया जा सकता है, तथा उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष  फोरम  के समक्ष परिवाद पोषणीय नहीं है। ऐसी स्थिति में उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम के समक्ष पोषणीय न होने के कारण परिवादी का परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

                      आदेश

       परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। विवाद की प्रकृति को देखते हुए पक्ष अपना- अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्‍क दी जाय।

दिनांक:12-08-2015

(श्रीमती परमशीला)         (मनोज कुमार)        (राम प्रकाश वर्मा)

    सदस्‍या,             सदस्‍य,                   अध्‍यक्ष,

जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम,           जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम,

         गाजीपुर।                                      गाजीपुर।

 

दिनांक: 12-08-2015

     निर्णय आज खुले न्‍यायालय में, हस्‍ताक्षरित, दिनांकित कर, उद्घोषित किया गया।

(श्रीमती परमशीला)   (मनोज कुमार)            (राम प्रकाश वर्मा)

      सदस्‍या          सदस्‍य,                   अध्‍यक्ष,

जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम,           जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम,

            गाजीपुर।                                  गाजीपुर

         

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