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Narotam lal joshi filed a consumer case on 03 Aug 2015 against Manager, Vodafone company in the Kota Consumer Court. The case no is CC/322/2010 and the judgment uploaded on 04 Aug 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
परिवाद संख्या:-322/2010
नरोतम लाल जोशी पुत्र बद्रीलाल आयु 52 साल जाति ब्राहमण निवासी म0न0 604 बालाकुण्ड, कोटा (राज0) -परिवादी
बनाम
01. मैनेजर, वोडा फोन कंपनी, घोडा वाला बाबा चैराहा, गुमानपुरा कोटा राजस्थान।
02. वोडाफोन एस्सार डिजीलिंक लिमिटेड, पांचवी मंजिल गौरव टावर, मालवीय नगर, जयपुर, राजस्थान। -विपक्षीगण
समक्ष:-
भगवान दास ः अध्यक्ष
महावीर तंवर ः सदस्य
हेमलता भार्गव ः सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
01. श्री सुरेश चन्द्र गौतम, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
02. श्री हेमन्त कृष्ण विजय, अधिवक्ता, विपक्षीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 03.08.2015
परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर संक्षेप में सेवा दोष बतया है कि उनसे मोबाईल नं. 9828064767 की मोबाईल सेवा ली जिस हेतु चार्ज किये गये बिल में 27.09.10 को प्रतियोगिता मेें शामिल होने, के आधार पर भी 2398.43 पैसे गलत रूप से जोडे गये जबकि वह काॅल रिसिव ही नहीं हुये थे उसके पश्चात उसकी इनकमिंग काल ही बिना सूचना के अनुचित रूप से बंद कर दी गई। विपक्षी को रजिस्टर्ड डाक से कानूनी नोटिस भेजा गया, जिसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया। जिसके फलस्वरूप परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ।
विपक्षीगण की ओर से जवाब प्रस्तुत कर यह प्रारंभिंक आपत्ति उठाई गई है कि विपक्षी कंपनी के विरूद्ध परिवाद सुनने का इस मंच को सुनवाई अधिकार नहीं है। यह भी जवाब में कहा गया है कि परिवादी ने स्वेच्छा से प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये मोबाईल सेवा का उपयोग किया था, जिसका नियमानुसार सही बिल जारी करते हुये भेजा गया है, उनका ऐसा कोई नियम नहीं है कि 1500/- रूपये बकाया होने पर सेवाये स्वतः समाप्त हो जाती हे। बिल की अदायगी नही करने के कारण सेवाये सही बंद की गई है। सेवा में कोई कमी नहीं की गई है।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी कंपनी द्वारा प्राप्त विवादित बिल, क्रेडिट लिमिट, अन्य बिल दिनांक 18.08.10, विपक्षीगण को दिये गये कानूनी नोटिस, ए डी रसीद, पोस्टल रसीद आदि दस्तावेजात पेश किये ।
विपक्षीगण ने अंकित दीक्षित (डिप्टी मैनेजर)के शपथ-पत्र के अलावा माननीय राज्य उपभोक्ता आयोग, जयपुर द्वारा अपील संख्या 565/2008 श्रीमति नंदू देवी बनाम भारतीय संचार निगम लिमिटेड में पारित निर्णय दिनांक 13.05.10, माननीय राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग नई देहली रीविजन पीटीशन नं. 1703/10 प्रकाश वर्मा बनाम आईडीया सेलूलर लिमिटेड और अन्य निर्णय दिनांक 21.05.10, परिवादी के मोबाईल सेवा से संबंधित काल विवरण 19.10.08 से 28.08.10 प्रस्तुत किये।
हमने विचार किया।
जहाॅ तक इस मंच द्वारा परिवाद की सुनवाई का अधिकार नही होने व इस संबंध में प्रस्तुत किये गये न्यायिक दृष्टान्तों का प्रश्न है , हमारा मत है कि सर्वोच्च न्यायालय ने नवीनतम मत दिया है कि टेलीग्राफ एक्ट की धारा 7 बी में टेलीग्राफ आथरटी से संबंधित विवाद ही इस मंच की सुनवाई में नहीं है जबकि विपक्षी है। टेलीफोन सेवा देने वाली कंपनी टेलीग्राफ आथरटी नहीं है। अर्थात् विपक्षी कंपनी टेलीग्राफ एक्ट के अन्तर्गत टेलीग्राफ आथरीटी नहीं है। इसलिये उसके विरूद्ध इस ंमच को सुनवाई का अधिकार प्राप्त है। आपत्ति सारहीन है।
जहाॅ तक परिवादी का यह कहना है कि दिनांक 27.08.10 को रात्रि में उसने प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये जो काल किये वे काल प्राप्त करने वाले ने रिसिव ही नहीं किये इसलिये उनका चार्जेज का बिल गलत भेजा गया है। लेकिन इसकी पुष्टि के लिये परिवादी ने कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया। इसके विपरीत विपक्षी मोबाईल कंपनी ने परिवादी द्वारा दिनांक 19.08.10 से 28.08.10 तक किये गये काॅल का विवारण प्रस्तुत किया है। जिसमें 27.08.10 से दिनांक 28.08.10 तक किये गये काल व उनकी अवधि का सही विवरण दिया गया है, जिसका खंडन परिवादी ने नहीं किया है। इस प्रकार हम पाते है कि विपक्षी कंपनी ने परिवादी द्वारा किये गये काल के संबंध में चार्जेज का सही बिल भेजा तथा उनकी अदायगी नही करने के फलस्वरूप मोबाईल सेवाये समाप्त करके सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादी नरोतम लाल जोशी का परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (हेमलता भार्गव) (भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनंाक 03.08.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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